Rajasthan

Jhunjhunun

CC/160/2016

Sati Abir - Complainant(s)

Versus

AVVNL - Opp.Party(s)

Ramchandar Varma

16 Feb 2017

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/160/2016
 
1. Sati Abir
Chapra,Surjagarh
Jhunjhunu
Rajasthan
...........Complainant(s)
Versus
1. AVVNL
Pilani
Jhunjhunu
Rajasthan
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel PRESIDENT
 HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui MEMBER
 HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra MEMBER
 
For the Complainant:Ramchandar Varma, Advocate
For the Opp. Party: Rajesh Khedar, Advocate
Dated : 16 Feb 2017
Final Order / Judgement

      
तारीख हुक्म
                                               परिवाद संख्या 160/16
                                  हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
 साती अवीर उर्फ सत्यवीर    बनाम    सहायक अभियन्ता अ.वि.वि.नि.लि.पिलानी
                              जिला झुन्झुनू (राज.)          

                          नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
  
 16.02.2017             
      परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता अधिनियम
परिवादी की ओर से वकील श्री कृष्ण कुमार उपस्थित। विपक्षी की ओर से वकील श्री राजेष खेदड़ उपस्थित। उभयपक्ष की बहस सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।     
         परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी ने घरेलू विधुत कनेक्षन विपक्षी के यहां से ले रखा है। जिसका खाता संख्या 1513-0087 है। परिवादी उक्त विधुत कनेक्षन का उपयोग उपभोग कर विपक्षी को बिल जमा कराता आ रहा है। इसलिए परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता है। 
         परिवादी ने बहस के दौरान यह भी कथन किया है कि परिवादी अपने उपरोक्त घरेलु विद्युत सम्बंध के विद्युत बिल समय समय पर जमा कराता आ रहा है। विपक्षी द्वारा परिवादी को माह मार्च, 2016 के विधुत बिल में गत पठन 00518 वर्तमान पठन 10702 उपभोग युनिट 9184 दर्षाते हुये 64293/-रुपये का गलत रुप से जारी किया गया। इतनी अधिक राषि का विद्युत बिल आने पर परिवादी ने विपक्षी विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों से षिकायत की जिस पर विपक्षी विभाग द्वारा दिनांक 08.03.2016 को परिवादी का मीटर जांच करवाने के लिये कहा तथा परिवादी के विद्युत मीटर की जांच के बाद मीटर ठीक होना बताया । परिवादी ने उक्त विद्युत बिल के संबंध में विभाग के उच्च अधिकारियों से भी षिकायत की परन्तु परिवादी को जारी अत्यधिक राषि के गलत विधुत बिल के संबंध में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया तथा विद्युत बिल की राषि जमा नहीं कराने पर विद्युत सम्बंध विच्छेद किये जाने की धमकी दी। विपक्षी का उक्त कृत्य सेवा में कमी है। 
       अन्त में विद्वान अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार फरमाया जाकर माह मार्च, 2016 के विधुत बिल में अंकित राषि 64293/-रूपये निरस्त की जाकर संषोधित विधुत बिल जारी किये जाने का निवेदन किया है।
        विद्वान अधिवक्ता विपक्षी ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी द्वारा एक ही कनेक्षन लेकर दो घरों में विद्युत सप्लाई काम में ली जा रही है, जिसमें 


