(मौखिक)
''राष्ट्रीय लोक अदालत''
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-696/2016
न्यू इण्डिया एश्योरेंस कं0लि0 बनाम अवधेश कुमार
दिनांक: 14.9.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील आज ''राष्ट्रीय लोक अदालत'' के सम्मुख प्रस्तुत की गयी, जो इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, उन्नाव द्वारा परिवाद संख्या-51/2014 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 19.02.2015 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है, जो कि विगत लगभग 08 वर्ष से लम्बित है।
मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री जफर अजीज को सुना तथा जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश का सम्यक परिशीलन एवं परीक्षण किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के कथनों को सुना गया तथा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली पर उपलब्ध समस्त अभिलेखों के परिशीलनोंपरांत यह पाया गया कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश विधि सम्मत है, परन्तु जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा अपने प्रश्नगत आदेश में जो प्रत्यर्थी/परिवादी को शारीरिक एवं मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में रू0 5,000.00 (पॉच हजार रू0) एवं वाद व्यय के रूप में रू0 2,500.00 (दो हजार पॉच सौ रू0) की देयता निर्धारित की हैं, वह मेरे विचार से अधिक प्रतीत हो रही है अत्एव वाद के तथ्य एवं परिस्थितियों तथा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के कथन को दृष्टिगत रखते हुए मानसिक एवं शारीरिक
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क्षतिपूर्ति के रूप में रू0 5,000.00 (पॉच हजार रू0) की देयता को रू0 2,000.00 (दो हजार रू0) तथा वाद व्यय के रूप में रू0 2,500.00 (दो हजार पॉच सौ रू0) की देयता को रू0 1,000.00 (एक हजार रू0) में परिवर्तित/संशोधित करते हुए प्रश्नगत आदेश में जो 10 (दस) प्रतिशत ब्याज की देयता निर्धारित की गई है उसे भी 10 (दस) के स्थान पर 06 (छ:) प्रतिशत ब्याज में संशोधित किया जाता है। शेष निर्णय/आदेश यथावत कायम रहेगा। तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है।
अपीलार्थी बीमा कम्पनी को आदेशित किया जाता है कि वह उपरोक्त आदेश का अनुपालन 30 दिन की अवधि़ में किया जाना सुनिश्चित करें। अंतरिम आदेश यदि कोई पारित हो, तो उसे समाप्त किया जाता है।
प्रस्तुत अपील को योजित करते समय यदि कोई धनराशि अपीलार्थी द्वारा जमा की गयी हो, तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश आशु.,
कोर्ट नं0-1