Rajasthan

Jhunjhunun

CC/410/2014

Shubhas Chand - Complainant(s)

Versus

AVVNL - Opp.Party(s)

Gugan Singh

28 Apr 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/410/2014
 
1. Shubhas Chand
Surajagadh, Jhunjhunu
...........Complainant(s)
Versus
1. AVVNL
Surajagadh, Jhunjhunu
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER


तारीख
हुक्म
                                                  परिवाद संख्या 410/14
                               हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
सुभाषचन्द्र  बनाम  सहायक अभियंता, अ.वि.वि.नि.लि., (ओ एण्ड एम) पिलानी तहसील
                सूरजगढ जिला झुंझुंनू (राज0)
                         नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
 
12.05.2015

                 
           परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता अधिनियम
परिवादी की ओर से वकील श्री गूगन सिंह उपस्थित। विपक्षी की ओर से वकील श्री सुरेन्द्र भाम्बू उपस्थित। उभयपक्ष की बहस सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।     
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादीने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी के नाम सेे विपक्षी के यहां से घरेलु विधुत कनेक्षन ले रखा है, जिसका खाता संख्या 1610/0219 है। परिवादी द्वारा विपक्षी  को बिलों का भुगतान किया जा रहा है। इसलिए परिवादी विपक्षी  का उपभोक्ता है। 
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने बहस के दौरान यह भी कथन किया है कि विपक्षी  द्वारा परिवादी के पास दिनांक 15.07.2014 को विपक्षी की ओर से एक नोटिस जिसमें वी.सी.आर. संख्या 9916/27 दिनांक 16.06.2014 राषि 38768/-रूपये का भेजा गया । उक्त नोटिस प्राप्त होने पर परिवादी ने विपक्षी से सम्पर्क किया तथा परिवादी के परिसर पर कोई वी.सी.आर. नहीं भरने की बात कही परन्तु विपक्षी ने वी.सी.आर. राषि को दुरूस्त करने से इन्कार कर दिया ं।  
      अन्त में विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार फरमाया जाकर वी.सी.आर. संख्या 9916/27 दिनांक 16.06.2014 निरस्त किए जाने का निवेदन किया है। 
       विद्धान अधिवक्ता विपक्षी  ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी के कनेक्षन की सतर्कता जांच अधिकारी द्वारा दिनांक 16.06.2014 को जांच की गई तो मौके पर परिवादी द्वारा उक्त घरेलु कनेक्षन को अघरेलु कार्य में लिया जा रहा था। जिसकी सतर्कता अधिकारी द्वारा मौके पर वी.सी.आर. संख्या 9916/27 दिनांक 16.06.2014 भरी गई। उक्त वी.सी.आर. राषि 38768/-रूपये जमा करवाने हेतु परिवादी को दिनांक 15.07.2014 को नोटिस जारी किया गया, लेकिन परिवादी की ओर से उक्त राषि जमा नहीं करवाई गई। 
      अन्त में विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने परिवादी द्वारा विद्युत चोरी करने पर वी.सी.आर के मामले की सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस मंच को नहीं होना कथन 

करते हुए परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया। 
        उभयपक्ष के तर्को पर विचार किया गया। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया। 
        परिवाद में विद्युत चोरी के आरोप से सम्बंधित विवाद प्रकट होता है। माननीय राष्ट्रीय आयोग ने 2014 (3) सीपीआर, 534 - निर्मला देवी बनाम पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एवं अन्य के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा U.P. POWER CORPORATION LIMITED & ORS Vs. ANISH AHMAD – (2013) 8 S.C.C. 491  में दिये गये आदेष का अवलम्बन लेते हुए यह अभिनिर्धारित किया है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 126 एवं 135 से 140 तक सम्बन्धित प्रकरण जिला मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। उक्त न्यायिक विनिष्चयों की रोषनी में यह परिवाद विद्युत अधिनियम की उक्त धाराओं के अंतर्गत विद्युत चोरी से सम्बंधित होने के कारण इस मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। चूंकि यह परिवाद इस मंच के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।
      अतः परिवादी का परिवाद पत्र निरस्त किए जाने योग्य होने से खारिज किया जाता है ।
      आदेश आज दिनांक 12.05.2015 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया। 
      पत्रावली फैषल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

 


       
    
    

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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