जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, नागौर
परिवाद सं.68/2012
आबिद हुसैन पुत्र गुलाम हुसैन जाति मुसलमान, निवासी पोलवाले नक्श बन्दों की मस्जिद के पास लोहारपुरा, नागौर
परिवादी
बनाम
1.प्रबंध निदेशक, अ0वि0वि0नि0लि0,नागौर
2.सहायक अभियंता ,अ0वि0वि0नि0लि0 पवस ,नागौर
अप्रार्थीगण
समक्षः
1. श्री बृजलाल मीणा,अध्यक्ष।
2. श्रीमति राजलक्ष्मी आचार्य,सदस्या।
3. श्री बलवीर खुडखुडिया,सदस्य।
उपस्थितः
1. श्री सांवरराम चैधरी, अधिवक्ता वास्ते परिवादी
2. श्री राधेश्याम सांगवा ,अधिवक्ता वास्ते अप्रार्थीगण
अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ,1986
आ दे श दि0 26.02.2015
परिवाद पत्र के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने अप्रार्थीगण से एक नाॅन डाॅमेस्टिक श्रेणी का स्वीकृत भार दो किलोवाट का विद्युत कनेक्शन लिया हुआ है।
परिवादी को जनवरी, 2012 में 58533 रूपये बकाया बाबत विद्युत बिल दिया, जो कि गलत है क्योंकि परिवादी समय समय पर विद्युत बिल जमा करवाता रहा है। मालूम करने पर ज्ञात हुआ कि अप्रार्थीगण ने झूठी विजिलेंस चैंकिग के आधार पर मीटर की सील को टूटी हुई होना व मीटर के साथ छेडखानी करना बताया है। लैब टेस्टिंग की प्राप्ति को कोई सूचना नहीं दी गई। सिविल लाईबलिटी गलत रूप से बिना प्रार्थी को नोटिस व सूनवाई निर्धारित की गई है जो कि नियम विरूद्ध है। अत विवादित राशि निरस्त घोषित की जावे व परिवादी को मानसिक एवं शारीरिक क्षतिपूर्ति एवं परिवाद व्यय पेटे कुल 40000 हजार रूपए दिलाये जावे।
1. अप्रार्थीगण का जवाब मुख्य रूप से इस प्रकार है कि परिवादी के परिसर की जांच अधिशाषी अभियंता सर्तकता, अविविनिलि, मकराना द्वारा दिनांक 17.09.2011 को जांच कर वीसीआर भरी गई। परिवादी का मीटर धीमी गति से चलना पाया गया। मीटर टेम्पर प्रतीत हो रहा था। उसे नियमानुसार जब्त किया गया। लैब में मीटर की जांच बाबत उपस्थित होने के लिए प्रार्थी को नोटिस सख्या 2368 दिनांक 19.09.2011 दिया गया। जांच करवाई गई। जांच रिपोर्ट के मुताबिक मीटर माईनस 74.5 प्रतिशत धीमा चलना पाया गया। मीटर की बाॅडी सील टेम्पर्ड पाई गई। विद्युत चोरी होने के कारण नियमानुसार निर्धारण किया गया। 58338 रूपए जमा करवाने बाबत नोटिस दिया गया। परिवादी का कृत्य चोरी की प्रकृति का पाये जाने के कारण इस मंच को श्रवण क्षेत्राधिकार नहीं है।
2. अप्रार्थीगण की ओर से प्रदर्श 01 जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है। जांच के मुताबिक मीटर को धीमा चलना पाया गया है। मीटर टेम्पर प्रतीत होना भी पाया है। जब्त किया गया है। जिसकी लैब से जांच करवाई गई है जो कि पत्रावली पर उपलब्ध है जांच के मुताबिक मीटर को -74.50 प्रतिशत धीमी गति से चलना पाया गया है। मीटर के बाहर से दो तार मीटर में अंदर जोडना बताया गया है। मीटर की बाॅडी सील टूटी हुई बताई गई है।
3. हमारी राय में अप्रार्थीगण के द्वारा जो वीसीआर की कार्रवाई की गई है एवं लैब से जांच करवाई गई है उस पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है चूंकि अप्रार्थीगण ने अपने राजकीय दायित्व का निर्वहन किया है। इसमें हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है। चूंकि परिवादी उपरोक्त परिस्थितियों में सदभावी उपभोक्ता नहीं है।
4. जहां तक सिविल लाईबिलिटी की चुनौती का प्रश्न है माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सिविल अपील नम्बर 5466 वर्ष 2012 दिनांक 01.07.2013 में यह अभिनिर्धारित किया है कि विद्युत अधिनियम की धारा 126 सिविल दायित्व निर्धारण के बारे में एवं विद्युत अधिनियम की धारा 135 से 140 तक के मामले में मंच में चुनौती नहीं दी जा सकती। सिविल लाईबिलिटी के मामले में सिविल कोर्ट का उपचार उपलब्ध है। धारा 135 से 140 के मामले में विशिष्ट न्यायालय को अधिकार है। अतः हम उपरोक्त तथ्यों एवं परिस्थितियों एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के उक्त न्यायिक दृष्टान्त की रोशनी में इस मंच को श्रवण क्षेत्राधिकार होना नहीं मानते हैं। अर्थात क्षेत्राधिकार वर्जित है।
5. अप्रार्थीगण की कार्रवाई में दखल देना न्यायोचित एवं विधि सम्मत नहीं है। परिवाद खारिज किए जाने योग्य है। खारिज किया जाता है।
आदेश आज दिनांक 26.02.2015 को लिखाया जाकर सुनाया गया
।बलवीर खुडखुडिया। ।बृजलाल मीणा। ।श्रीमति राजलक्ष्मी आचार्य।
सदस्य अध्यक्ष सदस्या