Rajasthan

Jhunjhunun

425/2013

SUBHE SINGH - Complainant(s)

Versus

AVVNL - Opp.Party(s)

DATARAM SINGH

03 Feb 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 425/2013
 
1. SUBHE SINGH
CHIRAWA
...........Complainant(s)
Versus
1. AVVNL
PILANI
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

  परिवाद संख्या 425/13
तारीख
हुक्म
                              
                      हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
     सुबेसिंह  बनाम   सहायक अभियंता अ.वि.वि.नि.लि., कार्यालय पिलानी तह. चिड़ावा जिला झुंझुनू (राज.) 
                         नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
 
08.04.2015

                 
           परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता अधिनियम
परिवादी की ओर से वकील श्री दाताराम उपस्थित। विपक्षी की ओर से वकील श्री फूलचंद सैनी उपस्थित। उभयपक्ष की बहस सुनी गई । पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।     
विद्धान अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी ने घरेलू विधुत कनेक्षन लेने हेतु पत्रावली विपक्षी के कार्यालय में नियमानुसार जमा कराने के पश्चात विपक्षी द्वारा परिवादी को डिमाण्ड नोटिस जारी किया गया है। जिसकी राषि 3600/रुपये, जरिये रसीद संख्या 38874/79 दिनांक 09.09.2011 को विपक्षी के कार्यालय में जमा करवादी गई है। रसीद की फोटोप्रति पत्रावली में सलंग्न है। विपक्षी ने परिवादी से डिमाण्ड नोटिस की राषि जमा करनेे के बावजूद भी विधुत कनेक्षन स्थापित नही किया है। विपक्षी का उक्त कृत्य सेवा दोष की श्रेणी में आता है। 
अन्त में विद्धान अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार करते हुए परिवादी को घरेलू विधुत कनेक्षन शीघ्र स्थापित किये जाने का निवेदन किया। 
विद्वान अधिवक्ता विपक्षी ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान यह कथन किया कि नियमानुसार सभी कार्यवाही पूर्ण कर परिवादी को विधुत कनेक्षन देने हेतु विपक्षी द्वारा विधुत लाईन का कार्य किया जाना था लेकिन मौके पर रास्ता उपलब्ध नहीं होने के कारण कार्य नहीं किया जा सका तथा परिवादी को रास्ता उपलब्ध करवाने हेतु पुनः रजिस्टर्ड पत्र द्वारा सूचित किया गया। इसलिये परिवादी का कनेक्षन नहीं हो पाया।
अन्त में विद्धान् अधिवक्ता विपक्षी ने परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया। 
उभयपक्ष के तर्को पर विचार किया गया पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।  


प्रस्तुत प्रकरण में यह तथ्य निर्विवादित है कि परिवादी ने घरेलू विधुत कनेक्षन लेने हेतु नियमानुसार पत्रावली जमा करवाकर विपक्षी के निर्देषानुसार डिमाण्ड नोटिस की राषि 3600/रुपये जरिये रसीद संख्या 38874/79 दिनांक 09.09.2011 को विपक्षी के कार्यालय में जमा करवाये है।    
       पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट हुआ है कि दिनांक 07.04.2015 को विद्वान् अधिवक्ता विपक्षी ने प्रार्थना पत्र दस्तावेज पेष कर निवेदन किया है कि रास्ता उपलब्ध नहीं होने के कारण लाईन का कार्य नहीं किया जा सका था तथा परिवादी द्वारा रास्ता उपलब्ध करवाने पर दिनांक 14.10.2013 को कनेक्षन जारी कर दिया गया है, इसलिये विवाद स्वंय समाप्त हो गया समझा जावे। परिवादी की ओर से इसका कोई खण्डन नहीं किया गया है। इस प्रकार विपक्षी की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र दस्तावेज पर अविष्वास किए जाने का कोई कारण नहीं है। अब प्रकरण में ऐसा कोई विवादित बिन्दु शेष नहीं रहा है जिससे कि आगे कोई कार्यवाही की जावे। 
       अतः परिवादी का परिवाद पत्र सारहीन होने से खारिज किए जाने योग्य है जो एतद्द्वारा खारिज किया जाता है।
      आदेश आज दिनांक 08.04.2015 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया। 
      पत्रावली फैषल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

 


       
    

 

 

 

 

    

 

 

 

 

 

 

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