Rajasthan

Jhunjhunun

CC/533/2014

Vidhadhar - Complainant(s)

Versus

AVVNL - Opp.Party(s)

Shanjay Saini

17 Mar 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/533/2014
 
1. Vidhadhar
Udayapurvati, Jhunjhunu
...........Complainant(s)
Versus
1. AVVNL
Udayapurvati, Jhunjhunu
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER


तारीख
हुक्म
                                       परिवाद संख्या 160/14
                               हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
  असलम तारबदार  बनाम     सहायक अभियंता, अ.वि.वि.नि.लि., चिड़ावा तहसील चिड़ावा
                           जिला झुंझुनू (राज0)                          नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
 
22.05.2015

                 
           परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता अधिनियम
परिवादी की ओर से वकील श्री आनंदीलाल उपस्थित। विपक्षी की ओर से वकील श्री सुरेन्द्र भाम्बू उपस्थित। उभयपक्ष की बहस सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।     
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी के नाम सेे विपक्षी के यहां से घरेलु विधुत कनेक्षन ले रखा है, जिसका खाता संख्या 2301-0232 है। परिवादी उक्त विधुत कनेक्षन का समय-समय पर विपक्षी को बिल जमा कराता आ रहा है। इसलिए परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता है। 
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने बहस के दौरान यह भी कथन किया है कि परिवादी का विद्युत कनेक्षन मुख्य सडक से लगभग 200 मीटर अंदर है तथा परिवादी का विद्युत मीटर मुख्य सडक पर ही विद्युत पोल पर सडक से लगभग 2-3 फिट की उंचाई पर लगा हुआ है जहां पर आवारा पषु आपस में लड़ते-झगडते हैं, जिससे परिवादी का विद्युत मीटर टकराने के कारण क्षतिगस्त हो गया तो परिवादी ने विपक्षी को षिकायत की। दिनांक 21.12.2013 को परिवादी की षिकायत पर विपक्षी द्वारा परिवादी का मीटर बदल दिया गया परन्तु परिवादी को विपक्षी द्वारा 39,540/-रूपये का नोटिस दिनांकित      03.01.2014 भिजवाया गया। परिवादी ने नोटिस मिलने पर विपक्षी से सम्पर्क किया तो विपक्षी ने कहा कि परिवादी के खिलाफ वी.सी.आर. भरी गई है। उक्त झूंठी वी.सी.आर. की आड में विपक्षी परिवादी से उक्त राषि वसूलने पर आमादा हैं। 
      अन्त में विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार फरमाया जाकर वी.सी.आर. राषि 39540/- निरस्त किए जाने का निवेदन किया है। 
       विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी के परिसर की दिनांक 21.12.2013 को सतर्कता जांच दल द्वारा जांच की गई तो मौके पर मीटर का बोक्स व सील टूटी हुई तथा मीटर के साथ छेड़-छाड़ किया जाना तथा परिवादी डी एल श्रेणी का उपभोग दुकान के लिये कर रहा था। मौके पर 

वी.सी.आर. संख्या 17095/27 दिनांक 21.12.2013 भरी गई। विद्युत चोरी राषि जमा करवाने हेतु परिवादी को नोटिस जारी किया गया, लेकिन परिवादी की ओर से राषि जमा नहीं करवाई गई। 
         अन्त में विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने परिवादी द्वारा विद्युत चोरी करने पर वी.सी.आर के मामले की सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस मंच को नहीं होना कथन करते हुए परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया। 
        उभयपक्ष के तर्को पर विचार किया गया। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया। 
        परिवाद में विद्युत चोरी के आरोप से सम्बंधित विवाद प्रकट होता है। माननीय राष्ट्रीय आयोग ने 2014 (3) सीपीआर, 534 - निर्मला देवी बनाम पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एवं अन्य के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा न्ण्च्ण् च्व्ॅम्त् ब्व्त्च्व्त्।ज्प्व्छ स्प्डप्ज्म्क् - व्त्ै टेण् ।छप्ैभ् ।भ्ड।क् - ;2013द्ध 8 ैण्ब्ण्ब्ण् 491  में दिये गये आदेष का अवलम्बन लेते हुए यह अभिनिर्धारित किया है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 126 एवं 135 से 140 तक सम्बन्धित प्रकरण जिला मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। उक्त न्यायिक विनिष्चयों की रोषनी में यह परिवाद विद्युत अधिनियम की उक्त धाराओं के अंतर्गत विद्युत चोरी से सम्बंधित होने के कारण इस मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। चूंकि यह परिवाद इस मंच के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।
      अतः परिवादी का परिवाद पत्र निरस्त किए जाने योग्य होने से खारिज किया जाता है ।
      आदेश आज दिनांक 22.05.2015 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया। 
      पत्रावली फैषल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

 


       
    
    

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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