Rajasthan

Ajmer

CC/225/2014

JASWANT SINGH - Complainant(s)

Versus

AVVNL - Opp.Party(s)

ADV.KRISHAN GOPAL KHATRI

21 Jun 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/225/2014
 
1. JASWANT SINGH
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. AVVNL
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

जसवन्त सिंह गौड़ पुत्र श्री जगदीष सिंह गौड़, आयु- 32 वर्ष, निवासी- चैनपुरा मौहल्ला, पीसांगन, अजमेर । 

                                                -         प्रार्थी


                            ब्नाम

1.  महाप्रबन्धक, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, पावर हाउस , हाथीभाटा, अजमेर । 
2.   सहायक अभियंता(पवस) अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड,पुष्कर, अजमेर । 

                                                -     अप्रार्थीगण  
                 परिवाद संख्या 225/2014  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्र कृष्ण गोपाल खत्री, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री लोकेष भिंडा,  अधिवक्ता अप्रार्थीगण 

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 08.06.2016
 
1.          प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि वह परिवाद में वर्णित पते पर कई वर्षो से निवास कर रहा है । उक्त आवास पर दिए गए विद्युत कनेक्षन का वह उपयोग उपभोग करते हुए अप्रार्थी विद्युत मण्डल द्वारा  जारी बिलों का नियमित भुगतान कर रहा है ।  उसने उक्त आवास में निर्मित एक दुकान  अप्रेल, 2014 में  श्री रफत अब्बास जाफरी को  नियमानुसार  मदिरा खुदरा विक्रय के लिए किराए पर दी । तत्पष्चात् उसने उक्त दुकान के लिए अप्रार्थी के समक्ष  वाणिज्यिक प्रयोजनार्थ हेतु विद्युत कनेक्षन  के लिए 
10.7.2014 को आवेदन पत्र प्रस्तुत किया ।  इस पर अप्रार्थी ने  अपने पत्र दिनांक  8.8.2014 के द्वारा उनके विभाग के  अधिकारियों/ कार्मिक द्वारा किए गए निरीक्षण उपरान्त स्वीकृत भार से अधिक विद्युत का उपयोग किए जाने के कारण राषि रू. 53593/- जमा कराने के लिए कहा  और राषि जमा नहीं करवाए जाने पर विद्युत अधिनियम के तहत चोरी का प्रकरण संबंिधत थाने में दर्ज करवाने की धमकी दी । प्रार्थी ने अप्रार्थी के उक्त कृत्य को सेवा में कमी का दोषी बताते हुए परिवाद में वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वंय का ष्षपथपत्र पेष किया है ।  
2.    अप्रार्थी विद्युत निगम ने जवाब प्रस्तुत कर  दर्षाया  है कि  प्रार्थी अपने मकान व दुकान में डोमेेस्टिक कनेक्षन का उपयोग कर रहा था जिसका बिल नियमानुसार मीटर रीडिंग के आधार पर प्रेषित किया जा रहा था । 
अप्रार्थी के सतर्कता दल द्वारा प्रार्थी के परिसर का दिनांक 13.2.2013 को निरीक्षण किए जाने पर  घरेलू कनेक्षन पर षराब की दुकान को चलाते हुए पकडा जाने पर जांच दल द्वारा प्रतिवेदन संख्या 9401/ 02  बनाते हुए प्रार्थी से उसमें अंकित राषि की मांग की गई । किन्तु प्रार्थी ने आज दिनंाक तक उक्त राषि का भुगतान नहीं किया । तत्पष्चात् दिनांक 8.7.2014  को जांच किए जाने पर प्रार्थी द्वारा वही पुरानी प्रक्रिया दोहराई गई ।  तत्पष्चात् प्रार्थी ने दिनंाक 10.7.2014 को वाणिज्यिक  कनेक्षन हेतु आवेदन किया गया ।  इस प्रकार उनके स्तर पर कोई सेवा में कमी नहीं की गई । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना की है । 
3.    उभय पक्षकारान ने अपने अपने तर्को में स्वयं  द्वारा प्रस्तुत परिवाद  व प्रतिउत्तर में उठाए गए तर्कों को दोहराया है । प्रार्थी पक्ष का प्रमुख रूप से यही तर्क रहा है कि उसके द्वारा अपने रिहायषी  मकान में दुकान हेतु वाणिज्यिक  प्रयोग बाबत् कनेक्षन प्राप्त करने हेतु राषि जमा करवाए जाने के बाद भी  जो रिकवरी  निकाली जाकर  धमकी दी गई है, को निरस्त किया जाए ।  अप्रार्थी ने  इसका पुरजोर दलीलांे से खण्डन  किया है व तर्क प्रस्तुत किया है कि उक्त प्रष्नगत नोटिस से पूर्व भी प्रार्थी को उक्त दुकान के संबंध में गैर घरेलू प्रयोजन बाबत् नोटिस दिया गया था । उसी की आड़ में उसके द्वारा इस हेतु राषि जमा करवाई जाकर बाद में दिए गए नोटिस को अवैध करार दिए जाने की चेष्टा की गई है । परिवाद खारिज किया जाना चाहिए । 
3.    हमने परस्पर तर्क सुन लिए हैं और पत्रावली पर  उपलब्ध अभिलेखों का भी ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है । 
4.    हस्तगत प्रकरण में प्रार्थी ने अप्रार्थी द्वारा उसे उसके रिहायषी मकान में  उसके द्वारा लिए गए विद्युत कनेक्षन के संबंध में दिए गए नोटिस क्रमांक 1499 दिनंाक 8.8.2014  को चुनौती दी है । पत्रावली में उपलब्ध यह नोटिस अप्रार्थी द्वारा प्रार्थी को उनके द्वारा  पूर्व में  प्रार्थी के रिहायषी मकान में दिए गए विद्युत कनेक्षन के उपयोग उपभोग की अनियमितता को ध्यान में रखते हुए दिनंाक 8.7.2014 को क्रमांक 20526  सतर्कता जांच प्रतिवेदन को  आधार बनाया गया है । चूंकि विवाद का प्रमुख मुद्दा प्रार्थी के उक्त विद्युत उपभोग के संबंध में अप्रार्थी द्वारा बनाया गया सर्तकता जांच प्रतिवेदन है ।  माननीय उच्चतम न्यायालय के विनिष्चय 2013ण्8ण्ैब्ण्491 न्ण्च्ण्च्वूमत ब्वतचवतंजपवद स्जक - व्तेण् टे ।दपे ।ीउंक  में प्रतिपादित सिद्वान्त के अनुसार  इस मंच को टब्त्    से संबंधित मामले सुनने का श्रवणाधिकार प्राप्त नहीं है ।  इस दिषा निर्देष के प्रकाष में मंच की राय में प्रार्थी का  परिवाद खारिज होने योग्य  है ।   अतः आदेष है कि 
                          -ःः आदेष:ः-
 5.           प्रार्थी का परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं होने से अस्वीकार  किया जाकर  खारिज किया जाता है । खर्चा पक्षकारान अपना अपना स्वयं वहन करें । प्रार्थी चाहे तो सक्षम न्यायालय के समक्ष चाराजोही करने के लिए स्वतन्त्र है ।
            आदेष दिनांक 08.06.2016  को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।


 (नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    

 


 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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