जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण अजमेर
श्रीमति रेखा पत्नि श्री सत्यनारायण जोषी, उम्र-35 वर्ष, जाति- जोषी, निवासी- मोतीनगर, सेंदडा रोड, ब्यावर, जिला-अजमेर ।
प्रार्थीया
बनाम
सहायक अभियंता, सीडीएस द्वितीय विद्युत विभाग, ब्यावर, जिला-अजमेर ।
अप्रार्थी
परिवाद संख्या 32/2014
समक्ष
1. गौतम प्रकाष षर्मा अध्यक्ष
2. विजेन्द्र कुमार मेहता सदस्य
3. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
उपस्थिति
1.श्री सत्यनारायण जोषी,प्रतिनिधि,प्रार्थीया
2.श्री विभौर गौड, अधिवक्ता अप्रार्थी
मंच द्वारा :ः- आदेष:ः- दिनांकः- 10.02.2015
1. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस तरह से है कि प्रार्थीया को अप्रार्थी विद्युत वितरण निगम,ब्यावर (जो इस निर्णय में आगे मात्र निगम ही कहलाएगा )
द्वारा माह- सितम्बर, 12 से लेकर जुलाई 13 के जो बिल भेजे गए उनके संबंध में यह परिवाद लाते हुए दर्षाया है कि सितम्बर, 12 का बिल राषि रू. 1107/- जिसमें से रू. 647/- पिछली बकाया का उल्लेख करते हुए भेजा गया जबकि विद्युत उपभोग षून्य यूनिट लिखा था एवं मीटर में रीडिंग नहीं आ रही थी । इसी तरह से अगले बिल माह- नवम्बर, 12 , जनवरी, 13 व मार्च, 13 , मई, 13 व जुलाई, 13 के बिल भी परिवाद में वर्णित अनुसार गलत राषि के भेजे गए है । प्रत्येक बिल के संबंध में प्रार्थीया द्वारा एतराज भी किया गया कि मीटर रीडिंग नहीं दर्षा रहा है इसलिए उसने: नया मीटर लगाने का भी निवेदन किया गया । लेकिन अप्रार्थी निगम ने कोई ध्यान नहीं दिया । आगे दर्षाया है कि प्रार्थीया का यह आवास बन्द रहता है क्योंकि उसके पति अपने पैतृक गांव निमाज(पाली) में रहते है इसलिए अप्रार्थी निगम ने जो विद्युत उपभोग दर्षाया है वह अत्यधिक दर्षाया है जबकि बिल न्यूनतम रीडिंग के ही आने चाहिए थे । परिवाद की चरण संख्या 7 में कथन किया है कि न्यूनतम चार्जेज की राषि दिसम्बर, 2013 तक रू. 2480/- ही होती है तथा दो माह कनेक्षन कट जाने से रू. 310/- कम हो जाने से यह राषि रू. 2170/- ही होती है जबकि अप्रार्थी निगम ने प्रार्थीया से लगभग रू. 5072/- वसूल कर ली है अतः ष्षेष राषि रू. 2902/- की वापसी की मांग करते हुए तथा अन्य अनुतोष दिलाए जाने हेतु यह परिवाद पेष किया है ।
2. अप्रार्थी निगम की ओर से जवाब पेष हुआ जिसमें प्रारम्भिक आपत्ति में दर्षाया है कि परिवाद मंच में पोषणीय नहीं है एवं पैरावाईज जवाब पेष करते हुए कथन किया है कि माह-सितम्बर, 2012 को जारी किए जाने वाले नियमित विद्युत बिल के लिए दिनंाक 1.8.2012 को रीडिंग लेते समय विद्युत सप्लाई बन्द होने से मीटर रीडर द्वारा बाईन्डर रीडिंग पुस्तिका में इस आषय का रिमार्क अंकित किया गया इसलिए नियमानुसार रीडिंग नहीं लिए जाने एवं मकान परिसर में ताला लगा होने से रीडिंग नहीं लिए जाने की स्थिति में पिछले विद्युत उपभेाग के औसत के आधार पर बिल जारी किए जाते है जो प्रार्थीया के मामले में किया गया है । दिनंाक 4.12.2012 को मीटर रीडर रीडिंग लेने गया तब मीटर का डिस्प्ले बन्द पाया गया किन्तु प्रार्थीया के यहां विद्युत उपभोग किया जाना पाया गया अतः जनवरी, 2013 का विद्युत उपभोग का जो बिल जारी किया गया है वह सही जारी किया गया है । जवाब की चरण संख्या 4 में वर्णित किया गया है कि मार्च, 13 में विद्युत बिल समय पर जारी किया गया एवं प्रार्थीया का विद्युत कनेक्षन नही