Rajasthan

Ajmer

CC/323/2014

MOHIT PAWAR - Complainant(s)

Versus

AVVNL - Opp.Party(s)

ADV.DEEPAK JAIN

07 May 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/323/2014
 
1. MOHIT PAWAR
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. AVVNL
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Gautam prakesh sharma PRESIDENT
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण         अजमेर

मोहित पंवार पुत्र श्री रामनारायण पंवार, निवासी- 3-क-32, श्रीराम विहार काॅलोनी, वैषालीनगर, अजमेर । 
                                                        प्रार्थी

                            बनाम    

1.  सहायक अभियंता, डी-ट, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, वैषालीनगर, अजमेर । 
2. मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नगर निगम, अजमेर । 
3. स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम, अजमेर । 
                                                        अप्रार्थीगण 
                    परिवाद संख्या 323/2014

                            समक्ष
                   1.  गौतम प्रकाष षर्मा    अध्यक्ष
           2. श्रीमती ज्योति डोसी   सदस्या

                           उपस्थिति
                  1.श्री दीपक जैन,  अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2. अप्रार्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं 

                              
मंच द्वारा           :ः- आदेष:ः-      दिनांकः- 07.05.2015

1.            परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि  प्रार्थी परिवाद में वर्णित पते पर निवास करता है   और अप्रार्थी संख्या 1  द्वारा उसके पिता के नाम विद्युत कनेक्षन संबंधी  जों बिल  जारी किए जाते है उसमें षहरी उपकर के मद में साफ सफाई व अन्य पैटे  अप्रार्थी संख्या 2 व 3 के लिए राषि जोड कर  प्राप्त की जाती है ।  प्रार्थी के निवास स्थान के सामने खाली पडी भूमि पर पिछले काफी समय से  अप्रार्थी संख्या 2 व 3 नगर निगम, अजमेर के द्वारा कचरा डिपो स्थापित किया गया  है ।  उक्त कचरा डिपो गहन रिहायषी क्षेत्र के बीचों बीच है और कचरा  डिपो के पास ही आर.क.े.अस्पताल भी है इस कारण  प्रार्थी व आस पास के समस्त लोगों  व अस्पताल के मरीजों को काफी मुष्किलों का सामना करना पडा रहा है । प्रार्थी ने परिवाद की चरण संख्या 3,4 व 5 में वर्णित परेषानियों को दर्षाते हुए इसे अप्रार्थी संख्या 2 व 3 के स्तर पर सेवा में कमी बतलाते हुए परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । 
2.    अप्रार्थीगण बावजूद तामिल के उपस्थित नही ंहोने पर उनके विरूद्व एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई । 
3.    हमने प्रार्थी पक्ष को सुना एवं पत्रावली का अनुषीलन किया । 
4.    प्रार्थी की मुख्य षिकायत अप्रार्थी संख्या 2 व 3 के विरूद्व है । प्रार्थी ने बिजली का बिल माह- सितम्बर, 2014 का  पेष किया जिसके मद संख्या 18 में नगरीय उपकर हेतु राषि रू. 59.02 पै. का उल्लेख है । अप्रार्थी संख्या 2 व 3 की ओर से जवाब  पेष नहीं हुआ है । अप्रार्थी संख्या 3 का एक पत्र जो प्रार्थी को प्रेषित किया , मूल ही  पत्रावली पर  पेष हुआ जिसमें वर्णित अनुसार प्रष्नगत स्थान पर कचरा डाला जा रहा है तथा यह भी उल्लेख किया है कि वर्तमान में आस पास  अन्यत्र स्थान नही ंहोने के कारण डिपों को हटाया जाना सम्भव नही ंहै ।  आगे उल्लेख किया है कि स्थान  उपलब्ध  होने पर डिपो स्थानान्तरित कर दिया जावेगा । अप्रार्थी संख्या 3 के इस पत्र से स्पष्ट है कि प्रष्नगत स्थान पर अप्रार्थी  नगर निगम  द्वारा  कचरा डालने का डिपो बना रखा है एवं परिवाद में वर्णित अनुसार उक्त कचरे को जिसमें सडा गला कचरा भी सम्मिलित है, समय पर नहीं उठाया जा रहा है तथा  नगर निगम का यह डिपो  किसी कमेटी द्वारा  निर्णित या तय स्थान पर कायम हो, ऐसी साक्ष्य भी पत्रावली पर नहीं है । इस प्रकार हम पाते है कि प्रार्थी के परिवाद में वर्णित अनुसार अप्रार्थी संख्या 2 व 3 द्वारा कायम किए गए प्रष्नगत  डिपों से जिसमें की सडा गला कचरा भी सम्मिलित है  एवं आवारा पषु सुअर आदि वहां इकड्ठे हो रहे है इस वजह से आस पास का वातारण प्रदूषित हो रहा है । अतः यह तथ्य सिद्व है । इस प्रकार  हम प्रार्थी का यह परिवाद स्वीकार होने योग्य पाते है । अतः आदेष है कि 
                              :ः- आदेष:ः-
5.    (1)    अप्रार्थी संख्या 2 व 3  को आदेषित किया जाता है कि वे प्रार्थी के निवास स्थान के सामने  खाली पडी भूमि पर जो प्रष्नगत कचरा डिपो कायम कर रखा है उसे इस निर्णय की तिथी से एक माह की अवधि  में हटावे एवं इस स्थान को कचरा डालने से मुक्त रखा जावे तथा भविष्य में किसी प्रकार का कचरा अप्रार्थी संख्या 2 व 3 की ओर से इस स्थान पर नहीं डाला जावें । 
    (2)    प्रार्थी अप्रार्थी संख्या 2 व 3 से मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में राषि रू. 1000/- भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा । 
        (3)        क्र. सं. 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी संख्या 2 व 3 प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।  
            (4)        अप्रार्थी संख्या 1 के विरूद्व  परिवाद अस्वीकार किया जाता है ।
                
(श्रीमती ज्योति डोसी)                              (गौतम प्रकाष षर्मा)
           सदस्या                                           अध्यक्ष    
6.        आदेष दिनांक 07.05.2015 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

           सदस्या                                           अध्यक्ष

                   
        

 

 
 
[ Gautam prakesh sharma]
PRESIDENT
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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