Rajasthan

Jhunjhunun

CC/37/2015

Maniram Kisanlal - Complainant(s)

Versus

AVVNL - Opp.Party(s)

Sures Kumar

08 Apr 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/37/2015
 
1. Maniram Kisanlal
posana, Udayapuravati
Jhunjhunu
Rajasthan
...........Complainant(s)
Versus
1. AVVNL
Gudhagorji, udayapuravati
Jhunjhunu
Rajasthan
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel PRESIDENT
 HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui MEMBER
 HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra MEMBER
 
For the Complainant:Sures Kumar, Advocate
For the Opp. Party:
ORDER


तारीख
हुक्म
                                           परिवाद संख्या 37/15
                               हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
        मणीराम, किषनलाल  बनाम  सहायक अभियंता, अ.वि.वि.नि.लि.,गुढागोडजी तहसील
                               उदयपुरवाटी जिला झुंझुंनू (राज0) वगैरह
                         नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
 
13.05.2015

                 
           परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता अधिनियम
परिवादी की ओर से वकील श्री सुरेष कुमार शर्मा उपस्थित। विपक्षीगण की ओर से वकील श्री राजेष खेदड़ उपस्थित। उभयपक्ष की बहस सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।     
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी के नाम सेे विपक्षीगण के यहां से कृषि विधुत कनेक्षन ले रखा है, जिसका खाता संख्या 2031-2403-0160 है। परिवादी द्वारा विपक्षीगण  को बिलों का भुगतान किया जा रहा है। इसलिए परिवादी विपक्षीगण  का उपभोक्ता है। 
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने बहस के दौरान यह भी कथन किया है कि विपक्षीगण  द्वारा परिवादी को माह जून, 2012 के विद्युत बिल में निगम राषि 25500/-रूपये गलत जोडकर कुल 28269/-रूपये का बिल भेजा गया। उक्त विद्युत बिल प्राप्त होने पर परिवादी ने विपक्षीगण से सम्पर्क किया तथा बिल संषोधित किए जाने का निवेदन किया । परिवादी ने माह अगस्त, 2012 के बिल का इंतजार किया लेकिन उस बिल में भी पिछली बकाया राषि जोडकर भेजी गई, जिस पर परिवादी ने 10,000/-रूपये जमा करवा दिये तथा विपक्षीगण से पुनः बिल दुरूस्त किये जाने हेतु निवेदन किया। विपक्षीगण ने परिवादी के बिल को दुरूस्त नहीं किया तथा उसी आधार पर माह दिसम्बर, 2014 तक 27286/-रूपये बिना किसी आधार के परिवादी के बिल में जोडकर विद्युत बिल भिजवाया गया है। 
      अन्त में विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार फरमाया जाकर माह जून,2012 के तहत बिल राषि माह दिसम्बर 2014 तक भेज रहे हैं, उसे निरस्त किए जाने का निवेदन किया है। 
       विद्धान अधिवक्ता विपक्षीगण  ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी के कनेक्षन की तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता (वि.) धमोरा द्वारा दिनांक 12.02.2012 को जांच की गई तो मौके पर परिवादी द्वारा बिना विभागीय स्वीकृति मूल कुये के कनेक्षन को दूसरे ट्यूबवैल में षिफ्ट  कर लिया। जिसकी मौके पर वी.सी.आर. संख्या 14664/21 दिनांक 12.02.2012 भरी गई। इस बाबत विपक्षी संख्या 1 

द्वारा परिवादी को दिनांक 01.03.2012 को 25,500/-रूपये जमा करवाने एवं विधिवत रूप से षिफ्टििंग पत्रावली जमा करवाने हेतु सूचित किया लेकिन परिवादी ने ऐसा नहीं किया। 
      अन्त में विद्धान अधिवक्ता विपक्षीगण ने परिवादी द्वारा विद्युत चोरी करने पर वी.सी.आर के मामले की सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस मंच को नहीं होना कथन करते हुए परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया। 
        उभयपक्ष के तर्को पर विचार किया गया। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया। 
        परिवाद में विद्युत चोरी के आरोप से सम्बंधित विवाद प्रकट होता है। माननीय राष्ट्रीय आयोग ने 2014 (3) सीपीआर, 534 - निर्मला देवी बनाम पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एवं अन्य के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा U.P. POWER CORPORATION LIMITED & ORS Vs. ANISH AHMAD (2013) 8 S.C.C.  491  में दिये गये आदेष का अवलम्बन लेते हुए यह अभिनिर्धारित किया है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 126 एवं 135 से 140 तक सम्बन्धित प्रकरण जिला मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। उक्त न्यायिक विनिष्चयों की रोषनी में यह परिवाद विद्युत अधिनियम की उक्त धाराओं के अंतर्गत विद्युत चोरी से सम्बंधित होने के कारण इस मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। चूंकि यह परिवाद इस मंच के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।
      अतः परिवादी का परिवाद पत्र निरस्त किए जाने योग्य होने से खारिज किया जाता है ।
      आदेश आज दिनांक 13.05.2015 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया। 
      पत्रावली फैषल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

 


       
    
    

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra]
MEMBER

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