ंकाटा गया था तथा जवाब के पैरा संख्या 5 में उल्लेख किया है कि मीटर के बिल में मार्च,13 में जारी किए गए बिल का भुगतान दिनंाक 24.4.13 को किया गया जबकि मई, 13 का बिल दिनांक 22.4.13 को जारी किया गया था इसलिए प्रार्थीया द्वारा दिनांक 24.4.13 को भुगतान किए गए बिल मार्च, 13 की प्रविष्टी नहीं की जा सकी तथा प्रार्थीया द्वारा जानकारी दिए जाने पर राषि को कम कर दिया गया था । जवाब में आगे दर्षाया है कि प्रार्थीया के त्रुटिपूर्ण मीटर को दिनंाक 20.2.2014 को बदल दिया गया है तथा यह भी दर्षाया है कि प्रार्थीया को मीटर के दोषपूर्ण होने की स्थिति में वसूले जाने वाले औसत की जानकारी थी इस तरह से प्रार्थीया को किसी तरह से ष्षारीरिक व मानसिक परेषानी नहीं पहुंची है । अपने अतिरिक्त कथन में बतलाया कि मीटर रीडिंग रिकार्ड में जब जब भी मीटर रीडर द्वारा रीडिंग ली गई तब मीटर का डिस्प्ले बन्द पाया गया किन्तु प्रार्थीया के द्वारा विद्युत का उपयोग उपभोग किया जा रहा था । विद्युत मीटर के दोषपूर्ण होने की स्थिति में बिल अप्रार्थी द्वारा नियमानुसार औसत के आधार पर जारी किए गए है वे सही जारी किए गए है एवं प्रार्थीया का परिवाद खारिज होने योग्य बतलाया ।
3. परिवाद के समर्थन में प्रार्थीया ने अपना ष्षपथपत्र पेष किया एवं जवाब के समर्थन में अप्रार्थी निगम की ओर से सहायक अभियंता का षपथपत्र पेष हुआ है । अप्रार्थी निगम की ओर से मीटर रीडिंग रिकार्ड,मीटर की जांच रिर्पेाट साथ ही बिलिंग स्टेटमेंट भी पेष हुआ है । प्रार्थीया की ओर से माह- सितम्बर, 12, जनवरी, 13 व मार्च, 13 , मई, 13 व जुलाई, 13 के बिलो की फोटो प्रति प्रस्तुत हुई ।
4. हमने पक्षकारान को सुना एवं पत्रावली का अनुषीलन किया ।
5. जहां तक प्रार्थीया अप्रार्थी निगम की उपभोक्ता है इस संबंध में कोई विवाद नही ंहै । निर्णय हेतु हमारे समक्ष यही बिन्दु है कि क्या अप्रार्थी निगम के यहां लगा मीटर दूषित था एवं डिस्प्ले नहीं दर्षा रहा था अतः प्रार्थीया को औसत के आधार पर जारी किए गए बिल सही रूप से जारी किए है ? अथवा मीटर के खराब होने व मीटर द्वारा डिस्प्ले नहीं दिखाने पर भी जो बिल जारी किए है वह उनकी सेवा में कमी सिद्व करता है ?
6. उपरोक्त कायम किए गए निर्णय बिन्दुओं के सबंध में प्रार्थीया प्रतिनिधि व अप्रार्थी निगम के अधिवक्ता को सुना । पक्षकारान की बहस उनके अभिवचानों कें अनुरूप ही रही ।
7. हमने बहस पर गौर किया । स्वयं अप्रार्थी निगम द्वारा पेष मीटर रीडिंग रिकार्ड के अवलोकन से दिनंाक 29.9.2012 के बाद से लेकर मार्च, 14 तक मीटर का डिस्प्ले बन्द होना पाया गया । अतः अप्रार्थी निगम ने मीटर डिस्प्ले बन्द रहने की अवधि के बिल औसत के आधार पर जारी किए थे किन्तु यह औसत किस आधार पर निकाली अप्रार्थी निगम द्वारा नहीं दर्षाया गया है इसके विपरीत मीटर रीडिंग रिकार्ड के अवलोकन से विदित होता है कि जब से मीटर का डिस्प्ले बन्द हुआ अर्थात रीडिंग 725 यूनिट पर बन्द हुई उससे पहले की अवधि दिनंाक 26.7.2011 से 1.8.2012 तक मीटर रीडिंग दर्षा रहा था, पाया गया है एवं इस अवधि में कुल उपभोग 473 यूनिट होता है तथा इस अवधि का औसत उपभेाग लगभग 79 यूनिट हो रहा है । यह तथ्य भी गौर किए जाने योग्य है कि प्रार्थीया के विद्युत मीटर ने 725 रीडिग के बाद डिस्प्ले दिखाना बन्द कर दिया , अतः बन्द अवधि में कितने यूनिटस का उपभोग हुआ मीटर की डत्प् करवा कर या भ्भ्ज् टेस्ट करवा कर अप्रार्थी निगम ने ज्ञात नहीं किया है । जहां तक अप्रार्थी निगम का यह कथन कि टेस्टिंग से मीटर खराब पाया गया एव ंबिल औसत के आधार पर बिल भेजे गए , यह कहना भी गलत है । मीटर मीटर टेस्टिंग रिर्पोट जो पेष हुई है उसमें मीटर संख्या 793780 जो कि प्रार्थीया के यहां लगा हुआ है , के संबंध में मीटर डिस्प्ले आफ ही वर्णित है न कि मीटर डिफेक्टिव है, अंकित है ।
