जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण अजमेर
कुमारी मुन्नी अग्रवाल पुत्री स्वर्गीय नाथूलाल जी गोयल, मकान नं. 19/19, डिग्गी बाजार, गुर्जर मौहल्ला, अजमेर ।
प्रार्थी
बनाम
1. अधीक्षण अभियंता, डी-।। क्षेत्र, बिजली विभाग, हाथीभाटा, अजमेर ।
2. सहायक अभियंता, डी-।। क्षेत्र, बिजली विभाग, हाथीभाटा, अजमेर ।
अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 88/2014
समक्ष
1. गौतम प्रकाष षर्मा अध्यक्ष
2. विजेन्द्र कुमार मेहता सदस्य
3. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
उपस्थिति
1. कुमारी मुन्नी अग्रवाल प्रार्थीया स्वयं
2.श्री षेखर सेन, अधिवक्ता अप्रार्थी
मंच द्वारा :ः- आदेष:ः- दिनांकः- 18.11.2014
1. प्रार्थीया की ओर से लाए गए प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस तरह से है कि एक विद्युत कनेक्षन जिसका खाता संख्या 1622/0114 प्रार्थीया के पिता नाथू लाल गोयल के नाम से है । प्रार्थीया के पिता का देहान्त दिनांक
15.7.2013 को हो जाने के उपरान्त इस विद्युत कनेक्षन का उपयोग प्रार्थीया ही करती आ रही है । परिवाद में प्रार्थीया ने विस्तार से अप्रार्थी द्वारा इस विद्युत कनेक्षन के संबंध में जो अनियमितताएं आदि बरती आदि का उल्लेख करते हुए दर्षाया है कि उसके परिवार में दो सदस्य ही रह रहे है, पूरे घर में 2 सीएफएल के अलावा 15 पावर के दो बल्ब लगे हुए है, फ्रिज का उपयोग नहीं किया जाता, घर में पढने वाला कोई नहीं है, तथा अप्रार्थी विभाग द्वारा समय पर रीडिंग नहीं ली जाती तथा उपभोग 50 यूनिट से कम होने के कारण भविष्य में बिजली का बिल, बिल के पीछे अंकित ब्यौरे अनुसार भिजवाए जाने चाहिए जो नही ंभिजवाए जा रहे है । बिल नियमानुसार 15 दिन पूर्व से जारी नहीं किए जा रहे है । माह- जनवरी,14 के बिल की राषि रू. 460/- के साथ पूर्व माह- नवम्बर,13 के बिल की विलम्ब षुल्क रू. 1028/- जोडते हुए राषि रू. 1488/- का बिल भेज दिया जो गलत राषि का था । प्रार्थीया द्वारा षिकायत की गई किन्तु कोई कार्यवाही नहीं की गई । मजबूरन प्रार्थीया को उक्त राषि जमा करानी पडी । इसी तरह से माह- मार्च, 14 का बिल राषि रू. 705/- का भिजवाया इस संबंध में प्रार्थीया ने स्थायी षुल्क में रू. 208/- कम किए जाने का निवेदन किया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई तथा प्रार्थीया द्वारा उक्त राषि भी जमा करवाई गई । बिजली के बिल पर प्रार्थीया के घर का पता भी गलत दर्षाया हुआ है जिससे बिल कई बार समय पर प्राप्त नहीं होते इसी तरह से रीडिंग 60 दिवस पर ली जानी चाहिए लेकिन कई बार रीडिंग देरी से ली जा रही है । अप्रार्थी द्वारा स्थायी षुल्क भी अधिक लिया जाता है इस संबंध में प्रार्थीया ने पैरा संख्या 8 में एक चार्ट बिना कर पेष किया है । अप्रार्थी द्वारा सब्सीडी भी नहीं दी जाती जिसका परिवाद में उल्लेख किया है । अतः यह परिवाद पेष कर परिवावद में वर्णित अनुतोष प्रार्थीया द्वारा चाहा गया है ।
2. अप्रार्थी मण्डल द्वारा जवाब प्रस्तुत हुआ जिसमें प्रारम्भिक आपत्तियां ली गई तथा चरणवार जवाब पेष करते हुए बतलाया कि प्रार्थीया द्वारा गलत तथ्यों का उल्लेख करते हुए परिवाद पेष किया गया है । अप्रार्थी मण्डल द्वारा किसी भी तरह से सेवा में कमी कारित नहीं की है । अतः परिवाद खारिज होने योग्य बतलाया ।
3. हमने पक्षकारान की बहस सुनी एवं पत्रावली का अनुषीलन किया
