Rajasthan

Jhunjhunun

61/2014

BHALU RAM - Complainant(s)

Versus

AVVNL - Opp.Party(s)

UMEED RAJ SAINI

17 Dec 2014

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 61/2014
 
1. BHALU RAM
NAVALGARH
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER


तारीख
हुक्म
    
हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
बालूराम बनाम सहायक अभियन्ता अ.वि.वि.नि.लि. नांगल तह. नवलगढ जिला झुंझुनू  
       परिवाद संख्या 61/14
    नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
  21.01.2015                 अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम 1986
    परिवादी की ओर से वकील श्री उम्मेद सिंह उपस्थित। विपक्षी की ओर से वकील श्री सुरेन्द्र भाम्बू उपस्थित। उभयपक्ष की बहस सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।     
विद्धान अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी ने घरेलू विधुत कनेक्षन लेने हेतु 210/-रूपये शुल्क अदा कर पत्रावली जमा करवायी। विपक्षी द्वारा परिवादी को डिमाण्ड नोटिस 3600/-रूपये जारी किया गया जिसकी राषि परिवादी ने दिनांक 07.01.2010 को जमा करवादी जिसकी रसीद संख्या 63 पत्रावली में संलग्न की गई है। इस प्रकार परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता है।
विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने बहस के दौरान यह भी कथन किया है कि  विपक्षी से सम्पर्क करने पर कहा कि अभी सामान नहीं आया है तथा विपक्षी द्वारा हठधर्मिता पूर्वक आज तक परिवादी को कनेक्षन से वंचित किया हुआ है। जो विपक्षी की सेवा में कमी है।
       अन्त में विद्धान अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार फरमाया जाकर परिवादी का घरेलु विद्युत कनेक्षन तुरंत स्थापित किए जाने का निवेदन किया है।
विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने उक्त परिवाद पत्र का कोई जवाब पेष नहीं किया तथा तर्को का विरोध करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया कि ट्रांसफार्मर पर सीमा से अधिक कनेक्षन नहीं हो सकने के कारण परिवादी को घरेलु विद्युत सम्बन्ध नहीं दिया जा सका । 
अन्त में विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज फरमाया जाने का निवेदन किया है।
       उभयपक्ष के तर्को पर विचार किया गया। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।  
प्रस्तुत प्रकरण के अवलोकन से यह स्पष्ट हुआ है कि परिवादी ने विद्युत कनेक्षन लेने हेतु डिमाण्ड नोटिस की राषि 3600/- रूपये दिनांक 07.01.2010 को विपक्षी के कार्यालय में जमा करवादी परन्तु नियमानुसार परिवादी को विपक्षी द्वारा इतने लम्बे समय तक विद्युत कनेक्षन नहीं दिया गया । उक्त विद्युत कनेक्षन परिवादी को विपक्षी द्वारा क्यों नहीं दिया गया इसका कोई युक्तियुक्त स्पष्टीकरण विपक्षी ने पेष नहीं किया है। विद्वान् अधिवक्ता विपक्षी द्वारा बहस के दौरान मात्र यह तर्क प्रस्तुत किया है कि ट्रांसफार्मर पर अधिक लोड होने के कारण परिवादी को घरेलु विद्युत कनेक्षन नहीं दिया जा सका जिसका कोई युक्तियुक्त आधार पेष नहीं किया गया है।
अतः प्रकरण के तमाम तथ्य व परिस्थितियों को मध्य नजर रखते हुए विपक्षी को आदेश दिया जाता है कि परिवादी को दो माह की अवधि में विधुत कनेक्षन जारी किया जावे अन्यथा स्थिति में परिवादी, विपक्षी से 5000/रुपये हर्जे खर्चे व क्षतिपूर्ति के रुप में प्राप्त करने का अधिकारी होगा। इस निर्देष के साथ प्रकरण का निस्तारण किया जाता है।
     पत्रावली फैसल शुमार होकर वाद तकमील दाखिल दफ्तर हो। 
आदेश आज दिनांक 21.01.2015 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया। 

    

 

 

 

 

 

 

 

 

 


    

 

 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.