Rajasthan

Jhunjhunun

619/2013

RAMA DEVI - Complainant(s)

Versus

AVVNL - Opp.Party(s)

HARI RAM SAINI

17 Mar 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 619/2013
 
1. RAMA DEVI
BAGAR
...........Complainant(s)
Versus
1. AVVNL
BAGAR
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER


तारीख
हुक्म
                                              परिवाद संख्या 619/13
                               हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
श्रीमती रामादेवी  बनाम  अ.वि.वि.नि.लि., जरिये सहायक अभियंता, बगड़ जिला झुंझुंनू (राज0)
                         नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
 
12.05.2015

                 
           परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता अधिनियम
परिवादिया की ओर से वकील श्री हरि प्रसाद सैनी उपस्थित। विपक्षी की ओर से वकील श्री विद्याधर महला उपस्थित। उभयपक्ष की बहस सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।     
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादिया ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादिया के नाम सेे विपक्षी के यहां से घरेलु विधुत कनेक्षन ले रखा है, जिसका खाता संख्या 2041-1508-0293 है। परिवादिया द्वारा विपक्षी  को बिलों का भुगतान किया जा रहा है। इसलिए परिवादिया विपक्षी  की उपभोक्ता है। 
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादिया ने बहस के दौरान यह भी कथन किया है कि विपक्षी  द्वारा परिवादिया को माह सितम्बर, 2013 के विद्युत बिल में निगम राषि 14655/-रूपये गलत जोडकर  भेजा गया । उक्त विद्युत बिल प्राप्त होने पर परिवादिया ने विपक्षी से सम्पर्क किया तथा बिल संषोधित किए जाने का निवेदन किया लेकिन विपक्षी ने परिवादिया के बिल को दुरूस्त करने से इन्कार कर दिया तथा कहा कि उक्त राषि आडिट द्वारा निकाली गई है जबकि विद्युत बिल में उपभोग युनिट 102 दषाई गई हैं।  
      अन्त में विद्वान् अधिवक्ता परिवादिया ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार फरमाया जाकर माह सितम्बर,2013 के बिल में लगाई गई निगम राषि 14655/-रूपये  निरस्त कर किए जाने का निवेदन किया है। 
       विद्धान अधिवक्ता विपक्षी  ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादिया के कनेक्षन की सतर्कता जांच अधिकारी द्वारा दिनांक 23.04.2013 को जांच की गई तो मौके पर परिवादिया द्वारा मटमेले रंग के तारों की आकुडी निगम एल.टी. लाईन पर तार सीधे डालकर विद्युत का गलत रूप से इस्तेमाल करके विद्युत चेारी की जा रही थी तथा मौके पर 1.4 किलोवाट भार अवैध रूप से उपभोग पाया गया। जिसकी सतर्कता अधिकारी द्वारा मौके पर वी.सी.आर. संख्या 9531/41 दिनांक 23.04.2013 भरी गई। उक्त राषि 14671/-रूपये जमा करवाने हेतु परिवादिया को दिनांक 25.04.2013 को नोटिस जारी किया गया, लेकिन परिवादिया की ओर से उक्त राषि जमा नहीं करवाई गई। इसलिये उक्त 


राषि परिवादिया के माह सितम्बर,2013 के विद्युत बिल में जोडी गई है, जो सही है। प्रकरण विद्युत चोरी का पाया जाने से वी.सी.आर भरी जाकर नोटिस जारी किया गया है । 
      अन्त में विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने परिवादिया द्वारा विद्युत चोरी करने पर वी.सी.आर के मामले की सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस मंच को नहीं होना कथन करते हुए परिवादिया का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया। 
        उभयपक्ष के तर्को पर विचार किया गया। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया। 
        परिवाद में विद्युत चोरी के आरोप से सम्बंधित विवाद प्रकट होता है। माननीय राष्ट्रीय आयोग ने 2014 (3) सीपीआर, 534 - निर्मला देवी बनाम पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एवं अन्य के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा U.P. POWER CORPORATION LIMITED & ORS Vs. ANISH AHMAD – (2013) 8 S.C.C. 491  में दिये गये आदेष का अवलम्बन लेते हुए यह अभिनिर्धारित किया है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 126 एवं 135 से 140 तक सम्बन्धित प्रकरण जिला मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। उक्त न्यायिक विनिष्चयों की रोषनी में यह परिवाद विद्युत अधिनियम की उक्त धाराओं के अंतर्गत विद्युत चोरी से सम्बंधित होने के कारण इस मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। चूंकि यह परिवाद इस मंच के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।
      अतः परिवादिया का परिवाद पत्र निरस्त किए जाने योग्य होने से खारिज किया जाता है ।
      आदेश आज दिनांक 12.05.2015 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया। 
      पत्रावली फैषल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

 


       
    
    

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.