Uttar Pradesh

StateCommission

R/2014/52

Tata Motors - Complainant(s)

Versus

Avnish shukla - Opp.Party(s)

Rajesh chaddha

10 Apr 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2014/731
( Date of Filing : 10 Apr 2014 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. M/s Singhal Motors
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Avanish Shukla
a
...........Respondent(s)
Revision Petition No. R/2014/45
( Date of Filing : 10 Apr 2014 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Singhal Motors
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Avanish Shukla
a
...........Respondent(s)
Revision Petition No. R/2014/52
( Date of Filing : 02 May 2014 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Tata Motors
-
...........Appellant(s)
Versus
1. Avnish shukla
-
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/2014/908
( Date of Filing : 02 May 2014 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Tata motors
-
...........Appellant(s)
Versus
1. Avnish shukla
-
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 10 Apr 2023
Final Order / Judgement

(सुरक्षित)

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

अपील संख्‍या-731/2014

1.    मेसर्स सिंघल मोटर्स, आजमगढ़ द्वारा मालिक पंकज अग्रवाल, केदारपुर हर्रा की चुंगी, नगर व जिला आजमगढ़।

2.    मैनेजर, सिंघल मोटर्स, शाखा जौनपुर, नगर व जिला जौनपुर।

                             अपीलार्थीगण/विपक्षी सं0-2 व 3

बनाम्  

1.    अवनीश शुक्‍ल पुत्र श्री रामानन्‍द शुक्‍ल सिविल लाईन्‍स कचहरी रोड, नगर व जिला जौनपुर।

2.    टाटा मोटर्स लिमिटेड 26 फ्लोर, सेक्‍टर नं0 1 वल्‍ड ट्रेड सेन्‍टर रफ परेड, मुम्‍बई 4000 द्वारा प्रबन्‍धक।

                               प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-1

एवं

अपील संख्‍या-908/2014

टाटा मोटर्स लिमिटेड, 26th फ्लोर, सेन्‍टर नं0 1, वल्‍ड ट्रेड सेन्‍टर, कफी परेड, मुम्‍बई 400005, इंटरेलिया ब्रांच आफिस देवा रोड, चिनहट, लखनऊ द्वारा मैनेजर।

                             अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1

बनाम्  

1.    अवनीश शुक्‍ल, सिविल लाईन्‍स, कचहरी रोड, जौनपुर।

2.    सिंघल मोटर्स, हेड आफिस केदार पुरम, हर्रा की चुंगी, आजमगढ़ 276001, द्वारा प्रोपराइटर पंकज अग्रवाल।

                                                                                                                                                                      प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-2

एवं

पुनरीक्षण संख्‍या-45/2014

1.    मेसर्स सिंघल मोटर्स, आजमगढ़ द्वारा पार्टनर पंकज अग्रवाल, केदारपुरम हर्रा की चुंगी, नगर व जिला आजमगढ़।

2.    मैनेजर, सिंघल मोटर्स, शाखा जौनपुर, नगर व जिला जौनपुर।

                             पुनरीक्षणकर्तागण/विपक्षी सं0-2 व 3

बनाम्  

1.    अवनीश शुक्‍ल पुत्र श्री रामानन्‍द शुक्‍ल सिविल लाईन्‍स कचहरी रोड, नगर व जिला जौनपुर।

2.    टाटा मोटर्स लिमिटेड 26 फ्लोर, सेक्‍टर नं0 1 वल्‍ड ट्रेड सेन्‍टर रफ परेड, मुम्‍बई 4000 द्वारा प्रबन्‍धक।

                               प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-1

एवं

पुनरीक्षण संख्‍या-52/2014

टाटा मोटर्स लिमिटेड, 26th फ्लोर, सेन्‍टर नं0 1, वल्‍ड ट्रेड सेन्‍टर, कफी परेड, मुम्‍बई 400005, इंटरेलिया ब्रांच आफिस देवा रोड, चिनहट, लखनऊ द्वारा मैनेजर।

                             पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी सं0-1

बनाम्  

1.    अवनीश शुक्‍ल, सिविल लाईन्‍स, कचहरी रोड, जौनपुर।

2.    सिंघल मोटर्स, हेड आफिस केदार पुरम, हर्रा की चुंगी, आजमगढ़ 276001, द्वारा प्रोपराइटर पंकज अग्रवाल।

                                                                                                                                                                       प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-2

समक्ष:-                           

1. माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

विपक्षी सं0-1 की ओर से उपस्थित          : श्री राजेश चड्ढा,

                                                              विद्वान अधिवक्‍ता।  

विपक्षी सं0-2 व 3 की ओर से उपस्थित      : श्री आर.के. गुप्‍ता,                           

                                                                विद्वान अधिवक्‍ता।

परिवादी की ओर से उपस्थित              : कोई नहीं।

दिनांक:  29.05.2023  

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित                                                 

निर्णय

1.         परिवाद संख्‍या-186/2012, अवनीश शुक्‍ल बनाम टाटा मोटर्स लिमिटेड तथा दो अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, जौनपुर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 15.6.2013 के विरूद्ध उपरोक्‍त दोनों अपीलें, अर्थात अपील संख्‍या-731/2014 तथा अपील संख्‍या-908/2014 प्रस्‍तुत की गई हैं तथा उपरोक्‍त परिवाद से उत्‍पन्‍न निष्‍पादन वाद संख्‍या-32/2013 में पारित आदेश दिनांक 7.3.2014 के विरूद्ध पुनरीक्षण याचिका संख्‍या-45/2014 तथा पुनरीक्षण याचिका संख्‍या-52/2014 प्रस्‍तुत की गई हैं। अत: सभी पत्रावलियों एक ही निर्णय एवं आदेश से प्रभावित हैं, इसलिए सभी का निस्‍तारण एक बंच के रूप में एक साथ किया जा रहा है। इस हेतु अपील संख्‍या-731/2014 अग्रणी होगी

2.         परिवाद संख्‍या-186/2012 को विद्वान जिला आयोग द्वारा स्‍वीकार करते हुए निम्‍नलिखित आदेश पारित किया गया :-

           '' परिवादी अवनीश शुक्‍ल का परिवाद संख्‍या 186/2012 विपक्षीगण के विरूद्ध आंशिक रूप से इस तरह स्‍वीकार किया जाता है कि विपक्षी सं0 3 के यहां जमा उपरोक्‍त वाहन को विपक्षीगण अपने तकनीकी विभाग से तकनीकी जांच कराये, यदि यह पाया जाय कि वाहन विक्रय के समय 1300किमी चल कर बन्‍द हुआ था और पुराना था और उसके अधिकांश पार्ट्स डैमज थे तो उसे बदलकर नया वाहन परिवादी को दिया जाय। यदि यह पाया जाय कि मात्र कुछ पार्टस खराब है तो उन्‍हें बदलकर सक्षम दोषरहित करके उसका परिदान परिवादी को किया जाय तथा मु0 500रू0 वाद व्‍यय भी अदा किया जाय। इस आदेश का अनुपालन विपक्षीगण एक माह के अन्‍दर करे। ''

3.         इस निर्णय/आदेश को अपील संख्‍या-731/2014 द्वारा विपक्षी संख्‍या-2 व 3 ने इन आधारों पर चुनौती दी है कि विद्वान जिला आयोग ने तथ्‍यों की सही व्‍याख्‍या नहीं की है तथा साक्ष्‍य पर भी विचार नहीं किया है। प्रश्‍नगत वाहन में किसी प्रकार की निर्माण संबंधी त्रुटि नहीं है, इसलिए वाहन बदलकर नया वाहन देने का आदेश अनुचित है।

4.         अपील संख्‍या-908/2014 द्वारा प्रश्‍नगत निर्णय/ओदश को विपक्षी संख्‍या-1 ने इन आधारों पर चुनौती दी है कि प्रश्‍नगत वाहन में उत्‍पादन संबंधी त्रुटि का कोई साक्ष्‍य पत्रावली पर मौजूद नहीं है। विद्वान जिला आयोग ने साक्ष्‍य विहीन निर्णय/आदेश पारित किया है।

5.         विपक्षी संख्‍या-1 की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री राजेश चड्ढा तथा विपक्षी संख्‍या-2 व 3 की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री आर.के. गुप्‍ता उपस्थित आए। परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। अत: केवल विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता की बहस सुनी गई तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावलियों का अवलोकन किया गया।

6.         अपीलार्थी एवं पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जो वाहन परिवादी द्वारा क्रय किया गया, उसको बदलकर नया वाहन देने का आदेश दिया गया है और निष्‍पादन वाद संख्‍या-32/2013 को स्‍वीकार करते हुए यह आदेश दिया गया है कि इंजन बदलकर वाहन वापस लौटाया जाए। यथार्थ में विद्वान जिला आयोग द्वारा परिवाद स्‍वीकार करते समय जो निर्णय पारित किया गया, वह अत्‍यधिक भ्रामक, अस्‍पष्‍ट तथा संदिग्‍ध है। किसी भी परिवाद को स्‍वीकार करते समय दायित्‍व का निर्धारण स्‍पष्‍ट रूप से होना चाहिए। आदेश में यह अंकित करना कि वाहन की जांच विपक्षीगण करें और अपना निष्‍कर्ष दें और निष्‍कर्ष के पश्‍चात नया इंजन बदलकर दें। दोनों पक्षों में असमंजस्‍ता की स्थिति उत्‍पन्‍न करती हैं। विद्वान जिला आयोग को इस बिन्‍दु पर स्‍पष्‍ट निष्‍कर्ष देना चाहिए था कि वाहन में निर्माण संबंधी कोई दोष मौजूद है कि नहीं और यदि यह पाया जाय कि वाहन में निर्माण संबंधी कोई दोष मौजूद है तब वाहन को बदलने के लिए आदेशित किया जाए और यदि यह पाया जाय कि वाहन में निर्माण संबंधी कोई दोष नहीं है, परन्‍तु कुछ पार्ट्स खराब हैं, जिनको दुरूस्‍त करने का दायित्‍व शुल्‍क रहित या शुल्‍क सहित किस विपक्षी का है तब इस बिन्‍दु पर भी स्‍पष्‍ट निष्‍कर्ष दिया जाय। ऐसा प्रतीत होता है कि विद्वान जिला आयोग ने स्‍वंय परिवाद पर अंतिम निष्‍कर्ष नहीं दिया है, अपितु अंतिम निर्णय वाहन निर्माता कंपनी तथा उसके डीलर पर छोड़ दिया है और इसके पश्‍चात निष्‍पादन आवेदन में वाहन को बदलने का आदेश पारित कर दिया, जबकि मूल परिवाद में वाहन को बदलने का आदेश सशर्त था, इसलिए निष्‍पादन आवेदन में वाहन बदलने का आदेश देते समय सर्वप्रथम इस बिन्‍दु पर निष्‍कर्ष दिया जाना चाहिए था कि प्रथम शर्त का अनुपालन हुआ है और विपक्षीगण द्वारा यह पाया गया कि वाहन में किस प्रकार की त्रुटि मौजूद थी। यदि ऐसा पाया गया तब केवल उस स्थिति में ही वाहन को बदलने का आदेश निष्‍पान आवेदन में दिया जा सकता था। यथार्थ में निर्माण दोष होने का निष्‍कर्ष निष्‍पादन आवेदन में दिया गया, जबकि निर्माण संबंधी दोष होने का निष्‍कर्ष परिवाद का निर्णय पारित करते समय दिया जाना चाहिए था। यदि विपक्षीगण द्वारा इस आशय की तकनीकी आख्‍या दी गई कि वाहन में निर्माण संबंधी दोष नहीं है तब इस रिपोर्ट को अस्‍वीकार करने का कोई आधार निष्‍पादन कार्यवाही में विद्वान जिला आयोग के पास मौजूद नहीं था, क्‍योंकि परिवाद पर निर्णय पारित करते समय उनके द्वारा ही विपक्षीगण को यह सुनिश्चित करने का अधिकार दिया गया है कि वाहन में निर्माण संबंधी कोई त्रुटि है या नहीं। अत: विद्वान जिला आयोग द्वारा अपनाई गई सभी प्रक्रिया विधिसम्‍मत नहीं है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील संख्‍या-731/2014 तथा अपील संख्‍या-908/2014 एवं पुनरीक्षण संख्‍या-45/2014 तथा पुनरीक्षण संख्‍या-52/2014 स्‍वीकार होने योग्‍य हैं।

आदेश

7.         उपरोक्‍त दोनों अपीलें, अर्थात अपील संख्‍या-731/2014 तथा अपील संख्‍या-908/2014 स्‍वीकार की जाती हैं। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 15.6.2013 अपास्‍त किया जाता है तथा प्रकरण विद्वान जिला आयोग को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि वह अधिकतम 03 माह के अंदर पुन: गुणदोष पर प्रकरण को निस्‍तारित करें और इस बिन्‍दु पर साक्ष्‍य के आधार पर निष्‍कर्ष दें कि वाहन में निर्माण संबंधी त्रुटि है या वाहन का कोई पार्ट खराब है, जिसकी मरम्‍मत करने का दायित्‍व या परिवर्तित करने का दायित्‍व किस विपक्षी पर है और यह दायित्‍व शुल्‍क रहित या शुल्‍क सहित है, इस बिन्‍दु पर भी स्‍पष्‍ट निष्‍कर्ष दें।

           प्रस्‍तुत अपीलों में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हों तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित दोनों अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

           पुनरीक्षण संख्‍या-45/2014 तथा पुनरीक्षण संख्‍या-52/2014 स्‍वीकार की जाती हैं तथा निष्‍पादन वाद में पारित आदेश दिनांक 7.3.2014 अपास्‍त किया जाता है।

          सभी पत्रावलियों में उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

           इस निर्णय/आदेश की मूल प्रति अपील संख्‍या-731/2014 में रखी जाए एवं इसकी एक-एक सत्‍य प्रति संबंधित पत्रावलियों में भी रखी जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

  (सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

            सदस्‍य                                  सदस्‍य

 

 

 

निर्णय/आदेश आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

(सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

          सदस्‍य                                  सदस्‍य

 

 

लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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