जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण अजमेर
श्री प्यारे लाल गढवाल पुत्र श्री हरी लाल गढवाल, निवासी- नारीषाला रोड, गली नं018,रूणीचा वेल्डिग वक्र्स के पास, अषोक नगर, अजमेर ।
प्रार्थी
बनाम
सहायक अभियंता, अजमेर विद्युत वितरण निगम, सी0ए0डी0 4, परबतपुरा, अजमेर ।
अप्रार्थी
परिवाद संख्या 13/2014
समक्ष
1. गौतम प्रकाष षर्मा अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
उपस्थिति
1.श्री जवाहर लाल षर्मा, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री षेखर सेन, अधिवक्ता अप्रार्थी
मंच द्वारा :ः- आदेष:ः- दिनांकः- 15.04.2015
1. परिवाद के तथ्योंनुसार प्रार्थी ने दिनंाक 18.10.2013 को अपनी दुकान हेतु विद्युत कनेक्षन के लिए अप्रार्थी अजमेर वि़द्युत वितरण निगम लिमिटेड
(जो इस निर्णय में आगे मात्र निगम ही कहलाएगा) के यहां आवेदन पत्र प्रस्तुत किया जिसके संबंध में अप्रार्थी निगम द्वारा प्रार्थी को रू. 5900/- का मांग पत्र जारी किया जो राषि प्रार्थी द्वारा जमा करा दी गई । तत्पष्चात् अप्रार्थी निगम द्वारा प्रार्थी से इसी परिसर के संबंध में जो कि पूर्व में मैसर्स पेडवाल ड्रिकिंग वाटर को किराए पर दे रखा था, की बकाया राषि रू. 21,300/- जमा कराने की मांग की एवं प्रार्थी को कनेक्षन नहीं दिया । अतः प्रार्थी द्वारा यह परिवाद पेष करते हुए दर्षाया है कि पूर्व का कनेक्षन प्रार्थी के नाम नहीं था अतः पूर्व की बकाया राषि जमा कराने का दायित्व उसका नहीं है एवं कनेक्षन दिए जाने की प्रार्थना की है ।
2. अप्रार्थी निगम ने जवाब प्रस्तुत किया जिसमें परिवाद में वर्णित अनुसार आवेदन करने एवं उसे मांग पत्र जारी किए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए आगे दर्षाया है कि इसी परिसर के संबंध में जो पूर्व का कनेकषन था उक्त कनेक्षन के के उपभोग की राषि रू. 21,300/- ष्षेष थी । अतः उसे जमा करवाने का दायित्व चूंकि प्रार्थी इसी परिसर में अपने नाम से कनेक्षन ले रहा है इसलिए प्रार्थी राषि जमा कराने के लिए उत्तरदायी है किन्तु उसने राषि जमा नहीं कराई इसलिए उसे कनेक्षन नहीं दिया जाना दर्षाया ।
3. उपरोक्त अनुसार परिवाद के तथ्य एवं अप्रार्थी निगम के जवाब के उपरानत हमारे समक्ष निर्णय हेतु यही बिन्दु है कि क्या अप्रार्थी निगम द्वारा प्रार्थी से पूर्व के कनेक्षन की बकाया राषि की मांग किया जाना उचित है ?
4. हमने कायम किए गए निर्णय बिन्दु पर पक्षकारान की बहस सुनी जो उनके अभिवचनों के अनुरूप ही रही । अधिवक्ता प्रार्थी की बहस है कि पूर्व की राषि प्रार्थी में बकाया नहीं थी क्योंकि पूर्व का कनेक्षन प्रार्थी के नाम में नहीं होकर मैसर्स पेडवाल ड्रिंकिंग वाटर के नाम में था। इस संबंध में अप्रार्थी निगम के अधिवक्ता ने परिपत्र दिनांक 30.4.1997 की ओर हमारा ध्यान दिलाया जिसके अनुसार अप्रार्थी निगम प्रार्थी के नाम में पूर्व की कोई राषि हो उसी को जमा कराया जाना आवष्यक है लेकिन हस्तगत प्रकरण में बकाया राषि प्रार्थी के खाते की नहीं है । अधिवक्ता ने एक निर्णय जो सिविल न्यायाधीष कनिष्ठ खण्ड, प्रथम वर्ग, अजमेर द्वारा वाद संख्या 45/98 में पारित हुआ की प्रति भी पेष की है साथ ही माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय का निर्णय क्छश्र;त्ंरंेजींदद्ध59 ब्ींपतउंद ए त्ंरंेजींद ैजंजम म्समबजतपबपजल ठवंतक ंदक व्ते टे ठीपदूं त्ंउ भी पेष किया ।
अधिवक्ता अप्रार्थी ने अपनी बहस में बतलाया कि विद्युत आपूर्ति षर्तानुसार जिस परिसर के लिए कनेक्षन लिया जा रहा है उस परिसर के संबंध में पूर्व की कोई बकाया राषि है तो उसे जमा कराया जाना आवष्यक है । इस संबंध में उन्होने दृष्टान्त 2007छब्श्र 506;ैब्द्ध क्ंोीपद भ्ंतलंदं ठपरसप टपजतंद छपहंउ स्जक टे डध्े च्ंतंउवनदज च्वसलउमते च्अजण् स्जक पेष किया साथ ही उनकी ओर से लिखित बहस की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया ।
5. हमने बहस पर गौर किया एवं दृष्टान्त 2007छब्श्र 506;ैब्द्ध पर भी मनन किया । जिसमें माननीय उच्चतम न्यायालय ने अभिनिर्धारित किया है कि जिस परिसर में विद्युत संबंध लिया जा रहा है यदि उस परिसर की पूर्व की कोई विद्युत उपभोग की राषि बकाया है कि उक्त राषि अप्रार्थी विद्युत निगम जमा करवाए जाने का अधिकारी है एवं उक्त राषि को जमा नहीं करवाया जाता है तब तक अप्रार्थी निगम द्वारा कनेक्षन नहीं दिया जाता है तो इसे अप्रार्थी की सेवा में कमी नहीं माना जा सकता ।
6. उपरोक्त विवेचन एवं अप्रार्थी निगम की ओर से लिखित बहस व दृष्टान्तों के दृष्टिगत हम पाते है कि प्रार्थी को पूर्व के विद्युत उपभोग की बकाया राषि रू. 21,300/- जमा नहीं करवाए जाने से जो विद्युत कनेक्षन नहीं दिया जा रहा है तो अप्रार्थी निगम का उक्त कृत्य सेवा में कमी नहीं कहलाएगी । परिणामस्वरूप प्रार्थी का परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है । अतः आदेष है कि
-ःः आदेष:ः-
7. फलतः प्रार्थी का परिवाद अस्वीकार होने योग्य होने से अस्वीकार किया जाकर खारिज किया जाता है ।
(श्रीमती ज्योति डोसी) ( गौतम प्रकाष षर्मा )
सदस्या अध्यक्ष
8. आदेष दिनांक 15.04.2015 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
सदस्या अध्यक्ष