Rajasthan

Jhunjhunun

CC/617/2014

Jhanduram - Complainant(s)

Versus

AVVNL - Opp.Party(s)

Aannadi Lal

18 Feb 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/617/2014
 
1. Jhanduram
Budana, Jhunjhunu
...........Complainant(s)
Versus
1. AVVNL
Bagad, Jhunjhunu
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

       झण्डूराम बनाम सहायक अभियन्ता अ.वि.वि.नि.लि. बगड़ तह. व जिला झुन्झुनू वगै. 
               अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम 
                       परिवाद संख्या 617/14

12.03.2015-  परिवादी की ओर से वकील श्री आनंदी लाल उपस्थित। विपक्षीगण की
        ओर से वकील श्री सुरेन्द्र भाम्बु उपस्थित। उभयपक्ष की बहस सुनी गई। 
        पत्रावली का ध्यानपूर्वक  अवलोकन किया गया।     
विद्धान अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी ने घरेलू विधुत कनेक्षन लेने हेतु पत्रावली विपक्षीगण के कार्यालय में नियमानुसार जमा कराने के पश्चात विपक्षीगण द्वारा परिवादी को डिमाण्ड नोटिस जारी किया गया है। जिसकी राषि 1600/रुपये, जरिये रसीद संख्या 56442/10 दिनांक 29.08.2014 को विपक्षीगण के कार्यालय में जमा करवादी गई है। रसीद की फोटोप्रति पत्रावली में सलंग्न है। उक्त डिमाण्ड नोटिस की राषि जमा होने के बाद विपक्षीगण द्वारा परिवादी के घर तक खम्भे गाड कर उन पर विद्युत लाइन खिंच दी गई लेकिन विपक्षीगण द्वारा परिवादी को विधुत कनेक्षन आज तक स्थापित नही किया गया। परिवादी द्वारा विपक्षीगण से बार-बार सम्पर्क करने पर विपक्षीगण ने नया एस्टीमेट बनाकर कनेक्षन देने हेतु पुनः डिमाण्ड नोटिस जारी करने की धमकियां दी हैं। विपक्षीगण ने परिवादी से डिमाण्ड नोटिस की राषि जमा करनेे के बावजूद भी विधुत कनेक्षन स्थापित नही किया है। विपक्षीगण का उक्त कृत्य सेवा दोष की श्रेणी में आता है। 
अन्त में विद्धान अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार करते हुए परिवादी को घरेलू विधुत कनेक्षन शीघ्र स्थापित किये जाने का निवेदन किया। 
विद्वान अधिवक्ता विपक्षीगण ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान यह कथन किया कि नियमानुसार सभी कार्यवाही पूर्ण कर परिवादी को विधुत कनेक्षन देने हेतु विपक्षीगण द्वारा विधुत लाईन का कार्य किया जाना था लेकिन मौके पर खेत के मालिक श्यामलाल व घडसीराम ने कार्य नहीं करने दिया तथा लेबर के साथ गाली ग्लोच किया व मारपीट करने की धमकी दी। इस विवाद के कारण व्यवधान उत्पन्न होनेे से परिवादी को विधुत कनेक्षन स्थापित नही किया जा सका। परिवादी व अन्य के निवेदन पर 11 के.वी. लाईन गांव की तरफ से जोडने हेतु एस्टीमेट बनाया गया, जिसका लाईन सामान पूर्व तकमीना से अधिक दूरी होने पर परिवादी व अन्य को पुनः दिनांक 17.11.14 को 27000/-रूपये का 
मांग पत्र जारी किया गया जो अभी तक जमा नहीं करवाया गया है। मांग पत्र की राषि जमा होते ही तुरंत पुनः तकमीने के आधार पर कनेक्षन कर दिया जावेगा।
अन्त में विद्धान अधिवक्ता विपक्षीगण ने परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया। 
