Rajasthan

Jhunjhunun

192/2014

JAYPAL - Complainant(s)

Versus

AVVNL GUDHAGODHJI - Opp.Party(s)

20 Mar 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 192/2014
 
1. JAYPAL
UDAIPURWATI
...........Complainant(s)
Versus
1. AVVNL GUDHAGODHJI
GUDHAGORJI
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel PRESIDENT
 HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui MEMBER
 HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party: RAJESH KHEDER, Advocate
ORDER


तारीख
हुक्म
                                                परिवाद संख्या 192/14
                               हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
      जयपाल     बनाम     सहायक अभियंता अ.वि.वि.नि.लि., गुढागोडजी तहसील
                           उदयपुरवाटी जिला झुंझुनू (राज0)                         नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
 
22.05.2015

                 
           परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता अधिनियम
परिवादी की ओर से वकील श्री महेन्द्र सिंह एवं श्री जयसिंह उपस्थित। विपक्षी की ओर से वकील श्री राजेष खेदड़ उपस्थित। उभयपक्ष की बहस सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।     
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी के पिता के नाम सेे विपक्षी के यहां से घरेलु विधुत कनेक्षन ले रखा है, जिसका खाता संख्या 2031-1610-0418 है। परिवादी के पिता का देहांत हो चुका है। परिवादी ही उक्त विधुत कनेक्षन का समय-समय पर विपक्षी को बिल जमा कराता आ रहा है। इसलिए परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता है। 
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने बहस के दौरान यह भी कथन किया है कि विपक्षी द्वारा दिनांक 19.09.2013 को एक झूंठी वी.सी.आर. संख्या 9636/11 भरी जाकर दिनांक 20.09.2013 को अपराध प्रषमन कराने के लिये 5000/-रूपये एवं विद्युत अधिनियम के तहत 23,055/-रूपये जमा कराने हेतु अवैधानिक नोटिस जारी किया। परिवादी द्वारा प्रकरण समझौता समिति के समक्ष रखवाये जाने पर प्रकरण समझौता समिति में लेने के बाद माह नवम्बर, 2013 में अवैधानिक रूप से नोटिस की राषि निगम राषि के रूप में 27,035/-रूपये व विद्युत टेक्स 1020/-रूपये जोडकर भेज दिये । परिवादी उक्त राषि के संबध में विपक्षी से मिला तो कहा आपको उक्त राषि जमा करवानी पडेगी अन्यथा परिवादी का घरेलु विद्युत कनेक्षन काट दिया जावेगा।  
      अन्त में विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार फरमाया वी.सी.आर. संख्या 9636/11 की राषि निरस्त किए जाने का निवेदन किया है। 
       विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान यह कथन किया है कि उपभोक्ता के कनेक्षन की मौके पर सतर्कता जांच दल द्वारा जांच करने पर बिजली चोरी करना पाया गया। मौके पर वी.सी.आर. संख्या 9636/11 दिनांक 19.09.2013 भरी गई। विद्युत चोरी राषि जमा करवाने हेतु परिवादी को नोटिस जारी किया गया, लेकिन परिवादी की ओर से राषि जमा नहीं करवाई गई। 
       
        अन्त में विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने परिवादी द्वारा विद्युत चोरी करने पर वी.सी.आर के मामले की सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस मंच को नहीं होना कथन करते हुए परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया। 
        उभयपक्ष के तर्को पर विचार किया गया। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया। 
        परिवाद में विद्युत चोरी के आरोप से सम्बंधित विवाद प्रकट होता है। माननीय राष्ट्रीय आयोग ने 2014 (3) सीपीआर, 534 - निर्मला देवी बनाम पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एवं अन्य के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा न्ण्च्ण् च्व्ॅम्त् ब्व्त्च्व्त्।ज्प्व्छ स्प्डप्ज्म्क् - व्त्ै टेण् ।छप्ैभ् ।भ्ड।क् - ;2013द्ध 8 ैण्ब्ण्ब्ण् 491  में दिये गये आदेष का अवलम्बन लेते हुए यह अभिनिर्धारित किया है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 126 एवं 135 से 140 तक सम्बन्धित प्रकरण जिला मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। उक्त न्यायिक विनिष्चयों की रोषनी में यह परिवाद विद्युत अधिनियम की उक्त धाराओं के अंतर्गत विद्युत चोरी से सम्बंधित होने के कारण इस मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। चूंकि यह परिवाद इस मंच के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।
      अतः परिवादी का परिवाद पत्र निरस्त किए जाने योग्य होने से खारिज किया जाता है ।
      आदेश आज दिनांक 22.05.2015 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया। 
      पत्रावली फैषल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

 


       
    
    

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra]
MEMBER

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