Rajasthan

Jhunjhunun

CC/400/2015

Dataram - Complainant(s)

Versus

AVVNL(Gramin) - Opp.Party(s)

Hariprasad Saini

10 Feb 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/400/2015
 
1. Dataram
Indali
Jhunjhunu
Rajasthan
...........Complainant(s)
Versus
1. AVVNL(Gramin)
Jhunjhunu
Jhunjhunu
Rajasthan
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel PRESIDENT
 HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui MEMBER
 HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra MEMBER
 
For the Complainant:Hariprasad Saini, Advocate
For the Opp. Party: Rajesh Khedar, Advocate
ORDER


तारीख
हुक्म
                                         परिवाद संख्या 400/15
                               हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
  दाताराम  बनाम        अ.वि.वि.नि.लि. जरिये सहायक अभियंता, झुंझुनू (ग्रामीण) तहसील व 
                       जिला झुंझुनू (राज0)     नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
10.02.2016                                                
                                               अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम 
         परिवादी की ओर से वकील श्री हरिप्रसाद सैनी उपस्थित। विपक्षी की ओर से वकील श्री राजेष खेदड़ उपस्थित। उभयपक्ष की बहस सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक  अवलोकन किया गया।     
  विद्धान अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी के पिता के नाम से एक  कृषि विधुत कनेक्षन ले रखा है जिसका खाता संख्या 2102-0103 है तथा परिवादी के पिता की मृत्यु हो चुकी है। परिवादी ही उक्त विधुत कनेक्षन को काम में लेता है तथा विपक्षी को बिल जमा कराता आ रहा है। इसलिये परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता है। 
 विद्धान अधिवक्ता परिवादी ने बहस के दौरान यह भी कथन किया है कि परिवादी का कुआ करीब 30 वर्ष पुराना व जर्जर तथा टूटा हुआ है। परिवादी ने उसी खसरा में काफी वर्षो पहले कुआ बना लिया तथा विद्युत कनेक्षन हेतु एवं परिवादी के पिता के स्थान पर स्वंय का नाम परिवर्तन हेतु विपक्षी के यहां दिनांक 28.10.2015 को नियमानुसार आवेदन पेष कर सिक्युरिटी चार्जेज राषि 12,260/रुपये विपक्षी के कार्यालय में जरिये रसीद बुक संख्या 61768/40 जमा करवादी है। रसीद की फोटो प्रति पत्रावली में सलंग्न है। विपक्षी द्वारा परिवादी को आष्वासन दिया गया कि शीघ्र ही नाम परिवर्तन कर विद्युत सम्बंध स्थापित कर दिया जावेगा परन्तु विपक्षी द्वारा न तो परिवादी का विद्युत सम्बंध पुराने कुये के पास स्थित नये कुये में जोड़ा गया है न ही परिवादी के पिता के स्थान पर परिवादी का नाम परिवर्तन किया गया है। विपक्षी का उक्त कृत्य सेवा दोष की श्रेणी में आता है। 
   अन्त में विद्धान अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार करते हुए परिवादी को कृषि विधुत कनेक्षन पुराने कुये के पास स्थित नये कुये में तुरंत जोडकर प्रार्थी के पिता की जगह परिवादी का नाम दर्ज किये जाने का निवेदन किया है। 
      विद्वान अधिवक्ता विपक्षी ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान परिवादी द्वारा धरोहर 12,260/-रूपये जमा होना स्वीकार करते हुये कथन किया कि विपक्षी द्वारा नियमानुसार परिवादी के पिता के 

स्थान पर परिवादी का नाम परिवर्तन कर दिया गया है तथा परिवादी जिस नये कुये पर कनेक्षन स्थापित करवाना चाहता है, नियमानुसार विपक्षी के कार्यालय में पत्रावली जमा कराने पर विभाग के नियमानुसार कनेक्षन नये कुये पर स्थापित कर दिया जावेगा। 
       अन्त में विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया। 
   उभयपक्ष के तर्को पर विचार किया गया पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।  
   प्रस्तुत प्रकरण में यह तथ्य निर्विवादित है कि परिवादी ने कृषि विधुत कनेक्षन अपने पिता की मृत्यु के पश्चात स्वंय के नाम करवाने हेतु नियमानुसार पत्रावली जमा करवाकर विपक्षी के निर्देषानुसार धरोहर राषि 12,260/रुपये, दिनांक 28.10.2015 को विपक्षी के कार्यालय में जमा करवाये है। जिसकी रसीद की फोटो प्रति पत्रावली में संलग्न है।
      पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट हुआ है कि परिवादी द्वारा धरोहर राषि जमा कराने के बाद विपक्षी द्वारा कृषि विद्युत कनेक्षन में परिवादी के पिता की मृत्यु होने से उनके नाम के स्थान पर नियमानुसार परिवादी का नाम दिनांक    04.11.2015 को परिवर्तन कर दिया जाना बताया है परन्तु अभी तक पुराने जर्जरित कुये से नये कुये पर उक्त विद्युत सम्बंध स्थापित नहीं किया गया है। परिवादी का विद्युत सम्बंध पुराने जर्जरित कुये से नये कुये पर क्यों नहीं स्थापित किया गया इसका कोई युक्तियुक्त स्पष्टीकरण विपक्षी द्वारा पत्रावली में पेष नहीं किया गया है। 
        अतः प्रकरण के तमाम तथ्य व परिस्थितियों को मध्य नजर रखते हुए विपक्षी को आदेश दिया जाता है कि यदि उक्त प्रकरण में परिवादी के पिता के स्थान पर परिवादी का नाम परिवर्तित नहीं किया गया है तो तुरंत परिवादी का नाम दर्ज किया जावे तथा परिवादी द्वारा पुराने जर्जरित कुये से नये कुये पर विद्युत सम्बंध स्थापित करवाने हेतु नियमानुसार विपक्षी के यहां आवेदन प्रस्तुत करने की तिथि से पन्द्रह दिवस की अवधि में परिवादी का कृषि विद्युत कनेक्षन पुराने कुये से नये कुये पर कर दिया जावे । इस निर्देष के साथ प्रकरण का निस्तारण किया जाता है।
     आदेश आज दिनांक 10.02.2016 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया। 
      पत्रावली फैसल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफ्तर हो। 

    
      

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 


    

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra]
MEMBER

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