जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
रामकरण पूत्र श्री छोटू रावत, जाति- रावत, निवासी-बनेडिया, तहसील-भिनाय, जिला-अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
1. अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड जरिए प्रबन्ध निदेषक, माकड़वाली रोड़, अजमेर ।
2. अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड जरिए सहायक अभियंता, सहायक अभियंता कार्यालय, बिजयनगर, जिला-अजमेर ।
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 303/2016
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री श्रवण सिंह गौड़, अधिवक्ता, प्रार्थी
2. अप्रार्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 10.01.2017
1. संक्षिप्त तथ्यानुसार प्रार्थी ने अप्रार्थी विद्युत मण्डल से जरिए खाता संख्या 1713/0317 के कृषि कनेक्षन ले रखा है । जिससे कृषि कार्य कर अपना व अपने परिवार का पालन पोषण करता है । प्रार्थी जब दिना 1.3.2015 को अपने खेत पर गेहूं की कटाई कर रहा था तो उसके खेत के उपर अप्रार्थी की 11000 वोल्ट की जो लाईन जा रही है, के टूट कर गिर जाने के कारण उसकी चपेट में आ जाने की वजह से उसे ष्षारीरिक क्षतिकारित हुई यथा दाहिने साईड का कान, बांया व दांया हाथ, दोनों पैर घुटने के नीचेे से जल गए, सिर, पीठ, कमर, कूल्हें आदि जल गए और वह उसी समय बहोष भी हो गया । तत्काल उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, गुलाबपुरा में भर्ती करवाया गया । किन्तु प्रार्थी की गम्भीर हालत को देखते हुए उसे अजमेर रैफर कर दिया । जिस पर वह दिनंाक 12.3.2015 को जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय, अजमेर में भर्ती हुआ । जहां उसका दिनंाक 19.4.2015 तक ईलाज चला जिसमें उसका काफी खर्चा हुआ और वह स्थायी विकलांग हो गया । प्रार्थी का कथन है कि बिजली के उपरकणों व तारों का समय पर नियमित चैकिंग कर उसके रख रखाव की जिम्मेदारी अप्रार्थी विद्युत मण्डल की है । अप्रार्थी ने अपने कर्तव्यों का निवर्हन पूर्ण जिम्मेदारी से नही ंकर सेवा में कमी कारित की है ं। अप्रार्थीगण के गैर जिम्मेदाराना कार्य से उसकी गेहूं की फसल भी खराब हो गई । प्रार्थी ने परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वयं का ष्षपथपत्र पेष किया है ।
2. अप्रार्थीगण बावजूद नोटिस तामील न तो मंच में उपस्थित हुए और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया । अतः अप्रार्थीगण के विरूद्व दिनांक 27.7.2016 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई । बावजूद नियत तारीख पेषी दिनंाक 29.9.2016, 2.12.2016 20.12.2016 को अप्रार्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ । अतः प्रकरण का मैरिट पर निस्तारण किया जाना उचित समझा जाकर प्रकरण में निर्णय पारित किया जा रहा है ।
3. प्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प्रार्थी द्वारा अप्रार्थी विद्युत मण्डल से जरिए खाता संख्या 1713/0317 के कृषि कनेक्षन ले रखा है । जिससे कृषि कार्य कर अपना व अपने परिवार का पालन पोषण करता है । प्रार्थी जब दिनांक 11.3.2015 को अपने खेत पर गेहूं की कटाई कर रहा था तो उसके खेत के उपर अप्रार्थी की 11000 वोल्ट की जो लाईन जा रही है जिसके टूट कर गिर जाने के कारण उसकी चपेट में आ जाने की वजह से उसे षारीरिक क्षतिकारित हुई यथा दाहिने साईड का कान, बांया व दांया हाथ, दोनों पैर घुटने के नीये से जल गए, सिर, पीठ, कमर, कूल्हें आदि जल गए और वह उसी समय बहोष भी हो गया । तत्काल उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, गुलाबपुरा में भर्ती करवाया गया । किन्तु प्रार्थी की गम्भीर हालत को देखते हुए उसे अजमेर रेफर कर दिया जिस पर वह दिनंाक 12.3.2015 को जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय, अजमेर में भर्ती हुआ । जहां उसका दिनंाक 19.4.2015 तक ईलाज चला जिसमें उसका काफी खर्चा हुआ और वह स्थायी विकलांग हो गया । बिजली के उपरकणों व तारों का समय पर नियमित चैकिंग कर उसके रख रखाव करने की जिम्मेदारी अप्रार्थी विद्युत मण्डल की है । अप्रार्थीगण के गैर जिम्मेदाराना कार्य से उसकी गेहूं की फसल भी खराब हो गई । अप्रार्थीगण ने अपने कर्तव्यों का निवर्हन पूर्ण जिम्मेदारी से नही ंकर सेवा में कमी कारित की है ं। प्रार्थी ने अपने तर्को के समर्थन में 2008;4द्धब्च्त् 488;छब्द्ध म्गमबनजपअम म्दहपदममतए म्समबजतपबपजल क्पेजतपइनजपवद क्पअपेपवद - व्ते टे ठनकीकींद न्यायिक दृष्टान्त पेष किया है ।
4. हमने प्रार्थी के तर्क सुने एवं पत्रावली पर उपलब्ध सामग्री का अनुषीलन किया । प्रस्तुत नजीर का भी ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया ।
5. प्रार्थी ने अपने परिवाद में वर्णित कथनों की पुष्टि अपने षपथपत्र के माध्यम से एवं दस्तावेज उसने जो अभिलेख पर उपलब्ध कराए हैं यथा-जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय, अजमेर का मूल रोगी पर्ची दिनांक 3.3.2016, जुलाई, 15 का मूल बिल, राषन कार्ड व डिस्चार्ज टिकिट की फोटोप्रति, खेतों के फोटोग्राफ्स व अन्य फोटोगाफ्स से की है । यह सभी मौखिक एवं प्रलेखीय साक्ष्य अखंडित रही है।
6. प्रार्थी के कथन एवं प्रार्थी द्वारा मंच के समक्ष प्रस्तुत दस्तावेजात को दृष्टिगत रखते हुए अप्रार्थी के किसी खण्डन के अभाव में प्रार्थी के कथनों नहीं मानने का कोई आधार इस स्तर पर मंच के समक्ष विद्यमान नहीं है । प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत उपरोक्त न्यायिक दृष्टान्त में माननीय राष्ट्रीय आयोग ने भी विद्युत विभाग के खुले तारों के टूट कर गिरने से हुई जनमानस की क्षति को उनकी सेवा में कमी का दोषी पाते हुए प्रकरण में प्रार्थी उपभोक्ता को राहत प्रदान की है। हस्तगण प्रकरण के तथ्य उक्त प्रकरण के तथ्यों से मेल खाते हंै । हम उक्त न्यायिक दृष्टान्त में प्रतिपादित सिद्वान्त से सहमति व्यक्त करते हंै । मंच की राय में प्रार्थी का परिवाद अप्रार्थीगण के विरूद्व एक पक्षीय स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि:
:ः- आदेष:ः-
7. (1) प्रार्थी अप्रार्थी विद्युत मण्डल से इलाज पेटे खर्च हुई राषि रू. 1,00,000/- फसल के नुकसान पेटे रू. 50,000/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थी विद्युत मण्डल से मानसिक संताप पेटे रू. 1,00,000/- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/-भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी विद्युत मण्डल प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 10.01.2017 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य अध्यक्ष