जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, नागौर
परिवाद सं. 31/2015
प्रेमाराम पुत्र श्री बालूराम, जाति-कुमावत, निवासी-कासेंरा, तहसील-नावां, जिला-नागौर (राज.)। -परिवादी
बनाम
1. अध्यक्ष/प्रबन्धक, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, अजमेर।
2. अधीक्षण अभियंता, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, नागौर।
3. सहायक अभियंता, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, नावां व जिला नागौर।
-अप्रार्थीगण
समक्षः
1. श्री बृजलाल मीणा, अध्यक्ष।
2. श्रीमती राजलक्ष्मी आचार्य, सदस्या।
3. श्री बलवीर खुडखुडिया, सदस्य।
उपस्थितः
1. श्री रमेश कुमार ढाका एवं राजेश बाटण, अधिवक्ता, वास्ते प्रार्थी।
2. श्री सुनील डागा, अधिवक्ता वास्ते अप्रार्थी।
अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ,1986
आ दे श दिनांक 04.11.2015
1. परिवाद-पत्र के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी का एक घरेलू विद्युत कनेक्शन है। परिवादी को माह सितम्बर, 2014 में 556 यूनिट, नवम्बर, 2014 में 556 यूनिट एवं जनवरी, 2015 में 764 यूनिट विद्युत उपभोग का औसत के आधार पर विद्युत बिल भेजा गया। प्रार्थी ने अप्रार्थी के यहां शिकायत दर्ज करवाई। मीटर में रिडिंग दिखाई नहीं देती थी। जांच व कार्रवाई का आश्वासन दिया परन्तु अप्रार्थीगण ऐवरेज के आधार पर ही विद्युत बिल भेजते रहे हैं। जो कि मनमर्जी से भेजे जा रहे हैं। जबकि प्रार्थी का विद्युत उपयोग व उपभोग काफी कम होता है। अतः विवादित बिलों को निरस्त किया जावे और नया मीटर लगाकर उसकी रीडिंग के अनुसार राशि ली जावे।
2. अप्रार्थीगण का मुख्य रूप से कहना है कि मीटर खराब होने के कारण एवरेज यूनिट का बिल जारी किया गया। दिनांक 13.02.2015 को परिवादी के यहां नया मीटर लगा दिया गया है। परिवादी से औसत के आधार पर 556, 556, 704 एवं 150 यूनिट के आधार पर कुल 2026 यूनिट के एवरेज के विद्युत बिल परिवादी को जारी किये। मीटर सही होने की स्थिति से एवरेज आधार 438 यूनिट प्रति बिल बनता है। इस प्रकार से चार विद्युत बिलों का कुल 1752 यूनिट का बिल जारी होना चाहिए था, भूलवश 2026 यूनिट का बिल जारी हो गया। 274 यूनिट की राशि 1312/- रूपये का समायोजन परिवादी के खाते में कर दिया गया। अब कोई विवाद शेष नहीं है। कार्य की अधिकता एवं विद्युत सामान की कमी के कारण मीटर परिवर्तित करने में कई बार देरी हो जाती है। अतः परिवाद खारिज किया जावे।
3. बहस उभय पक्षकारान सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अध्ययन एवं मनन किया गया। अप्रार्थीगण के द्वारा 438 यूनिट का जो एवरेज निकाला है, उसका कोई आधार नहीं बताया गया है। जो 2026 यूनिट बताई गई थी, उनका औसत भी किस आधार पर लिया गया, यह भी नहीं बताया गया है। वर्तमान में दिनांक 13.02.2015 को मीटर बदल दिया गया है।
आदेष
4. अतः हम यह न्यायोचित एवं विधिसम्मत् समझते हैं कि अप्रार्थीगण, प्रार्थी से नये मीटर के आगामी छह माह का औसत या पूर्व मीटर जो खराब हुआ, उसके छह माह पूर्व के औसत जो भी अधिक हो को आधार मानकर विवादित अवधि के संषोधित बिल जारी करें। कम-अधिक राशि का समायोजन आगामी बिलों में कर दिया जावे। पक्षकार खर्चा अपना-अपना वहन करें।
आदेश आज दिनांक 04.11.2015 को लिखाया जाकर खुले न्यायालय में सुनाया गया।
।बलवीर खुडखुडिया। ।बृजलाल मीणा। ।श्रीमती राजलक्ष्मी आचार्य।
सदस्य अध्यक्ष सदस्या