Rajasthan

Jhunjhunun

104/2014

BASAR - Complainant(s)

Versus

AVVNL - Opp.Party(s)

KAYAM SINGH

29 Apr 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 104/2014
 
1. BASAR
JHUNJHUNU
...........Complainant(s)
Versus
1. AVVNL
JHUNJHUNU
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER


तारीख
हुक्म
                                      परिवाद संख्या 104/14
                               हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
 बषेषर  बनाम    अ.वि.वि.नि.लि.,जरिये सहायक अभियंता झुंझुनू तहसील व जिला झुंझुंनू
                         नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
 
07.05.2015

                 
           परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता अधिनियम
परिवादी की ओर से वकील श्री कायम सिंह उपस्थित। विपक्षी की ओर से वकील श्री सुभाषचन्द्र शर्मा उपस्थित। उभयपक्ष की बहस सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।     
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी ने अपनेे  नाम से विपक्षी के यहां से घरेलु विधुत कनेक्षन ले रखा है, जिसका खाता संख्या 2213-0155 है। परिवादी द्वारा ही विपक्षी को विद्युत बिलों का भुगतान किया जा रहा है। इसलिए परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता है। 
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने बहस के दौरान यह भी कथन किया है कि विपक्षी ने परिवादी को दिनांक 23.10.2013 को एक नोटिस 21904/-रूपये जमा करवाने मय जांच प्रतिवेदन संख्या 17082/24 दिनांक 19.10.2013 भिजवाया, जो गलत रूप से तैयार कर भिजवाया गया है, उसे निरस्त किया जावे । परिवादी का मीटर जला हुआ होने से परिवादी ने विपक्षी के यहां दिनांक 22.03.2013 को मीटर बदलने हेतु 350/-रूपये जमा करवा दिये, परन्तु विपक्षी द्वारा परिवादी का मीटर नहीं बदला गया, जो विपक्षी की सेवा में कमी है।
      अन्त में विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार फरमाया जाकर वी.सी.आर नम्बर 17082/24 दिनांक 19.10.2013 निरस्त किए जाने का निवेदन किया है। 
       विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी के यहां सतर्कता दल द्वारा दिनांक 19.10.2013 को जांच करने पर परिवादी द्वारा अपने मीटर के इन कमिंग तार व आउट गोइंग तार को मीटर से बाहर निकाल कर सीधे जोडकर अपने मीटर को बाई पास कर विद्युत चोरी करते हुए पाया गया जिस पर वी.सी.आर. संख्या 17082/24 भरी गई। परिवादी का प्रकरण विद्युत चोरी का पाया जाने से वी.सी.आर भरी जाकर नोटिस जारी किया गया है, जो राषि परिवादी द्वारा जमा कराये जाने योग्य है।
      अन्त में विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने परिवादी द्वारा विद्युत चोरी करने पर वी.सी.आर के मामले की सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस मंच को नहीं होना कथन करते हुए परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया। 

        उभयपक्ष के तर्को पर विचार किया गया। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया। 
        परिवाद में विद्युत चोरी के आरोप से सम्बंधित विवाद प्रकट होता है। माननीय राष्ट्रीय आयोग ने 2014 (3) सीपीआर, 534 - निर्मला देवी बनाम पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एवं अन्य के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा न्ण्च्ण् च्व्ॅम्त् ब्व्त्च्व्त्।ज्प्व्छ स्प्डप्ज्म्क् - व्त्ै टेण् ।छप्ैभ् ।भ्ड।क् - ;2013द्ध 8 ैण्ब्ण्ब्ण् 491  में दिये गये आदेष का अवलम्बन लेते हुए यह अभिनिर्धारित किया है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 126 एवं 135 से 140 तक सम्बन्धित प्रकरण जिला मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। उक्त न्यायिक विनिष्चयों की रोषनी में यह परिवाद विद्युत अधिनियम की उक्त धाराओं के अंतर्गत विद्युत चोरी से सम्बंधित होने के कारण इस मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। चूंकि यह परिवाद इस मंच के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।
      अतः परिवादी का परिवाद पत्र निरस्त किए जाने योग्य होने से खारिज किया जाता है ।
      आदेश आज दिनांक 07.05.2015 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया। 
      पत्रावली फैषल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

 


       
    
    

 

 

 

 

 

 

 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.