View 3091 Cases Against Axis Bank
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BRIJESH filed a consumer case on 23 Sep 2021 against AXIS BANK in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/32/2017 and the judgment uploaded on 01 Oct 2021.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 32 सन् 2017
प्रस्तुति दिनांक 14.02.2017
निर्णय दिनांक 23.09.2021
बृजेश उम्र लगo 35 साल पुत्र श्रीराम सोनकर ग्राम नैठी पोस्ट- विन्दमठिया, थाना- मुबारकपुर, तहo- सदर, जिला- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
शाखा प्रबन्धक एक्सिस बैंक शाखा सिविल लाईन्स पोस्ट- सदर, शहर- आजमगढ़।
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह विन्दमठिया मुबारकपुर, सदर, आजमगढ़ का निवासी है और वह केरला में रहकर कारोबार करता है। जहाँ पर एक्सिस बैंक में उसका खाता नं. 915010049418909 उसके नाम से खुला है, जिस पर उसे ए.टी.एम. कार्ड जारी किया गया है। परिवादी की अपने घर आया था और तबीयत खराब होने के कारण दिनांक 17.10.2016 को अपने भाई हरिकेश को ए.टी.एम. से 20,000/- रुपए निकालने हेतु भेजा तो उसका भाई मुबारकपुर में स्थित एक्सिस बैंक शाखा सिविल लाईन्स आजमगढ़ के ए.टी.एम. से 20,000/- रुपए निकालने हेतु ए.टी.एम. कार्ड का प्रयोग किया और काफी प्रयास किया लेकिन पैसा नहीं निकला, लेकिन परिवादी के खाते से 20.000/- रुपए का ट्रान्जेक्शन गलत तरीके से हो गया। परिवादी तुरन्त मुबारकपुर में स्थित एक्सिस बैंक की शाखा में तत्काल शिकायत किया और ग्राहक सेवा केन्द्र के यहाँ भी टोलफ्री नं. पर शिकायत किया जिसका नं. 27642257 व 26022911 है। परिवादी को ए.टी.एम. से भुगतान न मिलने तथा याची के खाते से 20,000/- रुपए का गलत तरीके से हुए ट्रांजेक्शन के बाबत कई बार शाखा सिविल लाईन्स आजमगढ़ बैंक में मौखिक व लिखित शिकायत किया बैंक कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि याची के खाते से ट्रांजेक्शन सही हुआ है, तो प्रार्थी ने सी.सी.टी.वी. फुटेज की मांग की। तत्पश्चात् हेड ऑफिस बाम्बे से सी.डी. बनकर एक्सिस बैंक शाखा सिविल लाइन आजमगढ़ को मिली जहां से परिवादी को सी.डी. प्राप्त हुई, जिसे देखने से स्पष्ट हुआ कि पैसा नहीं निकला बल्कि ए.टी.एम. मशीन की गड़बड़ी या सर्वर फेल हो जाने के कारण उसके एकाउन्ट
से 20,000/- रुपया का गलत तरीके से ट्रान्जेक्शन हो गया था। परिवादी बार-बार बैंक का चक्कर लगाता रहा और अपने खाते से गलत ट्रान्जेक्शन के लिए अपने रुपए की मांग करता रहा, लेकिन बैंक कर्मचारियों द्वारा बार बार आश्वासन देकर आज कल कहकर टाला जाता रहा। परिवादी को क्षतिपूर्ति की भरपाई नहीं की गयी। अतः विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वे परिवादी को परिवादी के खाता सं. 915010049418909 से गलत तरीके से हुए ट्रान्जेक्शन 20,000/- रुपए तथा 18% वार्षिक ब्याज ट्रान्जेक्शन की तिथि से दिलाया जाए, मानसिक, आर्थिक व शारीरिक क्षति व भागदौड़ में हुए क्षतिपूर्ति हेतु मुo 20,000/- तथा खर्चा मुकदमा 5,000/- रुपए दिलाया जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी द्वारा कागज संख्या 5/2 बृजेश के आधार कार्ड की छायाप्रति तथा कागज संख्या 5/3 परिवादी के एकाउन्ट स्टेटमेन्ट की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।
कागज संख्या 13क विपक्षी द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवादी को परिवाद प्रस्तुत करने हेतु कोई वादकारण या अधिकार प्राप्त नहीं है। ए.टी.एम. का संचालन मानवरहित स्वचालित मशीनों द्वारा होता है, जिसमें कोई भी बैंककर्मी भौतिक रूप से सम्मिलित नहीं होता है न ही उक्त मशीन पर बैंक कर्मचारी का कोई नियंत्रण ही रहता है। परिवादी द्वारा कथित संचालन सफल रहा है। जैसा कि परिवादी की शिकायत का निस्तारण करते हुए परिवादी को भी शिकायत निवारण समिति द्वारा सूचित किया गया कि उसका संचालन सफल था। परिवादी द्वारा ए.टी.एम. का संचालन स्वयं न करके किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से संचालन कराया गया था, जिसे परिवादी के ए.टी.एम. की गोपनीयता भंग होने की प्रबल सम्भावना है तथा परिवादी के ए.टी.एम. का संचालन करने वाले व्यक्ति द्वारा ए.टी.एम. का दुरूपयोग किया जाना स्वमेव सिद्ध है। जिसके लिए परिवादी स्वयं उत्तरदायी है। विपक्षी द्वारा किसी भी प्रकार से सेवा में कमी नहीं की गयी है। परिवादी किसी भी अनुतोष को प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।
विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। परिवादी ने कागज संख्या 5/3 जो प्रस्तुत किया है उसके अवलोकन से यह स्पष्ट हो रहा है कि परिवादी का ट्रान्जेक्शन सही हुआ था और जिसको वह पैसा निकालने के लिए भेजा था उसे
20,000/- रुपए प्राप्त हो चुका था। परिवादी ने ए.टी.एम. का संचालन स्वयं न करके दूसरे व्यक्ति से करवाया। ऐसी स्थिति में परिवादी के ए.टी.एम. की गोपनीयता भंग हो गयी। चूंकि परिवादी के ए.टी.एम. का ट्रान्जेक्शन सही था। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद अस्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 23.09.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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