Rajasthan

Jhunjhunun

CC/223/2016

Gularam - Complainant(s)

Versus

AVVNL - Opp.Party(s)

Jitendar Vaisnav

09 Jun 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/223/2016
 
1. Gularam
Gudhagorji,Udaipurwati
Jhunjhunu
Rajasthan
...........Complainant(s)
Versus
1. AVVNL
Gudhagorji
Jhunjhunu
Rajasthan
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel PRESIDENT
 HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui MEMBER
 HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra MEMBER
 
For the Complainant:Jitendar Vaisnav, Advocate
For the Opp. Party:
ORDER

      
तारीख हुक्म
                                                   परिवाद संख्या 223/16
                                  हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
गुलाराम            बनाम        सहायक अभियंता, (वितरण) अ.विवि.नि.लि.
                               गुढागोडजी जिला झुन्झुनू (राज0) वगैरह।     

                          नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
  
  09.06.2016             
      परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता अधिनियम
परिवादी की ओर से वकील श्री जिनेन्द्र वैष्णव उपस्थित। विपक्षीगण की ओर से केाई उपस्थित नहीं। बहस परिवादी एकतरफा सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।     
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी ने कृषि विधुत कनेक्षन विपक्षीगण के यहां से ले रखा है। जिसका खाता संख्या 1610-0246 है। परिवादी उक्त विधुत कनेक्षन का उपयोग उपभोग करता आ रहा है तथा समय समय पर विपक्षीगण को बिल जमा कराता आ रहा है। इसलिए परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता है। 
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने बहस के दौरान यह भी कथन किया है कि परिवादी के कुये का मीटर दिनांक 13.09.2012 को बदला गया परन्तु     11 के.वी. लाईन में फाल्ट आ जाने के कारण मीटर की स्क्रीन साफ हो गई, जिसके बाबत दिनांक 22.09.2015 को परिवादी ने कनिष्ठ अभियंता को अवगत करवा दिया, जिन्होने लाईनमैन से रिपोर्ट मंगवाई। लाईनमैन की रिपोर्ट के अनुसार लाईन में फाल्ट आ जाने के कारण मीटर की स्क्रीन साफ हो गई तथा मीटर जल गया। उक्त रिपोर्ट रिकार्ड पर आ जाने के बावजूद परिवादी का मीटर आज तक नहीं बदला गया । परिवादी ने माह दिसम्बर में बिल जमा करवा दिया लेकिन पुनः माह फरवरी,2016 का विद्युत बिल गत पठन 0057725 तथा वर्तमान पठन 66221 उपभोग 8496 युनिट बतलाकर कुल 8386/-रूपये का बिल भेजा गया । परिवादी ने विपक्षीगण से सम्पर्क किया तो कहा बिल दुरूस्त करवा देगें परन्तु दिनांक 17.03.2016 को विपक्षीगण के कर्मचारी आये तथा कहा आपका बिल जमा नहीं है और परिवादी का विद्युत कनेक्षन काट दिया। इस प्रकार विपक्षीगण का उक्त कृत्य सेवा में कमी है। 
       अन्त में विद्धान अधिवक्ता परिवादी ने परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार फरमाया जाकर माह फरवरी,2016 के विधुत बिल में आवष्यक दुरूस्ती की जाकर विद्युत कनेक्षन तुरंत स्थापित करवाया जाने तथा जले हुये मीटर को तुरंत प्रभाव से बदलवाये जाने का निवेदन किया है। 
       

       विपक्षीगण की ओर से बावजूद तामील नोटिस विपक्षीगण स्वंय या उनके प्रतिनिध अनुपस्थित रहने के कारण उनके विरूद्ध दिनांक 17.05.2016 को कार्यवाही एकतरफा अमल में लाई गई। 
      विद्वान् अधिवक्ता परिवादी की बहस एकतरफा सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया। 
      पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट हुआ है कि परिवादी द्वारा विपक्षीगण के यहां दिनांक 22.09.2015 को 11 के.वी. फाल्ट के कारण मीटर जल जाने एवं मीटर बदले जाने हेतु निवेदन किया गया। परिवादी के प्रार्थना पत्र पर विपक्षीगण की ओर से संबंधित कर्मचारी से ली गई रिपोर्ट के अनुसार मीटर जला हुआ तथा स्क्रीन साफ होना बताया गया है। रिपोर्ट की फोटो प्रति पत्रावली में संलग्न है। इसके बावजूद विपक्षीगण द्वारा परिवादी का विद्युत मीटर नहीं बदला गया। मीटर जला हुआ होने के बावजूद परिवादी को विवादित विद्युत बिल माह फरवरी जो माह मार्च, 2016 में जारी हुआ है में गत पठन 0057725 तथा वर्तमान पठन 66221 उपभोग 8496 युनिट बतलाकर कुल 8386/-रूपये का किस आधार पर भेजा गया, इसका कोई युक्तियुक्त स्पष्टीकरण विपक्षीगण द्वारा पेष नहीं किया गया है। इससे स्पष्ट जाहिर होता है कि परिवादी का उक्त विवादित बिल माह मार्च,2016 कैयास व अंदाज से गलत रूप से अधिक राषि का जारी किया गया हंै, जो त्रुटिपूर्ण व संदीग्धपूर्ण होने से निरस्त किए जाने योग्य हैं।
        अतः प्रकरण के तमाम तथ्य व परिस्थितियों को मध्य नजर रखते हुए विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि परिवादी को माह मार्च,2016 के विवादित बिल में अंकित राषि 8386/रुपये त्रुटिपूर्ण व संदीग्धपूर्ण होने से निरस्त की जाती है। स्वंय परिवादी ने जो वास्तविक विद्युत यूनिट का उपभोग किया है, उसके आधार पर विवादित विद्युत बिल संषोधित किया जावे। परिवादी द्वारा यदि विपक्षीगण के कार्यालय में उक्त विवादित बिल के पेटे अधिक राषि जमा करादी गई है तो उसे परिवादी के आगामी विद्युत बिलों में समायोजित किया जावे तथा परिवादी का विद्युत सम्बंध तुरंत प्रभाव से जोडा जावे। विपक्षी को यह भी निर्देष दिया जाता है कि यदि परिवादी का मीटर जला हुआ/खराब हो तो तुरंत नया मीटर स्थापित किया जावे। इस प्रकार से प्रकरण का निस्तारण किया जाता है। 
      आदेश आज दिनांक 09.06.2016 को लिखाया जाकर मंच द्वारा सुनाया गया। 
      पत्रावली फैषल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफतर हो।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

    

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra]
MEMBER

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