उभयपक्ष के तर्को पर विचार किया गया पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।  
प्रस्तुत प्रकरण में यह तथ्य निर्विवादित है कि परिवादी ने घरेलू विधुत कनेक्षन लेने हेतु नियमानुसार पत्रावली जमा करवाकर विपक्षीगण के निर्देषानुसार डिमाण्ड नोटिस की राषि 1600/रुपये जरिये रसीद संख्या 56442/10 दिनांक 29.08.2014 को विपक्षीगण के कार्यालय में जमा करवाये है।    
 पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट हुआ है कि परिवादी काफी लम्बे समय से घरेलू विधुत कनेक्षन लेने हेतु प्रयास कर रहा हैै अभी तक परिवादी का विधुत कनेक्षन विपक्षीगण द्वारा क्यों नही स्थापित किया गया इसका कोई युक्तियुक्त स्पष्टीकरण पेष नही किया है। केवल मौके पर खेत के मालिकों द्वारा विवाद करने के कारण कार्य पूर्ण नही करने का कथन किया है। इसके अतिरिक्त विपक्षीगण द्वारा परिवादी को अतिरिक्त राषि का पुनः डिमाण्ड नोटिस जारी किया जाना बताया है। पुनः डिमाण्ड नोटिस किस आधार पर जारी किया गया, इसका स्पष्ट उल्लेख पत्रावली में नहीं है। विपक्षीगण को पूर्व में डिमाण्ड नोटिस जारी करने व डिमांड नोटिस की राषि परिवादी से जमा करने से पूर्व यह देखना आवष्यक था कि मौके पर परिवादी को विद्युत कनेक्षन स्थापित किया जा सकता है या नही। विपक्षीगण द्वारा इन सब बातों को ध्यान में न रखकर परिवादी को पुनः डिमाण्ड नोटिस जारी किया जाना और परिवादी को घरेलु विद्युत कनेक्षन नहीं दिया जाना विपक्षीगण द्वारा घोर लापरवाही प्रतीत होती है । इसलिये विपक्षीगण का उक्त कृत्य सेवा दोष की श्रेणी में आता है। 
पत्रावली के अवलोकन से यह तथ्य उभरकर आये हैं कि परिवादी ने अपने शपथ पत्र में यह स्पष्ट कथन किया है कि डिमाण्ड नोटिस की राषि 1600/-रूपये परिवादी द्वारा जमा कराने के पश्चात विपक्षीगण ने परिवादी के घर तक खम्बे गाड कर विद्युत लाइन बिछा दी गई है, आज भी मौके पर विद्युत लाइन बिछी हुई है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत फोटोग्राफ से भी यह स्थिति स्पष्ट हो जाती है कि पोल व विद्युत लाइन परिवादी के घर तक बिछी 
हुई है केवल विपक्षीगण द्वारा विद्युत कनेक्षन दिया जाना ही शेष रहा है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत शपथ पत्र पर अविष्वास किए जाने का कोई कारण नहीं है। 
अतः प्रकरण के तमाम तथ्य व परिस्थितियों को मध्य नजर रखते हुए विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि परिवादी को तुरन्त घरेलू विधुत कनेक्षन स्थापित किया जावें। यदि परिवादी के उक्त विधुत कनेक्षन स्थापित करने में किसी प्रकार का विवाद या झगडा होने की सम्भावना हो तो विपक्षीगण द्वारा पुलिस इमदाद लेकर विधुत कनेक्षन जारी किया जावे। उक्त आदेष की पालना दो माह की अवधि में आवष्यक रुप से की जावें, अन्यथा स्थिति में परिवादी हर्जे खर्चे के रुप में विपक्षीगण से 10,000/रुपये प्राप्त करने का अधिकारी होगा। इस प्रकार से प्रकरण का निस्तारण किया जाता है।
       आदेश आज दिनांक 12.03.2015 को लिखाया जाकर मंच द्वारा   सुनाया गया। 
           पत्रावली फैषल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफतर हो ।

 

 

 

 

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