जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
रतनसिंह पुत्र स्व. नन्गा, जाति- रावत, उम्र- 50 वर्ष, निवासी-ग्राम केसरपुरा, जिला-अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
1.सहायक अभियंता(वितरण) अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, सराधना, जिला-अजमेर ।
2. प्रबन्ध निदेषक, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड,अजमेर ।
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 543/2016
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री जवाहर लाल षर्मा , अधिवक्ता, प्रार्थी
2.अप्रार्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 08.02.2017
1. संक्षिप्त तथ्यानुसार प्रार्थी के पिता एवं चाचाओं सर्व श्री षिव, देवी, हजारी व लाडू ने अपने जीवनकाल में अप्रार्थी विद्युत मण्डल से जो कृषि कनेक्षन जरिए खाता संख्या 2407-0086 ले रखा था, की मृत्युपरान्त प्रार्थी द्वारा विद्युत का उपयोग उपभोग करते हुए अप्रार्थी द्वारा भेजे गए विद्युत बिलों की राषि वह नियमित रूप से जमा करवाता चला आ रहा है । पिछले कई वर्षो से वर्षा नहीं होने के कारण वह प्रष्नगत विद्युत का उपयोग उपभोग नहीं कर पा रहा है । चूंकि जुलाई व अगस्त, 16 में वर्षा होने के कारण वह भविष्य में खेतों में सिचाई के लिए विद्युत का उपयोग व उपभोग करेगा । उसके द्वारा विगत कई वर्षो से बरसात नहीं होने के कारण विद्युत का उपयोग उपभोग नहीं कर पानेे क बावजूद अप्रार्थीगण ने जून, 15 का 28022 यूनिट उपभोग का बिल राषि रू. 64,585/- का भेजा दिया । अप्रार्थीगण से सम्पर्क किए जाने पर बताया गया कि वह उक्त बिल पेटे रू. 30,000/- की राषि जमा करा दे तो उसका विद्युत कनेक्षन नहीं काटा जावेगा । इसी आष्वासन पर प्रार्थी ने उक्त राषि दिनंाक 6.7.2015 को जमा करवा दी । तत्पष्चात् अप्रार्थीगण ने अक्टूबर, 15 का बिल 400 यूनिट का व पिछले बिल की बकाया राषि रू. 37,718/- कुल राषि रू. 40,077/- का भेजा । प्रार्थी द्वारा अप्रार्थीगण उसके द्वारा जमा करवाई गई राषि को आगामी बिलों में समयोजित किए जाने के उनके द्वारा दिए गए आष्वासन को याद दिलाने पर उसे रू. 1550/- जमा कराने के लिए कहे जाने पर उसने उक्त राषि 20.11.2015 को जमा करवा दी । इसी प्रकार अप्रार्थीगण ने माह- अप्रेल,16 का बिल राषि रू. 64049/- का भेजा । षिकायत किए जाने पर अप्रार्थीगण के कहे अनुसार उसने दिनांक 2.6.2016 को रू. 10,000/- जमा करवा दिए । इसके उपरान्त माह- अगस्त 16 का बिल पिछला बकाया रू. 85236.113 पै जोडते हुए राषि रू. 90635/- का भेजा ।इस बिल के संबंध में भी षिकायत की गई। किन्तु अप्रार्थीगण ने राषि जमा नही ंकरवाने पर विद्युत संबंध विच्छेद किए जाने की धमकी दी गई । प्रार्थी का कथन है कि अप्रार्थीगण ने तथाकथित राषि रू. 85236.13 पै.जोडने से पूर्व न तो उसे सुनवाई का कोई अवसर प्रदान किया और ना ही उसके मीटर की कोई जांच रिपोर्ट उसे दी गई । मजबूर होकर उसने दिनंाक 21.9.2016 को अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भिजवाया। किन्तु अप्रार्थीगण ने न तो नोटिस का जवाब दिया और ना ही राषि निरस्त किए जाने की सूचना दी गई । दिनंाक 24.9.2016 को अप्रार्थीगण के कर्मचारियों ने उसके प्रष्नगत विद्युत कनेक्षन को राषि जमा नहीं करवाने की विच्छेद किए जाने की धमकी दी । इस कारण प्रार्थी को यह परिवाद पेष करना पड रहा है । प्रार्थी ने परिवाद पेष कर उनके द्वारा भेजे गए माह- अगस्त के पेटे बकाया राषि रू. 85236.113 पै को वसूल नही ंकरने, माह-जून,15 व माह- अप्रेल 16 के पेटे जमा कराई गई राषि क्रमष रू. 30,000/- व रू. 10,000/- लौटाने अथवा आगामी बिलों में समायेाजित किए जाने के साथ साथ मानसिक , षारिरीक व आर्थिक क्षतिपूर्ति मय परिवाद व्यय दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र पेष किया है ।
