राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0 लखनऊ
अपील संख्या 69 सन 1999 सुरक्षित
(जिला उपभोक्ता फोरम, बलिया के परिवाद संख्या-65/1997 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक-11-12-1998 के विरूद्ध)
1-युनियन आफ इंडिया, द्वारा जनरल मैनेजर, एन.ई. रेलवे, गोरखपुर।
2-स्टेशन मास्टर, रेलवे स्टेशन, वाराणसी।
3-स्टेशन मास्टर, रेलवे स्टेशन, बलिया।
...अपीलार्थीगण/विपक्षीगण
बनाम
अवधेश सिंह पुत्र भैया हरदेव सिंह, निवासीगण- उदईपुरवा भवन, मोहल्ला जगदीशपुर, जिला- बलिया।
.....प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1-मा0 श्री अशोक कुमार चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2-मा0 श्री संजय कुमार, सदस्य।
अधिवक्ता अपीलार्थी : श्री एम0एच0 खान, विद्वान अधिवक्ता।
अधिवक्ता प्रत्यर्थी : कोई नहीं।
दिनांक: 30-12-2014
मा0 श्री अशोक कुमार चौधरी, पीठासीन न्यायिक सदस्य, द्वारा उदघोषित।
निर्णय
प्रस्तुत अपील अपीलार्थी ने विद्वान जिला मंच, बलिया, द्वारा परिवाद संख्या-65/1997 भैया अवधेश सिंह बनाम रेलवे मिनिस्ट्री गर्वनमेट आफ इंडिया में पारित निर्णय/आदेश दिनांक-11-12-1998 के विरूद्ध प्रस्तुत की है, जिसमें आदेशित किया गया है कि समेकित रूप में परिवादी विपक्षी से 4,000-00 रूपये ( चार हजार रूपये) मानसिक एवं शारीरिक संताप के परिशमन के लिए पायेगा। विपक्षी द्वारा भुगतान दो माह के अर्न्तगत किया जाये।
परिवादीगण द्वारा रेल यात्रा में हुई कठिनाई को व्यक्त करते हुए विपक्षीगण से शारीरिक एवं मानसिक कष्ट के लिए यह परिवाद 50,000-00 रूपये क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है।
(2)
संक्षेप में केस के तथ्य इस प्रकार है कि परिवादीगण ने दिनांक-27-01-1997 को 08 यात्रियों के लिए यात्रा हेतु वाराणसी जंक्शन से दिनांक-15-02-1997 के लिए समता एक्सप्रेस में वाराणसी से दिल्ली जाने के लिए आरक्षण कराया था, किन्तु कोच सं0-एस0-07 न लगने के कारण परिवादीगण को एस0-07 में जगह न मिलने के कारण साधारण डिब्बे में यात्रा करनी पड़ी, जिसके लिए उसने 50,000-00 रूपये की क्षतिपूर्ति दिलाये जाने की प्रार्थना की है।
अपीलार्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री एम0 एच0 खान उपस्थित है। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया। अभिलेखों का परिशीलन किया गया।
अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि चूंकि एस0-07 कोच यात्रा वाले दिन ट्रेन में नहीं लगी थी, इस कारण यात्री आरक्षित डिब्बे में यात्रा नहीं कर सके, किन्तु उनके द्वारा यात्रा किसी अन्य डिब्बे में की गई। जैसा कि उसके परिवाद पत्र से परिलक्षित होता है। अत: ऐसी परिस्थिति में जिला मंच द्वारा क्षतिपूर्ति की रकम 4,000-00 रूपये दिलाया जाना अत्याधिक है।
प्रश्नगत निर्णय का अवलोकन किया गया। यह तथ्य स्वीकार है कि प्रत्यर्थी/परिवादी का आरक्षण समता एक्सप्रेस में यात्रा वाली तिथि के लिए था, क्योंकि आरक्षित कोच यात्रा की तिथि के दिन नहीं जोड़ा गया। अत: ऐसी परिस्थिति में परिवादी को साधारण डिब्बे में यात्रा करनी पड़ी। विद्वान जिला मंच द्वारा वापसी 4,000-00 रूपये की धनराशि मानसिक एवं शारीरिक संताप के लिए दिलाया गया है, जो पूर्ण रूप से न्यायोचित है और प्रश्नगत निर्णय में हस्तक्षेप किये जाने की आवश्यकता नहीं है। अपील निरस्त किये जाने योग्य है।
आदेश
अपीलकर्तागण की अपील निरस्त की जाती है। विद्वान जिला मंच बलिया, द्वारा परिवाद संख्या-65/1997 भैया अवधेश सिंह बनाम रेलवे मिनिस्ट्री गर्वनमेट आफ इंडिया में पारित निर्णय/आदेश दिनांक-11-12-1998 की पुष्टि की जाती है।
(3)
उभय पक्ष अपना-अपना अपील व्यय स्वयं वहन करेगें।
उभयपक्ष को इस निर्णय की प्रति नियमानुसार नि:शुल्क उपलब्ध करायी जाय।
( अशोक कुमार चौधरी ) (संजय कुमार )
पीठासीन सदस्य सदस्य
आर0सी0वर्मा, आशु. ग्रेड-2
कोर्ट नं0-3