8. उपरोक्त सारे विवेचन से हमारा निष्कर्ष है कि प्रार्थीया का यह कथन कि वह अपने गांव रहती है एवं ब्यावर कम ही रती है अतः उसका विद्युत उपभोग भी काफी कम है , तथ्य की पुष्टि मीटर रीडिंग रिकार्ड से हो रही है । किन्तु अप्रार्थी निगम ने इस अवधि के बाद जब मीटर का डिस्प्ले बन्द हो गया तथा औसत के आधार पर बिल दिया है उक्त औसत का आधार उपर वर्णित अनुसार नहीं पाया गया है । प्रार्थीया के विद्युत मीटर रीडिंग दर्षाने की अवधि 26.7.2011 से 1.8.2012 तक के उपभोग का औसत 79यूनिट मात्र रहा है जबकि मीटर डिस्प्ले नहीं दर्षाने की अवधि नवम्बर, 12 से मार्च, 14 तक जो यूनिट वर्णित है उन यूनिट्स का औसत 149 हो रहा है एवं जैसा कि उपर वर्णित हुआ है कि अप्रार्थी निगम ने इस औसत का कोई आधार नही ंदर्षाया है और ना ही अप्रार्थी निगम ने मीटर डिस्प्ले बन्द रहने की अवधि में मीटर की डत्प् या भ्भ्ज् टेस्ट से उपभोग के यूनिट प्राप्त किए है ।
9. उपरोक्त सारे विवेचन से अप्रार्थी निगम द्वारा मीटर डिस्प्ले बंद की अवधि जो नवम्बर, 12 से मार्च, 14 तक है, के जारी बिल अपास्त होने योग्य है एव ंहम उचित समझते है कि इस अवधि हेतु अप्रार्थी 79 यूनिट प्रति बिलिंग माह मानते हुए संषोधित बिल जारी करें एवं इस अवधि में प्रार्थीया ने जो भी राषि जमा कराई है उसे समयोजित करते हुए बाकाया राषि की मांग करें एवं यदि प्रार्थीया की ओर से राषि जमा रहती है तो अप्रार्थी निगम आगे के बिलों में समायोजित करें । अतः प्रार्थीया का परिवाद स्वीकार होने योग्य है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
10. (1) अप्रार्थी निगम द्वारा प्रार्थीया को जारी बिल अवधि नवम्बर, 12 से मार्च, 14 तक के अपास्त किए जाते है एवं अप्रार्थी निगम को आदेषित किया जाता है कि वह इस अवधि हेतु 79 यूनिटस प्रति बिलिंग का उपभोग मानते हुए प्रार्थीया को संषोधित बिल जारी करें ।
(2) अप्रार्थी निगम क्रम संख्या 1 में वर्णितानुसार जारी किए जाने वाले बिल की राषि में प्रार्थीया द्वारा इस अवधि में जो भी राषि जमा कराई है उसे समायोजित करें एवं यदि प्रार्थी की राषि अप्रार्थी निगम में षेष रहती है तो उक्त राषि प्रार्थीया के भविष्य के बिलो में समायोजित करें ।
(3) प्रार्थीया अप्रार्थी निगम से मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में राषि रू. 3000/- भी प्राप्त करने की अधिकारणी होगी ।
(4) क्र. सं. 3 में वर्णित राषि अप्रार्थी निगम प्रार्थीया को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें । विकल्प में इस राषि को अप्रार्थी निगम प्रार्थीया के भविष्य के बिलो में समायेाजि करने के लिए स्वतन्त्र है ।
(विजेन्द्र कुमार मेहता) (श्रीमती ज्योति डोसी) (गौतम प्रकाष षर्मा)
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11. आदेष दिनांक 10.2.2015 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
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