Rajasthan

Pratapgarh

CC/26/2014

VISHNU LAL NAGADA - Complainant(s)

Versus

AVVNL, Aen. , Sen. , STATE Aen. - Opp.Party(s)

22 Jul 2014

ORDER


जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच प्रतापगढ (राज.)
                   प्र.सं. 26/2014
विष्णुलाल पुत्र शोभालाल जाति नागदा निवासी राजेन्द्र कोलोनी बस स्टेण्ड छोटीसादड़ी, तह छोटीसादड़ी जिला  प्रतापगढ़(राज.) 
                    बनाम
            1. सहायक अभियंता(ग्रा.)अ.वि.वि.नि.लि. छोटीसादड़ी
   2. अधिक्षण अभियंता अ.वि.वि.नि.लि. प्रतापगढ़
   3. अ.वि.वि.नि.लि. प्रतापगढ़ जरिये विपक्षी सं. 1

  उपस्थिति   1. श्रीजगदीशचन्द्र पुरोहित एडवोकेट परिवादी से 
                   2. श्रीमहेश मेहता एडवोकेट विपक्षीगण से 
                              
                     निर्णय                        दिनांक 22.07.14
परिवादी से दिनांक 26.02.14 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत यह परिवाद पेश हुआ कि उसने अपने मकान पर विद्युत कनेक्शन वर्तमान खाता संख्या 2315-0244 ले रखा है विपक्षी ने फरवरी 2014 का बिल 5226/- का भेजा मे अन्य राशि के मद में 3150$360=3510/- गलत जोड़े तथा बिल मे की राशि 1715/- भी गलत हैं उसने विपक्षी संख्या 1 से बिल निरस्त करने का कहा तो इंकार कर दिया अतः बिल मे की राशियां निरस्त की जावें मानसिक संताप की क्षति के 20000/- परिवाद व्यय के 10000/- विपक्षी से दिलाये जावें। 
    विपक्षी से पेश जवाब मे लिखा गया है मीटर खराब होने पर बिल औसत आधार पर जारी होता है अन्य मद की राशि आडिट आधार पर जुलाई 10 से अप्रेल 11 तक की औसत आधार पर पुनः निर्धारण कर शेष राशि हैं इस प्रकार बिल राशि नियमानुसार जमा योग्य है अतः परिवाद निरस्त किया जावे ।
    परिवादी से फर. 14, दिसं. 13, व अग. 13, के बिलो की प्रतियां व नोटिस दि. 06.01.14 की प्रति पेश की गई।
    बहस उभय पक्ष सुनी गयी । परिवाद पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
    परिवादी से अपने मकान पर के विद्युत कनेक्शन खाता संख्या 2315-0244 के फरवरी 2014 के बिल को प्रश्नगत किया जा रहा है, उसमे की राशि को गलत होने का कथन करते हुए।     फरवरी 2014 का बिल जिसकी प्रति परिवादी से पेश की गई के अवलोकन से स्पष्ट है यह 300 औसत उपभोग युनिट का 5226/- का है इसमे अन्य राशि के मद मे 3150$360=3510/- जोड़े गये है जिसे विपक्षी की और से आडिट द्वारा निकालना बताया जा रहा है व परिवादी को नोटिस दिया जाना भी कथन किया जा रहा है ऐसे नोटिस की प्रति परिवादी को बिल के संबंध मे परिवादी द्वारा विपक्षी सं. 1 को निवेदन करने पर , विपक्षी सं.1 द्वारा दी गई है। इस नोटिस मे लिखा गया है “.................आपके विद्युत कनेक्शन खाता संख्या 2315-0253 का आंतरिक अंकेक्षण दौरान मीटर बंद होने से माह 7/10 से 4/11 तक ।टत् रेट मे जारी बिल राशि 3510/- चार्ज की गई है जो जमा करावें “  विपक्षी से पेश जवाब मे इस संबंध मे लिखा गया है“ मुल से जुलाई 10 से नवं. 11 तक ओसत से कम का बिल जारी हुआ है“ आगे लिखा है जुलाई 10 से अप्रेल 11 तक उपभोक्ता के विद्युत भार एवं वास्तविक औसत से कम का बिल जारी हुआ है उक्त तथ्य आंतरिेक अंकेक्षण जांच में आने से बिल को पुनः निर्धारण कर शेष राशि को वसूलने की कार्यवाही की गई है ।
    विपक्षी से ऐसी किसी आडिट रिपोर्ट को पेश नही किया गया है जिससे विपक्षी के कथन की पुष्टि होना प्रमाणित हो नही विपक्षी से अन्यथा या जवाब मे बताया । लिखा गया है कि उक्त अवधि मे किस तरह कितने उपभोग युनिट की राशि बनती थी किस तरह कितने उपभोग युनिट की राशि बिल के जरिये ली गई व किस तरह कितने उपभोग युनिट की राशि शेष रही जबकी परिवादी का परिवाद मे का कथन है वह नियमित रूप से बिल जमा करा रहा है (पैरा संख्या 4) जिसे विपक्षी ने सही स्वीकार किया है (जवाब के पैरा संख्या 4 जो परिवाद के पेरा संख्या 4 के संबंध मे है ) ऐसे मे इस फरवरी 2014 के बिल मे की अन्य राशि के मद की राशि 3150$360=3510/- के संबंध मे का कथन प्रमाणित नही होता से इस राशि को सही नही कहा जा सकता की स्थिति मे यह राशि गलत जोड़ना ही स्पष्ट होता है ।
    परिवादी से बिल की शेष राशि 1751/- को भी गलत  बताया जा रहा है जो औसत उपभोग 300 युनिट की विद्युत खर्च ,स्थाई शुल्क, विद्युत शुल्क व न् ब्मेे क्रमशः 1230$320$120$45$=1715/- है। जैसा उपर लिखा गया है बिल फर. 2014 औसत उपभोग युनिट 300 का है जिसके गत पठन 5035 क् मीटर नं. 4689917 अंकित है परिवादी से अग. 2013 के बिल की भी प्रति पेश की गई है जो भी औसत उपभोग 300 युनिट का है उसमें भी गत पठन वर्तमान पठन व मीटर नं. वही अंकित है जो फर. 2014 के बिल में अंकित है जो ऐसे मे ज्मतउे ंदक बवदकपजपवद वित ेनचचसल व िमसमबजतपबपजल 2004 के क्लाज 30(2) सपठित क्लाज 27 में की व्यवस्था अनुसार बिल मे की नियमित राशि 1715/- भी सही नही रहती ।
    अतः विवेचन के आधार पर विपक्षीगण को आदेश किया जाता है परिवादी के परिवाद मे के विद्युत कनेक्शन वर्तमान खाता संख्या 2315-0244 के फरवरी 2014 के  जारी बिल को निरस्त किया जाता है व नियमित बिल राशि को सही कर नियमित बिल जारी किये जाने का आदेश किया है परिवादी को परिणाम स्वरूप हुई मानसिक संताप की क्षति के 3000/- परीवाद व्यय के 1500/- भी छःसप्ताह में अदा करें ।
    निर्णय लिखा जाकर सुनाया ।

 

 


ण्

 

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