जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, नागौर
परिवाद सं. 116/2014
श्रीमती राधा देवी पत्नी रामस्वरूप, जाति-मेघवाल, निवासी-निम्बडी, तहसील-मकराना, जिला नागौर (राज)। -परिवादी
बनाम
1. अध्यक्ष, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, अजमेर।
2. अधीक्षण अभियंता, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, नागौर।
3. सहायक अभियंता, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, मकराना।
-अप्रार्थीगण
समक्षः
1. श्री बृजलाल मीणा, अध्यक्ष।
2. श्रीमति राजलक्ष्मी आचार्य, सदस्या।
3. श्री बलवीर खुडखुडिया, सदस्य।
उपस्थितः
1. श्री देवेन्द्र राज कल्ला, अधिवक्ता, वास्ते प्रार्थी।
2. श्री सुरेन्द्र कुमार ज्याणी, अधिवक्ता वास्ते अप्रार्थी।
अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ,1986
आ दे श दिनांक 12.05.2015
1. परिवाद-पत्र के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादिनी ने अप्रार्थीगण से एक घरेलू श्रेणी विद्युत कनेक्शन कनेक्टेड लोड 2 किलोवाट लिया हुआ है। इस कनेक्शन के पेटे पिछली कोई राशि बकाया नहीं है। लेकिन अप्रेल, 2014 के बिल में स्थाई शुल्क 320/- रूपये कुल उपभोग 133 यूनिट दर्शाते हुए कुल 781/- रूपये का बिल जारी किया। जबकि पूर्व में हमेंशा परिवादिनी के 40 से 55 यूनिट के बिल आते रहे हैं। शिकायत करने पर बताया कि आगामी बिल में यह संशोधन कर देंगे। परन्तु पुनः जून, 2014 के बिल में स्थाई शुल्क 160/- रूपये के स्थान पर 320/- रूपये दर्ज करते हुए पिछली बकाया राशि जोडते हुए कुल 1113/- रूपये का बिल जारी कर दिया। जबकि 150 यूनिट से कम यूनिट के बिलों में स्थाई शुल्क 160/- रूपये ही वसूल किये जाते हैं। जून, 2014 में सही यूनिट 37 दर्ज किये गये हैं जो कि सही विद्युत उपयोग व उपभोग को दर्शाता है। अप्रेल, 2014 में गलत रीडिंग 133 यूनिट के आधार पर अधिक स्थाई शुल्क लिया जा रहा है। मीटर रीडर ने बिना मौके पर आए प्रार्थी के मीटर कभी लाॅक बताया है, कभी घर बंद बताया है। मनमर्जी से रीडिंग दर्ज की है। परिवादिनी के उक्त विद्युत कनेक्शन का मीटर जनवरी, 2014 में ही बदल दिया गया, फिर भी माह फरवरी, 2014 के बिल में पुराने मीटर नम्बर 715523 दर्ज करते हुए एवरेज बिल 130 यूनिट का गलत जारी किया है, जबकि उसके मीटर नम्बर 0939361 लगा हुआ था। जिसमें वास्तविक उपभोग 33 यूनिट बिल में लिखा हुआ है। लेकिन उपभोग राशि 607.55/- रूपये गलत ढग से अंकित किये गये हैं। इस प्रकार 33 यूनिट से अधिक वसूल की गई राशि का समायोजन करवाने का प्रार्थी अधिकारी है।
