परिवाद संख्या 06/14
तारीख हुक्म
हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
श्रीमती संतरा देवी ब. सहायक अभियंता अ.वि.वि.नि.लि0 कार्यालय, चिड़ावा तहसील चिड़ावा जिला झुंझुनू वगै.
नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
25.02.2015
परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता अधिनियम
परिवादिया की ओर से वकील श्री विजय सिंह उपस्थित। विपक्षीगण की ओर से वकील श्री विद्याधर महला उपस्थित। उभयपक्ष की बहस सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।
विद्वान् अधिवक्ता परिवादिया ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादिया ने अपने निवास स्थान पर विपक्षीगण के यहां से अघरेलू विधुत कनेक्षन ले रखा है जिसका खाता संख्या 2012-2104-0345 है। परिवादिया उक्त विधुत कनेक्षन का समय-समय पर विपक्षीगण को बिल जमा कराती आ रही है, इसलिए परिवादिया विपक्षीगण की उपभोक्ता है।
विद्वान् अधिवक्ता परिवादिया ने बहस के दौरान यह भी कथन किया है कि परिवादिया का उक्त विद्युत कनेक्षन उसकेे निवास से करीब 250 मीटर की दूरी पर किसी अन्य व्यक्ति की कृषि भूमि पर रखे विद्युत ट्रांसफार्मर से है तथा ट्रांसफार्मर पर ही परिवादिया का विद्युत मीटर लगा हुआ है, जिसके आस-पास निवास करने वाले काफी व्यक्ति परिवादिया के ट्रांसफार्मर में स्थित मीटर से ही विद्युत का दुरूपयोग करते हैं जिसका सम्पूर्ण विद्युत भार परिवादिया पर आ रहा है। इसी कारण विपक्षीगण द्वारा परिवादिया को माह अक्टूबर, 2013 का बिल 83829/- रूपये का गलत बिल भेजा गया है। परिवादिया ने उक्त विवादित बिल के बारे में विपक्षीगण के कार्यालय में सम्पर्क किया तो उन्होने कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया और कहा कि बिल की सम्पूर्ण राषि जमा करानी होगी अन्यथा परिवादिया का विद्युत संबंध विच्छेद कर दिया जावेगा।
अन्त में विद्धान अधिवक्ता परिवादिया ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार किए जाने एवं विवादित विद्युत बिल माह अक्टूबर, 2013 में दर्षायी गई देय राषि निरस्त किये जाने का निवेदन किया है तथा परिवादिया का ट्रांसफार्मर में लगे विद्युत मीटर को उसके आवासीय मकान पर लगाया जाने की प्रार्थना है।
विद्धान अधिवक्ता विपक्षीगण ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादिया को माह अक्टूबर, 2013 का जो बिल जारी किया गया है वह मीटर में आई यूनिट्स के अनुसार जारी किया गया है, जो सही है। परिवादिया ने अपने परिसर में मीटर
लगाने के लिए आवेदन किया था लेकिन परिवादिया का विद्युत कनेक्षन अघरेलु (व्यवसायिक) श्रेणी 11 किलोवाट भार का होने से कृषि भूमि में स्थित ट्रांसफार्मर पर ही मीटर लगाया गया है, यदि उपभोक्ता चाहे तो शुल्क चुका कर अपने परिसर में मीटर लगवा सकता है।
अन्त में विद्धान अधिवक्ता विपक्षीगण ने परिवादिया का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया।
उभयपक्ष के तर्को पर विचार किया गया पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।
प्रस्तुत प्रकरण मे यह निर्विवादित तथ्य है कि परिवादिया ने अपने निवास स्थान पर विधुत कनेक्षन विपक्षीगण के यहां से ले रखा है, जिसका खाता संख्या 2012-2104-0345 है। परिवादिया समय-समय पर विपक्षीगण के कार्यालय में विद्युत बिल जमा कराती आ रही है।
पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट हुआ है कि परिवादिया का विवादित विद्युत बिल माह अक्टूबर, 2013 का है, जिसमें कुल राषि 83829/- रूपये दर्षाई गई है। परिवादिया का यह कथन रहा है कि इतनी अधिक राषि का बिल पूर्व में कभी भी नहीं आया। मात्र परिवादिया के मीटर से दीगर व्यक्तियों के द्वारा छेडछाड करने व विद्युत मीटर से तार जोड़कर उसका दुरूपयोग किए जाने पर ही उक्त राषि का विपक्षीगण द्वारा गलत बिल जारी किया है। परिवादिया के इस कथन के खण्डन में विपक्षीगण ने कोई युक्तियुक्त स्पष्टीकरण पत्रावली में पेष नहीं किया है। इसलिये उक्त विवादित बिल त्रुटिपूर्ण व संदीग्धपूर्ण होने से निरस्त किए जाने योग्य है।
परिवादिया का विद्युत मीटर अन्य व्यक्ति की कृषि भूमि में स्थित ट्रांसफार्मर में लगा रखा है जिसके कारण परिवादिया को भारी परेषानी उठानी पड़ती है। सामान्यतया परिवादिया के घर से विद्युत मीटर काफी दूर लगे रहने से मीटर पर परिवादिया द्वारा निगरानी रखना संभव नहीं हो सकता। ऐसी स्थिति में परिवादिया को हो रही परेषानी व असुविधा को दृष्टिगत रखते हुए परिवादिया के विद्युत मीटर को परिवादिया के निवास परिसर या निकटतम विद्युत पोल में नियमानुसार लगाया जाना उचित प्रतीत होता है।
अतः प्रकरण के तमाम तथ्य व परिस्थितियों को मध्य नजर रखते हुए विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि परिवादिया के माह अक्टूबर, 2013 के विवादित बिल की राषि 83829/-रूपये त्रुटिपूर्ण होने से निरस्त की जाती है तथा परिवादिया के विवादित बिल माह अक्टूबर, 2013 के पिछले तीन बिलों के एवरेज के आधार पर जो परिवादिया ने वास्तविक विद्युत युनिट का उपभोग किया है, उसके अनुसार संषोधित बिल जारी किया जावे तथा परिवादिया का
अन्य व्यक्ति की कृषि भूमि में स्थित ट्रांसफार्मर पर लगे मीटर को अविलंब परिवादिया के आवासीय परिसर अथवा निकटतम पोल पर निगम के नियमानुसार लगा दिया जावे। इस निर्देष के साथ प्रकरण का निस्तारण किया जाता है।
पक्षकारान खर्चा मुकदमा अपना-अपना वहन करेगें।
आदेश आज दिनांक 25.02.2015 को लिखाया जाकर मंच द्वारा सुनाया गया।
पत्रावली फैषल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफतर हो।