4. प्रार्थीया ने अपने परिवाद में विषेषकर परिवाद की चरण संख्या 7,8 व 9 में स्थायी ष्षुल्क अधिक लेने व विलम्ब षुल्क की राषि वसूल करने तथा सब्सीडी का लाभ नहीं दिए जाने का उल्लेख किया है । प्रार्थीया ने मीटर की रीडिंग भी नियमानुसार नहीं लेने का भी आक्षेप अप्रार्थी विभाग पर लगाया है । अप्रार्थी विभाग ने अपने जवाब में प्रारम्भिक आपत्तियां ली है किन्तु प्रार्थीया के परिवाद के सभी पैराओं का चरणवार जवाब अपने जवाब की चरण संख्या 5 में वर्णितानुसार दिया है । जैसा कि उपर विवेचित हुआ है परिवाद के पैरा संख्या 7,8, व 9 आदि का विषिष्ठ रूप से कोई जवाब अप्रार्थी विभाग की ओर से नहीं दिया गया है एवं इन पैराज में प्रार्थीया ने स्थायी षुल्क की राषि अधिक लेने , सब्सीडी नहीं देने तथा विलम्ब षुल्क वसूल करने का उल्लेख किया है । अन्त में प्रार्थीया ने स्वयं को जो नुकसान इस संबंध में हुआ के रू. 2000/- आर्थिक नुकसान की मांग की हे । प्रार्थीया ने परिवाद की चरण संख्या 8 में एक चार्ट प्रस्तुत किया है जिसमें प्रार्थीया द्वारा अधिक भुगतान की गई राषि का वर्णन, यूनिट खर्च में रू. 72/- स्थायी षंुल्क में रू. 1098/- तथा विलम्ब षुल्क में रू. 377/- की मांग की हे । इस संबंध में विषिष्ठ रूप से अप्रार्थी विभाग द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया है । परिवाद के अवलोकन से प्रार्थीया द्वारा जो बिल उसे प्रसारित हुआ उनका नियमानुसार एवं समय पर भुगतान करती रही है, का भी उल्लेख है ।
5. उपरोक्त सारे विवेचन से हम पाते है कि अप्रार्थी निगम द्वारा प्रार्थीया की ओर से स्थायी षुल्क अधिक लेने, गलत रूप से विलम्ब षुल्क जोडने आदि के जो आक्षेप लिए है, का विषिष्ठ रूप से कोई उत्तर नहीं दिया है । इस संबंध में प्रार्थीया ने अपने परिवाद के पैरा संख्या 8 के संबंध में एक चार्ट भी पेष किया हे । हमारे विनम्र मत प्रार्थीया में इस पैरा संख्या 8 में उसके द्वारा अप्रार्थी विभाग द्वारा अधिक वसूल की गई राषि का जो विवरण दिया है वह राषि स्थायी खर्च की रू. 1098/- व विलम्ब ष्षुल्क की राषि रू. 377/- कुल राषि रू. 1475/- प्राप्त करने अथवा स्वयं के बिलों में समायोजित कराने की अधिकारणी पाई जाती है । प्रार्थीया अप्रार्थी निगम से मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में भी समुचित राषि प्राप्त करने की अधिकारणी है । प्रार्थीया का परिवाद निम्न तरह से स्वीकार किया जाता है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
6. (1) प्रार्थीया अप्रार्थी निगम से स्थायी षुल्क मद में रू. 1098/- व विलम्ब षुल्क मद में रू. 377/- अधिक वसूल की गई राषि कुल राषि रू. 1475/- प्राप्त करने की अधिकारणी होगी ।
(2) प्रार्थीया अप्रार्थी निगम से मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में राषि रू. 1500/- भी प्राप्त करने की अधिकारणी होगी ।
(3) क्र.सं. 1 व 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी निगम प्रार्थीया को अदा करें अथवा अप्रार्थी निगम इस राषि का प्रार्थीया के आगामी बिलो में समयोजित करें । उक्त निर्णय की पालना अप्रार्थी निगम आदेष से दो माह की अवधि में करें ।
(विजेन्द्र कुमार मेहता) (श्रीमती ज्योति डोसी) (गौतम प्रकाष षर्मा)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
7. आदेष दिनांक 18.11.2014 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
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