घरेलु सिंगल फेष की आटा चक्की, कुट्टी मषीन, इंडक्षन हीटर तथा कूलर आदि लगाकर विद्युत उपभोग करता रहा है। परिवादी विद्युत के आये उपभोग को गलत बताकर हर बार कम बिल तैयार करवाकर जमा करवाता रहा है। माह फरवरी में वास्तविक उपभोग 10702 युनिट का आया तथा परिवादी की षिकायत पर कनिष्ठ अभियंता द्वारा जांच करवाकर सत्यापन में भी सही पाया जाने पर 64293/-रूपये का सही विद्युत बिल जारी किया गया है। परिवादी द्वारा उक्त बिल की राषि जमा नहीं करवाने पर दिनांक 18.03.2016 को परिवादी का मीटर उतार कर कनेक्षन काट दिया गया तथा उतारे गये मीटर में रीडिंग जांच करने पर परिवादी द्वारा 1243 युनिट का उपभोग ओर भी किया जाना पाया गया है, जो वसूलने योग्य है।  
      अन्त में विद्वान अधिवक्ता विपक्षी ने परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किया जाने का निवेदन किया। 
      उभयपक्ष के तर्को पर विचार किया गया। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।  
      पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट हुआ है कि परिवादी को विपक्षी द्वारा माह मार्च, 2016 के विधुत बिल में गलत रुप से उपभोग अंकित कर राषि 64293/-रुपये का भिजवाया गया। इससे पूर्व परिवादी के कभी भी इतनी अधिक यूनिट एंव राषि का बिल नहीं आया है। इस प्रकार विपक्षी द्वारा परिवादी को इतनी अधिक राषि का बिल किस आधार पर भेजा गया, इसका कोई युक्तियुक्त स्पष्टीकरण विपक्षी ने पेष नहीं किया है। विपक्षी विभाग का यह कथन होना कि परिवादी द्वारा एक ही कनेक्षन लेकर दो घरों में विद्युत सप्लाई काम में ली जा रही है, जिसमें घरेलु सिंगल फेष की आटा चक्की, कुट्टी मषीन, इंडक्षन हीटर तथा कूलर आदि लगाकर विद्युत उपभोग करता रहा है। यदि जांच के दौरान परिवादी किसी प्रकार की विद्युत चोरी करते हुये पाया गया तो विपक्षी विभाग को नियमानुसार परिवादी के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिये थी। इसके विपरीत परिवादी द्वारा बिल में संषोधन का निवेदन करने पर विपक्षी द्वारा परिवादी का घरेलु सम्बंध ही विच्छेद कर दिया गया। जो विपक्षी विभाग की लापरवाही का द्योतक है। इससे स्पष्ट जाहिर होता है कि परिवादी का उक्त विवादित बिल दिनांकित 09.03.2016 माह मार्च, 2016 कैयास व अंदाज से गलत रूप से अधिक राषि का जारी किया गया है, जो त्रुटिपूर्ण व संदीग्धपूर्ण होने से निरस्त किए जाने योग्य हैं।
       
       अतः प्रकरण के तमाम तथ्य व परिस्थितियों को मध्य नजर रखते हुए विपक्षी को आदेश दिया जाता है कि परिवादी के विवादित बिल दिनांकित     09.03.2016 माह मार्च, 2016 में अंकित राषि 64293/रुपये त्रुटिपूर्ण व संदीग्धपूर्ण होने से निरस्त की जाती है। परिवादी को माह मार्च, 2016 से पूर्व के पिछले तीन बिलों के एवरेज के आधार पर स्वंय परिवादी ने जो वास्तविक विद्युत यूनिट का उपभोग किया है, उसके आधार पर संषोधित बिल जारी किया जावे। परिवादी द्वारा यदि विपक्षी के कार्यालय में उक्त विवादित बिल के पेटे अधिक राषि जमा करादी गई है, तो उसे परिवादी के आगामी विद्युत बिलों में समायोजित किया जावे। परिवादी के विधुत कनेक्षन को विपक्षी द्वारा उक्त विद्युत बिल की आड में विच्छेद किया गया है, जिसे तुरन्त प्रभाव से पुनः स्थापित किया जावे। इस प्रकार से प्रकरण का निस्तारण किया जाता है। 
        आदेश आज दिनांक 16.02.2017 को लिखाया जाकर मंच द्वारा सुनाया गया। 
        पत्रावली फैषल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफतर हो।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 


    

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra]
MEMBER

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