Rajasthan

Jhunjhunun

512/2013

SHARDA DEVI - Complainant(s)

Versus

AVVNL - Opp.Party(s)

JAFAR ALI

13 Jan 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 512/2013
 
1. SHARDA DEVI
MALSISAR
...........Complainant(s)
Versus
1. AVVNL
BISSAU
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

 परिवाद संख्या 512/13 
तारीख
हुक्म
                                            
                            हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
शारदा देवी   बनाम   सहायक अभियंता, अ.वि.वि.नि.लि., बिसाउ तहसील व जिला झुंझुनू ।
                         नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
 
18.03.2015

                 
           परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता अधिनियम
परिवादिया की ओर से वकील श्री जाफर अली उपस्थित। विपक्षी की ओर से वकील श्री राजेष खेदड़ उपस्थित। उभयपक्ष की बहस सुनी गई । पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।     
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादिया ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादिया ने अपने  पति के नाम से विपक्षी के यहां से अघरेलू विधुत कनेक्षन ले रखा है जिसका खाता संख्या 2026-2104-0259 है। इसलिए परिवादिया विपक्षी की उपभोक्ता है। 
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादिया ने बहस के दौरान यह भी कथन किया है कि परिवादिया के मकान पर दिनांक 30.08.12 को सतर्कता अधिकारी नहीं आये न ही कनेक्षन चैक किया। परिवादिया ने स्वीकृत लोड से अधिक का कभी उपयोग नहीं किया फिर भी परिवादिया के माह अगस्त,13 के बिल में     वी.सी.आर. की राषि 15800/-रूपये का गलत जोडकर भेजा गया है जो निरस्त किए जाने योग्य है।
      अन्त में विद्वान् अधिवक्ता परिवादिया ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार फरमाया जाकर वी.सी.आर निरस्त किए जाने निवेदन किया है। 
        विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादिया के उपरोक्त अघरेलु कनेक्षन की सहायक अभियंता (सतर्कता) द्वारा दिनांक       30.08.12 को जांच की गई तथा जांच करने पर स्वीकृत भार 5 ज्ञण्ॅ के स्थान पर 6.643 ज्ञण्ॅ पाया गया। जिसकी वी.सी.आर संख्या 15702/04 भरी गई। परिवादिया ने वी.सी.आर. की राषि जमा नहीं कराई । 
      अन्त में विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने परिवादिया का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया। 
       उभयपक्ष के तर्को पर विचार किया गया। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया। 
      परिवाद में विद्युत दुरूपयोग व चोरी के आरोप से सम्बंधित विवाद प्रकट होता है। माननीय राष्ट्रीय आयोग ने 2014 (3) सीपीआर, 534 - निर्मला देवी 

बनाम पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एवं अन्य के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा न्ण्च्ण् च्व्ॅम्त् ब्व्त्च्व्त्।ज्प्व्छ स्प्डप्ज्म्क् - व्त्ै टेण् ।छप्ैभ् ।भ्ड।क् - ;2013द्ध 8 ैण्ब्ण्ब्ण् 491  में दिये गये आदेष का अवलम्बन लेते हुए यह अभिनिर्धारित किया है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 126 एवं 135 से 140 तक सम्बन्धित प्रकरण जिला मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। उक्त न्यायिक विनिष्चयों की रोषनी में यह परिवाद विद्युत अधिनियम की उक्त धाराओं के अंतर्गत विद्युत दुरूपयोग व चोरी से सम्बंधित होने के कारण इस मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। चूंकि यह परिवाद इस मंच के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।
      अतः यह परिवाद इस निर्देष के साथ खारिज किया जाता है कि परिवादिया अपने इस प्रकरण को सक्षम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने को स्वतंत्र है। 
      आदेश आज दिनांक 18.03.2015 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया। 
      पत्रावली फैषल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

 


       
    
    

 

 

 

 

 

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