Rajasthan

Jhunjhunun

168/2014

MOHAN LAL - Complainant(s)

Versus

AVVNL AJMER - Opp.Party(s)

DHEERAJ

19 Mar 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 168/2014
 
1. MOHAN LAL
JHUNJHUNU
...........Complainant(s)
Versus
1. AVVNL AJMER
JHUNJHUNU
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER


तारीख
हुक्म
                                            परिवाद संख्या 168/14
                               हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
मोहन लाल  बनाम  अ.वि.वि.नि.लि.,जरिए सहायक अभियंता अ.वि.वि.नि.लि (ग्रामीण) झुंझुनू
                तहसील व जिला झुंझुनू (राज)
                         नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
 
21.05.2015

                 
           परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता अधिनियम
  परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं। विपक्षी की ओर से     श्री विद्याधर महला वकील उपस्थित। 
         परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए यह कथन किया है कि परिवादी ने अपने पिता के नाम सेे विपक्षी के यहां से कृषि विधुत कनेक्षन ले रखा है, जिसका खाता संख्या 1801-136 है। परिवादी के पिता का देहांत हो चुका है तथा परिवादी ही विद्युत कनेक्षन का विपक्षी को बिलों का भुगतान करता आ रहा है। । इसलिए परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता है। 
         परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह भी कथन किया है कि विपक्षी द्वारा परिवादी को एक नोटिस दिनांकित 24.02.2014 को 9914/-रूपये मय जांच प्रतिवेदन संख्या 20638/26 दिनांकित 08.02.2014 भेजा गया। परिवादी ने विपक्षी से पूछताछ की तो विपक्षी ने बताया कि परिवादी के खिलाफ वी.सी.आर. भरी गई है । विपक्षी द्वारा नोटिस मृतक भगूताराम के नाम से जारी किया गया है तथा जांच प्रतिवेदन में उपभोक्ता का नाम भी भगूताराम/पदमाराम खाता संख्या 1801/136 विद्युत चोरी फुलचदं/पदमाराम डी.एल. उपभोक्ता के परिसर में की जा रही है, पाये गये विद्युत भार का विवरण 0.5 कि.वा. तथा अन्य साक्ष्य व जांच अधिकारी द्वारा टिप्पणी में मौके पर सतर्कता जांच के दौरान पाया कि उक्त कृषि कनेक्षन की गूमटी से सीधा तार डालकर विद्युत चोरी की जा रही है। राषि जमा नहीं होने पर खाता संख्या 1801/435 के नामे राषि जोडी जावे, दर्ज किया है तथा नोटिस में खाता संख्या 1801/136 कृषि व 1801/435 डी.एल. दर्ज किया गया है। जांच प्रतिवेदन से स्पष्ट है कि परिवादी ने कोई विद्युत चोरी नहीं की। 
      अन्त में परिवादी ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार फरमाया जाकर नोटिस दिनांकित 24.02.2014 मय जांच प्रतिवेदन संख्या 20638/26 दिनांकित 08.02.2014  निरस्त किए जाने का निवेदन किया है। 
       विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने उक्त तथ्यों का विरोध करते हुए अपने जवाब के अनुसार यह कथन किया है कि परिवादी द्वारा विद्युत चोरी का कृत्य 


किया जा रहा था जिसकी जांच रिपोर्ट संख्या 20638/26 दिनांक 08.02.2014 भरी गई है, जिसे परिवादी ने स्वीकार की है तथा 9914/-रूपये जमा कराने हेतु नोटिस जारी किया गया है ।     
      अन्त में विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने परिवादी द्वारा विद्युत चोरी करने पर वी.सी.आर के मामले की सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस मंच को नहीं होना कथन करते हुए परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया। 
        उभयपक्ष के द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र एवं जवाब पर विचार किया गया। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया। 

       परिवाद में विद्युत चोरी के आरोप से सम्बंधित विवाद प्रकट होता है। माननीय राष्ट्रीय आयोग ने 2014 (3) सीपीआर, 534 - निर्मला देवी बनाम पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एवं अन्य के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा U.P. POWER  CORPORATION  LIMITED  & ORS Vs. ANISH AHMAD – (2013) 8 S.C.C.  491  में दिये गये आदेष का अवलम्बन लेते हुए यह अभिनिर्धारित किया है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 126 एवं 135 से 140 तक सम्बन्धित प्रकरण जिला मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। उक्त न्यायिक विनिष्चयों की रोषनी में यह परिवाद विद्युत अधिनियम की उक्त धाराओं के अंतर्गत विद्युत चोरी से सम्बंधित होने के कारण इस मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। चूंकि यह परिवाद इस मंच के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।
      अतः परिवादी का परिवाद पत्र निरस्त किए जाने योग्य होने से खारिज किया जाता है ।
      आदेश आज दिनांक 21.05.2015 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया। 
      पत्रावली फैषल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

 


       
    
    

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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