2. अप्रार्थी का जवाब में मुख्य रूप से कहना है कि परिवादिया का मीटर माह जनवरी, 2013 से माचर्, 2013 तक बंद/खराब होने से परिवादिया को औसत एवरेज बिल दिया गया। दिनांक 18.01.2014 को मीटर बदल दिया गया। नियमानुसार 51 यूनिट से 150 यूनिट तक प्रतिमाह खपत के अनुसार 160/- रूपये प्रतिमाह के हिसाब से प्रत्येक बिल में स्थाई शुल्क 320/- रूपये चार्ज किये जाते हैं और 50 यूनिट तक प्रतिमाह 80/- रूपये स्थाई शुल्क है। प्रार्थी के उपभोग यूनिट 50 से अधिक आये हैं इसलिए 320/- रूपये चार्ज किये गये हैं। अधिक राशि वसूल की गई थी, जिसकी के्रडिट परिवादिया को दे दी गई। परिवादिया का मीटर बंद रहने से पूर्व में मीटर में आई उपभोग यूनिट माह मार्च 2012, मई 2012, जुलाई 2012 में कुल तीन बिलिंग माह के अनुसार 60 यूनिट प्रतिमाह बिलिंग माह के अनुसार 120 यूनिट का चार्ज नियमानुसार लिया गया है। मीटर 18.01.2014 को बदल दिया। अप्रेल, 2014 के बिल नये मीटर 38 उपभोग यूनिट पुराने मीटर के दस दिन का चार्ज किया गया। नये मीटर के उपभोग 38 यूनिट, पुराने मीटर के औसत उपभोग के कुल दस दिन का 95 का चार्ज किया। जबकि 20 यूनिट का ही चार्ज लेना था। 75 यूनिट की अधिक राशि वसूल कर ली गई जिसकी क्रेडिट परिवादी को 282/- रूपये सीसीएण्ड आर नम्बर 58452/48 दिनांक 13.08.2014 को के्रडिट दे दिया गया। मीटर बंद होने की सूचना प्रार्थिया ने कभी भी नहीं दी। इसके लिए स्वयं जिम्मेदार है।
3. बहस उभय पक्षकारान सुनी गई। पत्रावली का अवलोकन किया गया। जहां तक स्थाई शुल्क का प्रश्न है बिल प्रदर्श 1 के पीछे विभागीय सूचनाएं अंकित है। उनमें घरेलू श्रेणी का बीपीएल 50 यूनिट प्रतिमाह 80 रूपये स्थाई शुल्क है और 50 से अधिक एवं 150 से अनाधिक यूनिट प्रतिमाह 160 रूपये स्थाई शुल्क है, इसमें कोई विवाद भी नहीं है। चूुंिक परिवादिनी की ओर से जो पत्रावली पर बिल प्रस्तुत किये गये हैं। उनमें 50 से अधिक औसत यूनिट नहीं बनती है। अप्रेल, 2015 के बिल में फरवरी में 26, दिसम्बर में 56, अक्टूबर में 70, अगस्त में 67, जून में 37 व अप्रेल में 133 यूनिट दर्शायी है, पूर्व में कभी भी किसी भी बिल में 133 यूनिट नहीं दर्शायी गई है। मीटर रीडर रिपोर्ट में कभी बंद लिखा हुआ है, कभी खराब लिखा हुआ है। इस प्रकार से मीटर रीडर रिपोर्ट एवं उसके आधार पर जारी विवादित बिलों में कोई सुसंगतता नहीं है। स्थिति स्पष्ट करने के लिए हम यह आवश्यक समझते हैं कि जो मीटर दिनांक 18.01.2014 को बदला गया है उसके छह माह के औसत के आधार पर जो राशि एवं स्थायी शुल्क बनता हो उसे आधार मानकर मामला नये सिरे से तय किया जावे।
आदेश
4. आदेश दिया जाता है कि अप्रार्थीगण, परिवादिनी का मीटर जो दिनांक 18.01.2014 को बदला गया है, उसके छह माह के पश्चात् की औसत विद्युत उपयोग व उपभोग की राशि के अनुसार विवादित बिलों का निपटारा करें। अधिक व कम राशि का समायोजन व वसूली किया जावे। तदानुसार संशोधित बिल जारी किये जावें। यदि औसत 50 यूनिट से अधिक नहीं पाया जावे तो 80 रूपये प्रतिमाह के हिसाब से स्थाई शुल्क वसूला जावे। 50 से अधिक यूनिट प्रतिमाह का उपभोग आने पर 160 रूपये प्रतिमाह स्थाई शुल्क वसूल किया जावे।
आदेश आज दिनांक 12.05.2015 को लिखाया जाकर खुले न्यायालय में
।बलवीर खुडखुडिया। ।बृजलाल मीणा। ।श्रीमति राजलक्ष्मी आचार्य।
सदस्य अध्यक्ष सदस्या