2. अप्रार्थीगण बावजूद नोटिस तामील न तो मंच में उपस्थित हुए और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया । अतः अप्रार्थीगण के विरूद्व दिनांक 18.10.2016 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई ।
3. प्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि उसके पिता एवं चाचाओं सर्व श्री षिव, देवी, हजारी व लाडू ने अपने जीवनकाल में अप्रार्थी विद्युत मण्डल से जो कृषि कनेक्षन जरिए खाता संख्या 2407-0086 ले रखा था, की मृत्युपरान्त प्रार्थी द्वारा विद्युत का उपयोग उपभोग करते हुए अप्रार्थी द्वारा भेजे गए विद्युत बिलों की राषि वह नियमित रूप से जमा करवाता चला आ रहा है । पिछले कई वर्षो से वर्षा नहीं होने के कारण वह प्रष्नगत् विद्युत का उपयोग उपभोग नहीं कर पा रहा है । चूंकि जुलाई व अगस्त, 16 में वर्षा होने के कारण वह भविष्य में खेतों में सिचाई के लिए विद्युत का उपयोग व उपभोग करेगा । उसके द्वारा विगत कई वर्षो से बरसात नहीं होने के कारण विद्युत का उपयोग उपभोग नहीं कर पानेे क बावजूद अप्रार्थीगण ने जून, 15 का 28222 यूनिट उपभोग का बिल राषि रू. 64,585/- का भेजा दिया । अप्रार्थीगण से सम्पर्क किए जाने पर बताया गया कि वह उक्त बिल पेटे रू. 30,000/- की राषि जमा करा दे तो उसका विद्युत कनेक्षन नहीं काटा जावेगा । इसी आष्वासन पर प्रार्थी ने उक्त राषि दिनंाक 6.7.2015 को जमा करवा दी । तत्पष्चात् अप्रार्थीगण ने अक्टूबर, 15 का बिल 400 यूनिट का व पिछले बिल की बकाया राषि रू. 37,718/- कुल राषि रू. 40,077/- का भेजा । प्रार्थी द्वारा अप्रार्थीगण उसके द्वारा जमा करवाई गई राषि को आगामी बिलों में समयोजित किए जाने के उनके द्वारा दिए गए आष्वासन को याद दिलाने पर उसे रू. 1550/- जमा कराने के लिए कहे जाने पर उसने उक्त राषि 20.11.2015 को जमा करवा दी । इसी प्रकार अप्रार्थीगण ने माह- अप्रेल,16 का बिल राषि रू. 64049/- का भेजा । षिकायत किए जाने पर अप्रार्थीगण के कहे अनुसार उसने दिनांक 2.6.2016 को रू. 10,000/- जमा करवा दिए । इसके उपरान्त माह- अगस्त 16 का बिल पिछला बकाया रू. 85236.13 पै जोड़ते हुए राषि रू. 90635/- का भेजा ।इस बिल के संबंध में भी षिकायत की गई किन्तु अप्रार्थीगण ने राषि जमा नही ंकवाने पर विद्युत संबंध विच्छेद किए जाने की धमकी दी गई । प्रार्थी का कथन है कि अप्रार्थीगण ने तथाकथित राषि रू. 85236.13 पै.जोड़ने से पूर्व न तो उसे सुनवाई का कोई अवसर प्रदान किया और ना ही उसके मीटर की कोई जांच रिपोर्ट उसे दी गई । मजबूर होकर उसने दिनंाक 21.9.2016 को अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भिजवाया किन्तु अप्रार्थीगण ने न तो नोटिस का जवाब दिया और ना ही राषि निरस्त किए जाने की सूचना दी गई । दिनंाक 24.9.2016 को अप्रार्थीगण के कर्मचारियों ने उसके प्रष्नगत विद्युत करनेक्षन को राषि जमा नहीं करवाने की विच्छेद किए जाने की धमकी दी । इस कारण प्रार्थी को यह परिवाद पेष करना पड़ा है । उसका परिवाद स्वीकार किया जाना चाहिए ।
4. हमने प्रार्थी के तर्क सुने एवं पत्रावली पर उपलब्ध सामग्री का अनुषीलन किया ।
5. प्रार्थी ने अपने परिवाद में वर्णित कथनों की पुष्टि अपने षपथपत्र के माध्यम से एवं दस्तावेज उसने जो अभिलेख पर उपलब्ध कराए हैं यथा- अप्रार्थीगण को दिए गए नोटिस दिनंाक 21.9.2016, माह- अगस्त,16, अप्रेल, 16, मई, 14 जून,14, अक्टूबर,14 जुलाई, 15 के मूल बिल व अप्रार्थी को दिए गए प्रार्थना पत्र दिनांक 25.4 की फोटोप्रति से की है । यह सभी मौखिक एवं प्रलेखीय साक्ष्य अखंडित रही है। मंच की राय में अप्रार्थी द्वारा प्रार्थी के
