Rajasthan

Jhunjhunun

CC/391/2014

Phulachnd - Complainant(s)

Versus

AVVNL - Opp.Party(s)

Rajes Khedad

04 Jun 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/391/2014
 
1. Phulachnd
Sisiya, Jhunjhunu
...........Complainant(s)
Versus
1. AVVNL
Jhunjhunu
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel PRESIDENT
 HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui MEMBER
 HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra MEMBER
 
For the Complainant:Rajes Khedad, Advocate
For the Opp. Party: Phulachnd Sheni, Advocate
ORDER


तारीख
हुक्म
                                  परिवाद संख्या 391/14
                               हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
   फूलचंद  बनाम     अ.वि.वि.नि.लि. जरिए सहायक अभियंता (ग्रामीण), झुंझुनू तहसील व
                   जिला झुंझुंनू (राज0)
                         नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
 
03.06.2015

                 
           परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता अधिनियम
परिवादी की ओर से वकील श्री राजेष श्योराण उपस्थित। विपक्षी की ओर से वकील श्री फूलचंद सैनी उपस्थित। उभयपक्ष की बहस सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।     
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी के नाम सेे विपक्षी के यहां से घरेलु विधुत कनेक्षन ले रखा है, जिसका खाता संख्या 2044-1801-0435 है। परिवादी उक्त विधुत कनेक्षन का समय-समय पर विपक्षी को बिल जमा कराता आ रहा है। इसलिए परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता है। 
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने बहस के दौरान यह भी कथन किया है कि विपक्षी द्वारा परिवादी को माह मई, 2014 के विद्युत बिल में निगम राषि 5753/-रूपये व टेक्स राषि 204/-रूपये जोड़कर भिजवाया जबकि परिवादी के घर पर लगा मीटर सही चल रहा था। परिवादी जब उक्त विद्युत बिल लेकर विपक्षी के यहां गया तो विपक्षी ने निगम राषि निरस्त नहीं की तथा कहा कि बिल की राषि जमा करवानी पडेगी अन्यथा परिवादी का कनेक्षन विच्छेद कर दिया जावेगा।
      अन्त में विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार फरमाया जाकर परिवादी को जारी गलत विद्युत बिल माह मई, 2014 निरस्त किए जाने का निवेदन किया है। 
       विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी के कनेक्षन परिसर की सतर्कता जांच अधिकारी द्वारा जांच की गई तो मौके पर परिवादी अपने वैध घरेलु कनेक्षन का उपभोग न करके पास में स्थित अपने पिताजी के नाम से लिये हुए कृषि कनेक्षन की गूमटी से सीधे तार इनपूट में डालकर विद्युत चोरी करता हुआ पाया गया। जिसकी वी.सी.आर. 20638/26 दिनांक   08.02.2014  भरी जाकर परिवादी को नोटिस भिजवाया गया जो राषि परिवादी ने जमा नहीं करवाई इसलिये परिवादी के वैध खाता में जोडकर बिल भिजवाया गया है, जो सही है।
     
      अन्त में विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने परिवादी द्वारा विद्युत चोरी करने पर वी.सी.आर के मामले की सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस मंच को नहीं होना कथन करते हुए परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया। 
        उभयपक्ष के तर्को पर विचार किया गया। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया। 
        परिवाद में विद्युत चोरी के आरोप से सम्बंधित विवाद प्रकट होता है। माननीय राष्ट्रीय आयोग ने 2014 (3) सीपीआर, 534 - निर्मला देवी बनाम पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एवं अन्य के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा U .P. POWER CORPORATION LIMITED & ORS Vs. ANISH AHMAD - (2013) 8 S.C.C. 491  में दिये गये आदेष का अवलम्बन लेते हुए यह अभिनिर्धारित किया है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 126 एवं 135 से 140 तक सम्बन्धित प्रकरण जिला मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। उक्त न्यायिक विनिष्चयों की रोषनी में यह परिवाद विद्युत अधिनियम की उक्त धाराओं के अंतर्गत विद्युत चोरी से सम्बंधित होने के कारण इस मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। चूंकि यह परिवाद इस मंच के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।
      अतः परिवादी का परिवाद पत्र निरस्त किए जाने योग्य होने से खारिज किया जाता है ।
      आदेश आज दिनांक 03.06.2015 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया। 
      पत्रावली फैषल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

 


       
    
    

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra]
MEMBER

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