Uttar Pradesh

StateCommission

A/1999/2416

U P S E B - Complainant(s)

Versus

B B Singh - Opp.Party(s)

01 Jan 1999

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1999/2416
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. U P S E B
a
...........Appellant(s)
Versus
1. B B Singh
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखन

अपील संख्‍या-2416 /1999

(मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, ललितपुर द्वारा परिवाद संख्‍या-114/1997 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30-07-1999 के विरूद्ध)        

इक्‍जीक्‍यूटिव इंजीनियर, यू0पी0 स्‍टेट विद्युत बोर्ड, विद्युत वितरण खण्‍ड, , ललितपुर।

                                      ...........अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम

वृष भान सिंह, पुत्र श्री रनधीर सिंह, निवासी- ग्राम डुलावन तह0 तालबेहट, जिला- ललितपुर।                               ...प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1- माननीय श्री जे0एन0 सिन्‍हा, पीठा0 सदस्‍य।

1. माननीय श्री राम चरन चौधरी, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री दीपक मेहरोत्रा, विद्वान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित   : कोई नहीं।

दिनांक: 22-04-2015

माननीय श्री राम चरन चौधरी, सदस्‍य, द्वारा उदघोषित

निर्णय

     अपीलकर्ता ने यह अपील जिला उपभोक्‍ता फोरम ललितपुर द्वारा परिवाद संख्‍या-114/1997 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30-07-1999 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की है, जिसमें जिला मंच द्वारा निम्‍न आदेश पारित किया गया है:- परिवाद विपक्षी के विरूद्ध सव्‍यय स्‍वीकार किया जाता है तथा विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी से दिनांक 28-03-1997 से 26-08-1997 की तिथि तक का कोई भुगतान अथवा चार्ज वसूल न करें। लगभग 5 माह विद्युत आपूर्ति न मिलने के कारण परिवादी  विपक्षी से विशेष क्षतिपूर्ति हेतु 500-00 रूपये पाने का भी अधिकारी है।

     संक्षेप में केस के तथ्‍य इस प्रकार से है कि परिवादी कनेक्‍शन संख्‍या-2503/038879 का विद्युत उपभोक्‍ता है। दिनांक 28-03-1997 को खम्‍भा गिरने से एवं तारों में आग लग जाने से विद्युत आपूर्ति पूरी तरह बन्‍द है।

(2)

परिवादी का द्वारा बिल का भुगतान किया गया है। परिवादी द्वारा एवं गांव के सैकड़ो लोगों द्वारा अनेको बार विद्युत व्‍यवस्‍था सही कराने व सप्‍लाई करने का निवेदन किया, परन्‍तु विद्युत विभाग के कर्मचारी 5000-00 रूपये की नाजायज मांग कर रहे थे, जिस कारण विद्युत व्‍यवस्‍था की सप्‍लाई हेतु कोई कदम नहीं उठाया गया। विद्युत विभाग द्वारा उक्‍त अवधि का नाजायज बिल वसूल करना चाहते है और बन्‍द कराने की धमकी दे रहें हैं।

     विपक्षी जिला मंच के समक्ष उपस्थित होकर अपना प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत किया, जिसमें कहा गया है कि परिवादी को कनेक्‍शन दिये गये है और उसे नियमानुसार बिल भेजे जाते है। दिनांक 28-03-1997 को  डुलावन की एल.टी. लाइन के डबल पोल का एक खम्‍भा विद्युत तारों में आंधी के कारण आग लग जाने के कारण टूट कर गिर गया। ग्राम डुलावन का कार्य बड़ा होने के कारण अटैण्‍ड नहीं किया जा सका है, जिसके लिए अनुमति भी उच्‍च अधिकारियों से प्राप्‍त कर सामान केन्‍द्रीय स्‍टोर झांसी से प्राप्‍त करना था। परिवादी के यहॉ की लाइन दिनांक 24-08-1997 को चालू कर दी गई है। परिवादी से किसी भी कर्मचारी ने 5000-00 रूपये की मांग नहीं की है। परिवादी से नियमानुसार पैसा लिया जा रहा है एवं विभाग के किसी कर्मचारी/अधिकारी ने कोई बन्‍द कराने की धमकी नहीं दी एवं परिवादी कोई क्षति विभाग से पाने का अधिकारी नहीं है।

     अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री दीपक मेहरोत्रा उपस्थित है, उनको सुना गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। पत्रावली का अवलोकन किया गया एवं जिला उपभोक्‍ता फोरम के निर्णय/आदेश दिनांकित 30-07-1999 का अवलोकन किया गया।

     अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने अपने तर्क में यह कहा कि परिवादी का कनेक्‍शन संयोजित कर दिया गया था एवं जिला मंच द्वारा जो

(3)

500-00 रूपये विशेष क्षतिपूर्ति के रूप में दिलाया गया है, वह न्‍यायोचित नहीं है, उसे समाप्‍त किया जाय।

     केस के तथ्‍यों परिस्थितियों में एवं अपील के आधार को देखते हुए तथा जिला उपभोक्‍ता फोरम के द्वारा जो निर्णय/आदेश में 500-00 रूपये विशेष क्षतिपूर्ति के रूप में परिवादी को दिलाया गया है, वह न्‍यायोचित नहीं है और वह समाप्‍त किये जाने योग्‍य है। अपीलकर्ता की अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

     अपीलकर्ता की अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्‍ता फोरम ललितपुर द्वारा परिवाद संख्‍या-114/1997 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30-07-1999 में आंशिक संशोधन करते हुए जिला मंच के द्वारा जो 500-00 रूपये विशेष क्षतिपूर्ति के रूप में परिवादी को दिलाया गया है, उसे समाप्‍त किया जाता है। शेष आदेश की पुष्टि की जाती है।

     उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वयं वहन करें।

 

 

 (जे0 एन0 सिन्‍हा)                           (राम चरन चौधरी) 

  पीठासीन सदस्‍य                                                   सदस्‍य

आर.सी. वर्मा, आशु.

 कोर्ट नं.3

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta]
MEMBER

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