सेवादोष किया है ।
6. प्रार्थी के कथन एवं प्रार्थी द्वारा मंच के समक्ष प्रस्तुत दस्तावेजात को दृष्टिगत रखते हुए अप्रार्थीगण के किसी खण्डन के अभाव में प्रार्थी के कथनों नहीं मानने का कोई आधार इस स्तर पर मंच के समक्ष विद्यमान नहीं है । अप्रार्थीगण द्वारा प्रार्थी को कोई सुनवाई का अवसर दिए बिना व प्रष्नगत बिलों के संबंध में उनके द्वारा दिए गए आष्वासन के अनुरूप प्रार्थी द्वारा राषि जमा कराए जाने के बावजूद जमा कराई गई राषि को आगामी बिलों में समायोजित नहीं कर व प्रार्थी को मीटर की जांच रिपोर्ट नहीं देकर सेवा में कमी व घोर लापरवाही की है ।
7. उपरोक्त समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों एवं पत्रावली पर उपलब्ध रिकार्ड को मद्देनजर रखते हुए इस परिवाद का निस्तारण यही उचित प्रतीत होता है कि प्रार्थी बकाया राषि रू. 85236.113 पै. के संबंध में अप्रार्थीगण की समझौता समिति उपस्थित होकर उक्त राषि का निस्तारण करावें साथ ही उसके द्वारा माह-जून,15 व माह- अप्रेल 16 के पेटे जमा कराई गई राषि क्रमष रू. 30,000/- व रू. 10,000/- को अप्रार्थीगण आगामी बिलों में समायोजित करेगें ।
:ः- आदेष:ः-
8. (1) प्रार्थी को यह आदेष दिया जाता है कि वह इस आदेष से 3 माह के अन्दर अन्दर बकाया राषि रू. 85236.113 पै. के संबंध में अप्रार्थीगण की समझौता समिति उपस्थित होकर उक्त राषि का निस्तारण करावें । तदनुसार प्रार्थी अप्रार्थीगण की समझौता समिति के निस्तारण के उपरान्त सन्तुष्ट/असन्तुष्ट होने की दषा में विधि अनुसार कार्यवाही करने के लिए स्वतन्त्र होगा ।
(2) अप्रार्थीगण को यह आदेष दिया जाता है कि वह प्रार्थी से प्रष्नगत बिलों के माध्यम से भेजी गई बकाया राषि रू. 85236.113 पै. समझौता समिति के निर्णय तक वसूल नहीं करें ।
(3) अप्रार्थीगण प्रार्थी द्वारा माह-जून,15 व माह- अप्रेल 16 के पेटे जमा कराई गई राषि क्रमष रू. 30,000/- व रू. 10,000/- को आगामी बिलों में समायोजित करेगें ।
(4) प्रार्थी अप्रार्थीगण से ं मानसिक संताप पेटे रू. /- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू. /-भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(5) क्रम संख्या 4 में वर्णित राषि अप्रार्थीगण प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 08.02.2017 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
:ः- संषोधित आदेष:ः-
8. (1) प्रार्थी को यह आदेष दिया जाता है कि वह इस आदेष से 3 माह के अन्दर अन्दर बकाया राषि रू. 85236.113 पै. के संबंध में अप्रार्थीगण की समझौता समिति उपस्थित होकर उक्त राषि का निस्तारण करावें । तदनुसार प्रार्थी अप्रार्थीगण की समझौता समिति के निस्तारण के उपरान्त सन्तुष्ट/असन्तुष्ट होने की दषा में विधि अनुसार कार्यवाही करने के लिए स्वतन्त्र होगा ।
(2) अप्रार्थीगण को यह आदेष दिया जाता है कि वह प्रार्थी से प्रष्नगत बिलों के माध्यम से भेजी गई बकाया राषि रू. 85236.113 पै. समझौता समिति के निर्णय तक वसूल नहीं करें ।
(3) अप्रार्थीगण प्रार्थी द्वारा माह-जून,15 व माह- अप्रेल 16 के पेटे जमा कराई गई राषि क्रमष रू. 30,000/- व रू. 10,000/- को आगामी बिलों में समायोजित करेगें ।
(4) प्रार्थी अप्रार्थीगण से ं मानसिक संताप पेटे रू. 5000/- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/-भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(5) क्रम संख्या 4 में वर्णित राषि अप्रार्थीगण प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
संषोधित आदेष दिनांक 16.02.2017 को जारी किया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष