KANHAIYA LAL TELI filed a consumer case on 06 May 2014 against AVVNL, Aen. in the Pratapgarh Consumer Court. The case no is CC/27/2014 and the judgment uploaded on 05 Feb 2016.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच प्रतापगढ (राज.)
प्र.सं. 27/2014
कन्हैयालाल पुत्र भेरूलाल जाति तेली नि. अरनोद जिला प्रतापगढ़ (राज.)
बनाम
1. सहायक अभियंता अ.वि.वि.नि.लि. अरनोद
उपस्थिति 1. श्री अशोक राठौड़ एडवोकेट परिवादी से
2. श्री शरद चिप्पड़ एड विपक्षीगण से
निर्णय दिनांक 06.05.14
परिवादी से दिनांक 11.03.14 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत यह परिवाद पेश हुआ कि उसने विपक्षी से एक नोन डोमेस्टिक विद्युत कनेक्शन खाता संख्या 1504-0249 ले रखा है उसको विपक्षी का दिनांक 10.04.13 का नोटिस 24300/- का अंकेक्षण दल द्वारा निकालना जमा कराने का मिला सम्पर्क करने पर विपक्षी द्वारा इस राशि बाबत् समझोता कर लेने का कहा परन्तु विपक्षी द्वारा मई 2013 के बिल मे अन्य राशि के मद में इस राशि को जोड़कर 27212/- का बिल जारी कर दिया गया जो सही नही हैं । विपक्षी द्वारा 08.03.14 को बिना किसी सुचना के उसका कनेक्शन विच्छेद कर दिया गया अतः मई 2013 के जारी बिल मे उक्त राशि कम कर संशोधित बिल जारी किये जाने तथा कनेक्शन पुनः जोड़े जाने का विपक्षी को आदेश किया जावे मानसिक परेशानी के 5000/- विपक्षी से दिलाये जावे।
विपक्षी से पेश जवाब मे लिखा गया परिवादी के यहां जांच पर स्वीकृत 2 ज्ञॅ के स्थान पर 7.420 ज्ञॅ का उपभोग किया जाना पाया गया इस पर टब्त् बनाई गई के आधार पर अंकेक्षण दल द्वारा डिफरेंस की राशि निकाली गई जो अक्टुबर से मई 13 तक 22500/- तथा पुनः जुन 12 से नवं. 12 तक 1800/- कुल 24300/- जिसके लिए 10.04.13 को नोटिस जारी किया गया, राशि जमा नही कराने पर मई 13 के बिल में राशि जोड़ी गई इस प्रकार मई 13 का बिल सही जारी किया गया है। परिवादी द्वारा बिल जमा नही कराने पर नियमानुसार कनेक्शन विच्छेद किया गया है अतः परिवाद सव्यय निरस्त किया जावें।
परिवादी से नोटिस 10.04.13 की प्रति व बिल मई 13 की प्रति पेश की गई है विपक्षी से टब्त् 12.10.09 आडिट रिपोर्ट व नोटिस 10.04.13 की प्रति पेश की गई।
बहस उभय पक्ष सुनी गई । परिवाद पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
परिवादी से बिल मई 2013 में की अन्य राशि के मद की राशि 24350/- को विवादित किया जा रहा है , विपक्षी इसे परिवादी के कनेक्शन की जांच पर बनाई गई टब्त् 12.10.09 के संबंध मे की आडिट द्वारा निकाली गई, जिसके लिए 10.04.14 को नोटिस दिया गया राशि जमा नही कराने पर बिल में जोड़ी गई होना कथन कर रहा है राशि विद्युत अधि. की धारा 126 के तहत की है जैसा टब्त् मे भी उल्लेख है इसके लिए अधि. की धारा में की व्यवस्था अनुसार उपभोक्ता / परिवादी को ऐतराज