Rajasthan

Jhunjhunun

137/2014

MAKHANLAL - Complainant(s)

Versus

AVVNL AJMER - Opp.Party(s)

Makhanlal

05 May 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 137/2014
 
1. MAKHANLAL
KHETRI
...........Complainant(s)
Versus
1. AVVNL AJMER
KHETRI
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER


तारीख
हुक्म
                                              परिवाद संख्या 137/14
                               हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
        मक्खन लाल  बनाम  सहायक अभियंता (ओ.एण्ड एम) अ.वि.वि.नि.लि., बबाई तहसील
                         खेतड़ी जिला झुंझुनू वगैरह
                         नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
 
21.05.2015

                 
           परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता अधिनियम
उभयपक्ष की बहस सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।     
         परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि दिनांक 12.02.2014 को परिवादी के विरूद्ध विपक्षी संख्या 2 द्वारा दुर्भावना से प्रेरित होकर एक वी.सी.आर. संख्या 9746/48 दिनांक 12.02.2014 को इस आषय की भरी गई कि मौके पर जांच के दौरान ट्यूबवैल के मीटर से तार जोडकर सिंगल फेस का ट्यूबवेल चलाकर अपने कृषि कार्य में उपयोग करता पाया गया तथा दिनांक 13.02.2014 को परिवादी को 6000/-रूपये अपराध सम्मन करने के लिये विपक्षी नं0 1 के कार्यालय में जमा कराने का नोटिस भेजा गया अन्यथा परिवादी के विरूद्ध सिविल लाईबिलिटी राषि 24381/-रूपये वसूल किये जाने का आदेष दिया गया । विपक्षीगण परिवादी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करवाने एवं उसे जेल भिजवाने की धमकी दे रहे हैं। वी.सी.आर. झूंठी भरी गई है। 
      अन्त में परिवादी ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार फरमाया जाकर    वी.सी.आर. संख्या 9746/48 दिनांक 12.02.2014 मय नोटिस निरस्त किए जाने का निवेदन किया है। 
       विपक्षीगण की ओर से जवाब पेष नहीं हुआ।
       विद्धान अधिवक्ता विपक्षीगण श्री सुरेन्द्र भाम्बू ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी सतर्कता जांच दल द्वारा जांच की गई तो मौके पर परिवादी विद्युत चोरी करते पाया गया, जिसकी    वी.सी.आर. संख्या 9746/48 दिनांक 12.02.2014 भरी गई। विद्युत चोरी राषि जमा करवाने हेतु परिवादी को नोटिस जारी किया गया, लेकिन परिवादी की ओर से राषि जमा नहीं करवाई गई। 
        अन्त में विद्धान अधिवक्ता विपक्षीगण ने परिवादी द्वारा विद्युत चोरी करने पर वी.सी.आर के मामले की सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस मंच को नहीं होना कथन करते हुए परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया। 
        


       उभयपक्ष के तर्को पर विचार किया गया। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया। 
        परिवाद में विद्युत चोरी के आरोप से सम्बंधित विवाद प्रकट होता है। माननीय राष्ट्रीय आयोग ने 2014 (3) सीपीआर, 534 - निर्मला देवी बनाम पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एवं अन्य के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा U.P. POWER CORPORATION LIMITED & ORS Vs. ANISH AHMAD -  (2013)8 S.C.C. 491  में दिये गये आदेष का अवलम्बन लेते हुए यह अभिनिर्धारित किया है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 126 एवं 135 से 140 तक सम्बन्धित प्रकरण जिला मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। उक्त न्यायिक विनिष्चयों की रोषनी में यह परिवाद विद्युत अधिनियम की उक्त धाराओं के अंतर्गत विद्युत चोरी से सम्बंधित होने के कारण इस मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। चूंकि यह परिवाद इस मंच के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।
      अतः परिवादी का परिवाद पत्र निरस्त किए जाने योग्य होने से खारिज किया जाता है ।
      आदेश आज दिनांक 21.05.2015 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया। 
      पत्रावली फैषल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

 


       
    
    

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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