Rajasthan

Jhunjhunun

CC/366/2014

Dharmapal - Complainant(s)

Versus

AVVNL - Opp.Party(s)

Rohitas Kulhari

08 Apr 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/366/2014
 
1. Dharmapal
Binjushar, Jhunjhunu
...........Complainant(s)
Versus
1. AVVNL
Jhunjhunu
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

   परिवाद संख्या 366/14
तारीख हुक्म
                                              
                                    हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
          धर्मपाल    बनाम     मुख्य अभियंता अ.वि वि. नि. लि0 झुंझुनू वगैरह
                          नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
  
01.05.2015             
      परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता अधिनियम
परिवादी की ओर से वकील श्री रोहिताष कुलहरि उपस्थित। विपक्षीगण की ओर से वकील श्री विद्याधर महला़ उपस्थित। उभयपक्ष की बहस सुनी गई पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।     
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी ने अपनेे  नाम से विपक्षीगण के यहां से घरेलू विधुत कनेक्षन ले रखा है जिसका खाता संख्या 2025-1505-0336 है। परिवादी उक्त विधुत कनेक्षन का समय-समय पर विपक्षीगण को बिल जमा कराता रहा है, इसलिए परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता है। 
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने बहस के दौरान यह भी कथन किया है कि विपक्षीगण द्वारा परिवादी के नाम से एक वी.सी.आर. संख्या 7412/14 दिनांक 15.06.2003 को 5000/-रूपये की भरी गई व सिविल लाईबिलिटी राषि 14220/-रूपये जमा करवाने हेतु नोटिस दिनांक 26.06.2003 को दिया तथा वी.सी.आर. की राषि जमा नहीं करवाने पर परिवादी का विद्युत सम्बन्ध विच्छेद कर दिया। परिवादी के विरूद्ध विषिष्ट न्यायाधीष, भारतीय विद्युत अधिनियम, झुंझुनू में प्रकरण दर्ज करवाया गया। उक्त प्रकरण में न्यायालय द्वारा दिनांक 19.11.2013 को परिवादी को बरी कर दिया, जिसकी नकल लेकर परिवादी दिनांक 23.06.2014 को विपक्षीगण के कार्यालय में गया व प्रार्थना पत्र के साथ निर्णय की नकल पेष की तथा विद्युत संबंध जोडने हेतु कहा जिस पर विपक्षीगण ने परिवादी का विद्युत सम्बन्ध जोडने से इन्कार कर दिया। 
       अन्त में विद्धान अधिवक्ता परिवादी ने परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार फरमाया जाकर परिवादी के घर पर अविलंब विद्युत कनेक्षन स्थापित किए जाने का निवेदन किया है।
      विद्धान् अधिवक्ता विपक्षीगण ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी के विरू़द्ध दिनांक 15.06.2003 को विभाग द्वारा वी.सी.आर. भरी गई तथा परिवादी द्वारा     वी.सी.आर. की राषि जमा नहीं करवाने से परिवादी का कनेक्षन दिनांक     09.03.2010 को विच्छेद कर दिया गया। परिवादी द्वारा परिवाद संख्या 893/10 दर्ज करवाने से पूर्व ही परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता नहीं रहा था क्योंकि 

घरेलु विद्युत सम्बन्ध दो वर्ष के बाद पुनः स्थापित नहीं किया जा सकता उसके स्थान पर अन्य आवेदक को कनेक्षन जारी कर दिया जाता है उसके बाद नया कनेक्षन ही परिवादी करवा सकता है जो तकनिकी साध्यता होने पर ही हो सकता है। 
      अन्त में विद्धान अधिवक्ता विपक्षीगण ने परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया। 
       उभयपक्ष के तर्को पर विचार किया गया। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया। 
       पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट हुआ है कि परिवादी ने घरेलु विद्युत कनेक्षन विपक्षीगण के यहां से ले रखा था। विपक्षीगण द्वारा विद्युत चोरी के संबंध में वी.सी.आर. भरी गई थी। वी.सी.आर. की राषि जमा नहीं कराने पर परिवादी का घरेलु विद्युत कनेक्षन विपक्षीगण द्वारा दिनांक 09.03.2010 को काट दिया गया था। इसके पश्चात परिवादी के विरूद्ध विषिष्ट न्यायाधीष, झुंझुनू द्वारा विद्युत अधिनियम के अंतर्गत विद्युत चोरी के मामले मे सुनवाई की गई जिसमें परिवादी द्वारा प्रष्मन राषि जमा कराने पर उसे सक्षम न्यायालय द्वारा दोष मुक्त कर दिया गया। 
      उपरोक्त तथ्यों से यह प्रकट होता है कि अब परिवादी के विरूद्ध       वी.सी.आर. से सम्बन्धित कोई मामला विचाराधीन नहीं है लेकिन परिवादी का घरेलु विद्युत कनेक्षन वी.सी.आर. की राषि जमा नहीं कराने पर विपक्षीगण द्वारा दिनांक 09.03.2010 को ही काट दिया गया था। विपक्षीगण द्वारा परिवादी का विद्युत कनेक्षन विच्छेद किए हुए दो वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो चुका है इसलिये परिवादी को नये सिरे से विपक्षीगण के कार्यालय में विद्युत कनेक्षन हेतु आवेदन पत्र  प्रस्तुत करने पर नियमानुसार निर्धारित विद्युत कनेक्षन शुल्क जमा कराने पर परिवादी को तुरंत घरेलु विद्युत कनेक्षन दिया जाना उचित प्रतीत होता है।
       अतः विपक्षीगण को आदेष दिया जाता है कि परिवादी  द्वारा घरेलु विद्युत कनेक्षन हेतु आवेदनपत्र विपक्षीगण के यहां प्रस्तुत किए जाने पर तथा नियमानुसार निर्धारित शुल्क जमा कराने की तिथि से दो माह की अवधि में घरेलु विद्युत कनेक्षन स्थापित किया जावे अन्यथा स्थिति में परिवादी विपक्षीगण से हर्जे खर्चे के रूप में 11000/-रूपये प्राप्त करने का अधिकारी होगा। इस निर्देष के साथ प्रकरण का निस्तारण किया जाता है।
      आदेश आज दिनांक 01.05.2015 को लिखाया जाकर मंच द्वारा सुनाया गया। 
      पत्रावली फैषल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफतर हो।

 

 

 

 

 

 

 

 


       
    
    

 

 

 

 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.