पेेश करने का अधिकार रखता है । यह सही परिवादी द्वारा विपक्षी के नोटिस 10.04.13 पर कोई ऐतराज पेश नही किया गया मगर यह भी सही है विपक्षी द्वारा परिवादी को नोटिस के साथ आडिट रिपोर्ट /टब्त् की प्रति नही भेजी गई क्योकि ऐसा कोई कथन साक्ष्य विपक्षी से नही है बल्कि विपक्षी द्वारा उपभोक्ता परिवादी को टब्त् की प्रति भेजने के संबंध मे कोई कथन/ साक्ष्य नही है । परिवादी का कथन है राशि मियाद बाहर है तो विपक्षी इस इस राश्ज्ञि को अक्टु. 09 से नवं. 12 की बता रहा है नोटिस 10.04.13 का है ऐसे में नोटिस दिनांक से 2 वर्ष पुर्व की राशि को तो मियाद बाहर होना पृथम दृष्टया नही माना जा सकता है।ऐसे मेे नोटिस, आडिट रिपोर्ट टब्त् के संबंध में उपभोक्ता परिवादी को विद्युत अधिनियम की धारा 126 के प्रावधान के अनुसार ऐतराज पेश करने अवसर /आदेश करते हुए ऐेसे ऐतराज के निर्णय /आदेश तक राशि की वसुली को स्थिगित रखा जाना ही न्यायोचित प्रतित होता हैं ।
परिवादी का एक कथन यह है कि विपक्षी द्वारा बिना सुचना के कनेक्शन विच्छेद कर दिया गया । विपक्षी का कथन है बिल जमा नही कराने पर कनेक्शन नियमानुसार विच्छेद किया गया है। कनेक्शन विच्छेद किये जाने से पुर्व नोटिस दिया गया हो स्पष्ट नही होता जो आवश्यक है। स्वयं परिवादी का कथन है वह विवादित राशि को छोड़ आगामी बिलो की राशि जमा कराने को तैयार था , हालांकि परिवादी की ओर से परिवाद पेश करने के पश्चात मंच के समक्ष आगामी बिलो की राशि जमा कराने विपक्षी विभाग को राशि लेने के आदेश करने बाबत कथन / निवेदन नही किया ऐसे मे इस स्थिति में विवादित राशि को छोड़कर आगामी बिलो की राशि जमा कराने पर कनेक्शन चालु किये जाने का आदेश किया जाना उचित प्रतित होता है।
अतः परिणाम स्वरूप आदेश किया जाता है उपभोक्ता/परिवादी टब्त् 12.10.09 आडिट रिपोर्ट व नोटिस 10.04.13 (जिनकी प्रतियां अब परिवादी को उपलब्ध हो चुकी है) के संबंध मे अधि. 2003 की धारा 126 के प्रावधान अनुसार विपक्षी विभाग के संबंधित/सक्षम ओथोरिटि के समक्ष 30 दिन के भीतर अपनी आपत्तियां /ऐतराज पर विपक्षी विभाग/अथोरिटि धारा में की व्यवस्था अनुसार सुनवाई कर अवसर देकर सुनवाई के आदेश पारित करें तब तक विपक्षी मई 13 के बिल मे की अन्य राशि के मद की राशि 24350/- की वसूली परिवादी से नही करेगा इस राशि की वसुली स्थिगित रहेगी जो परिवादी की आपत्तियां/ऐतराज पर के आदेश के तहत रहेगी । परिवादी द्वारा इस विवादित राशि को छोड़कर इस विलम्ब आगामी बिलो की राशि जमा कराने पर विपक्षी विभाग परिवादी के परिवाद मे के विद्युत कनेक्शन को तुरंत जोड़ कर चालु करेगा। परिस्थितियो मे परिवादी को आदेश किया जाता है परिवादी को 8 सप्ताह मे परिणामस्वरूप हुई मानसिक संताप की क्षति के 3000/- अदा करेगा।
निर्णय लिखा जाकर सुनाया गया ।
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