Rajasthan

Jhunjhunun

485/2013

ANITA DEVI - Complainant(s)

Versus

AVVNL AJMER - Opp.Party(s)

RAKESH VERMA

15 Jun 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 485/2013
 
1. ANITA DEVI
JHUNJHUNU
...........Complainant(s)
Versus
1. AVVNL AJMER
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel PRESIDENT
 HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui MEMBER
 HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra MEMBER
 
For the Complainant:RAKESH VERMA, Advocate
For the Opp. Party: VIDHYADEER, Advocate
ORDER


तारीख
हुक्म
                                                                                                                                                         परिवाद संख्या 485/13

                               हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
अनिता देवी     बनाम    सहायक अभियंता,अ.वि.वि.नि.लि. झुंझुनू (शहर) तहसील व जिला
                       झुंझुंनू (राज0)
                         नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
 
15.06.2015

                 
           परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता अधिनियम
परिवादिया की ओर से वकील श्री राकेष वर्मा उपस्थित। विपक्षी की ओर से वकील श्री विद्याधर महला उपस्थित। उभयपक्ष की बहस सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।     
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादिया ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादिया ने विपक्षी के यहां से घरेलु विधुत कनेक्षन ले रखा है, जिसका खाता संख्या 2022-2401-0459 है। । परिवादिया उक्त विधुत कनेक्षन का समय-समय पर विपक्षी को बिल जमा कराती आ रही है। इसलिए परिवादिया विपक्षी की उपभोक्ता है। 
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादिया ने बहस के दौरान यह भी कथन किया है कि विपक्षी ने माह जून, 2013 के विद्युत बिल में उपभोग 195 युनिट दर्षाते हुए 30968/-रूपये, जिसमें निगम राषि 30,068/-रूपये अंकित कर भिजवाया। परिवादिया ने विपक्षी से विद्युत बिल  दुरूस्त करवाने हेतु सम्पर्क किया तो नहीं माने तथा परिवादिया का विद्युत कनेक्षन विच्छेद करने की धमकी दी।
      अन्त में विद्वान् अधिवक्ता परिवादिया ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार फरमाया जाकर विद्युत बिल माह जून,2013 में निगम राषि 30,068/-रूपये निरस्त कर संषोधित बिल जारी किए जाने का निवेदन किया है। 
       विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादिया के कनेक्षन परिसर की सतर्कता जांच दल द्वारा जांच की गई तो मौके पर अपनी सर्विस लाईन के अतिरिक्त एक अन्य सर्विस लाईन डालकर अपने मीटर को बाईपास कर विद्युत चोरी करता हुआ पाया गया व मौके पर मौजूद व्यक्ति ने परिवादिया का पति होना बताया। जिसकी वी.सी.आर. 19602/05 दिनांकित    21.04.2012 परिवादिया के पति के नाम भरी जाकर नोटिस भिजवाया गया जो राषि जमा नहीं करवाई है। इसके बाद भी परिवादिया को विद्युत चोरी करते हुए पाया गया है।
      

      अन्त में विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने परिवादिया द्वारा विद्युत चोरी करने पर वी.सी.आर के मामले की सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस मंच को नहीं होना कथन करते हुए परिवादिया का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया। 
        उभयपक्ष के तर्को पर विचार किया गया। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया। 
        परिवाद में विद्युत चोरी के आरोप से सम्बंधित विवाद प्रकट होता है। माननीय राष्ट्रीय आयोग ने 2014 (3) सीपीआर, 534 - निर्मला देवी बनाम पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एवं अन्य के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा -U.P. POWER CORPORATION LIMITED & ORS Vs. ANISH AHMAD &  (2013) 8 S.C.C. 491  में दिये गये आदेष का अवलम्बन लेते हुए यह अभिनिर्धारित किया है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 126 एवं 135 से 140 तक सम्बन्धित प्रकरण जिला मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। उक्त न्यायिक विनिष्चयों की रोषनी में यह परिवाद विद्युत अधिनियम की उक्त धाराओं के अंतर्गत विद्युत चोरी से सम्बंधित होने के कारण इस मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। चूंकि यह परिवाद इस मंच के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।
      अतः परिवादिया का परिवाद पत्र निरस्त किए जाने योग्य होने से खारिज किया जाता है ।
      आदेश आज दिनांक 15.06.2015 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया। 
      पत्रावली फैषल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

 


       
    
    

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra]
MEMBER

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