Rajasthan

Ajmer

CC/428/2013

SMT. SEETA DEVII - Complainant(s)

Versus

AVIVA LIFE INS - Opp.Party(s)

ADV S.P GANDHI

24 Aug 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/428/2013
 
1. SMT. SEETA DEVII
BHILWARA
...........Complainant(s)
Versus
1. AVIVA LIFE INS
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 24 Aug 2016
Final Order / Judgement

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

श्रीमति सीता देवी गुर्जर पुत्री श्री खमाण गुर्जर, निवासी- माताजी का खेड़ा, पोस्ट आमेसर, तहसील- आसींद, जिला-भीलवाड़ा । 
                                                -         प्रार्थिया

                            बनाम

1. अवीवा लाईफ इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड जरिए ष्षाखा प्रबन्धक, ष्षाखा कार्यालय, विषाल मेंगा मार्ट के उपर, मीरषाहअली, जयपुर रोड़, अजमेर । 
2 अवीवा लाईफ इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, हैड आॅफिस अवीवा टाॅवर, सैक्टर रोड़, जीएलएफ  कोर्स के सामने, डीएलउफ फेज   सेक्टर, 43, गुड़गांव
(हरियाणा)-122003
                                                -       अप्रार्थीगण
                 परिवाद संख्या 428/2013  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री सूर्य प्रकाष गांधी, अधिवक्ता, प्रार्थिया
                  2.श्री तेजभान भगतानी,  अधिवक्ता अप्रार्थी 

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 01.09.2016
 
1.       प्रार्थिया द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि उसके पिता श्री खमाण गुर्जर ने अपने जीवनकाल में अप्रार्थी बीमा कम्पनी से  दिनंाक 15.11.2011 को  एक बीमा पाॅलिसी लाईफ सील्ड संख्या  ज्स्ै -0016576 रू. 11,50,000/-  की 17 वर्ष के लिए प्राप्त की  । जिसकी परिक्वता दिनंाक 
15.11.2028 थी ।  उसके पिता का दिनंाक 20.1.2013 को अचानक देहान्त हो जाने पर उसने समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए अप्रार्थी बीमा कम्पनी के समक्ष बीमा क्लेम पेष किया जिसे अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने अपने पत्र दिनंाक 
14.3.2013 के द्वारा इस आधार पर खारिज कर दिया कि मृतक बीमाधारक ने बीमा पाॅलिसी प्राप्त करते समय अपनी आयु  के तथ्य को छिपाते हुए  अपनी जन्म तिथी  दिनंाक 25.12.1962 को 49  वर्ष बताई थी  जबकि उनकी आयु बीमा कराते समय  60 वर्ष  थी ।  इस प्रकार अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने बीमा क्लेम खारिज कर  सेवा में कमी कारित की है । प्रार्थिया ने परिवाद पेष करते हुए उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।  प्रार्थिया ने परिवाद के समर्थन में स्वयं का ष्षपथपत्र पेष किया है । 
2.    अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जवाब प्रस्तुत करते हुए  प्रारम्भिक आपत्तियों में दर्षाया है कि  प्रार्थिया भीलवाड़ा की निवासी है और मृतक बीमाधारक  द्वारा भी बीमा प्रपोजल फार्म  में भीलवाड़ा का पता अंकित किया था ।  प्रार्थिया को उत्तरदाता ने  त्मचनकपंजपवद पत्र भी भीलवाड़ा  ही भेजा गया है ।  इसलिए प्रार्थिया को  परिवाद प्रस्तुत करने का कोई भी वाद कारण  अजमेर मंच के क्षेत्राधिकार में उत्पन्न नहीं होने से  मंच को परिवाद सुनने का कोई श्रवणाधिकार नही ंहै ।  इसलिए परिवाद निरस्त होने योग्य है ।     
    अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने आगे अपने जवाब में प्रार्थिया के पिता श्री खमाण गुर्जर  के पक्ष में प्रष्नगत बीमा पाॅलिसी जारी किए जाने  के तथ्य को स्वीकार करते हुए यह भी कथन किया है कि बीमाधारक  की अल्प समय में मृत्यु हो जाने पर बीमा अधिनियम की धारा 45 के अन्तर्गत जांच किए जाने पर यह तथ्य सामने आया कि बीमाधारक ने बीमा पाॅलिसी  दिनंाक 1.1.2011 को प्राप्त करते समय   अपनी वास्तविक आयु  65 वर्ष को छिपाते हुए अपनी आयु 50 वर्ष बताई थी । चूंकि बीमा धारक को यह बता दिए जाने पर कि बीमा कराने की अधिकतम आयु 55 वर्ष है, इसलिए उसने अपनी आयु कम बताई थी । यदि बीमाधारक अपनी सही आयु बताता तो  अप्रार्थी द्वारा कभी भी बीमा पाॅलिसी जारी नहीं की जाती ।  विभिन्न न्यायिक  दृष्टान्तों का हवाला देते हुए परिवाद खारिज किए जाने की प्रार्थना की है  । जवाब के समर्थन में श्री  विवेक यादव, प्रबन्धक, विधि  का षपथपत्र पेष हुआ है । 
3.    प्रार्थिया पक्ष का तर्क है कि बीमित द्वारा अप्रार्थी बीमा कम्पनी से ली गई पाॅलिसी जिसकी परिवक्वता तिथि दिनंाक 15.11.2028 थी, के प्रभावषील रहने के दौरान  दिनंाक 20.1.2012 को उसकी मृत्यु होने व  इसकी सूचना दिए जाने के बावजूद अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा क्लेम  राषि दिए जाने के बजाय अपने पत्र  दिनंाक 14.3.2013 के द्वारा क्लेम खारिज किए जाने का कारण बीमित का बीमा प्रस्ताव प्रपत्र भरते हुए दिनंाक 1.1.2011 को 49 वर्ष बताई  गई जबकि बीमा करते समय उसकी उम्र 60 वर्ष  होना बताते हुए तत्समय महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपा कर बीमा पाॅलिसी प्राप्त  करने का जो प्रतिवाद लिया गया ह,ै वह उचित नहीं है व उनकी सेवा में कमी का परिचायक हेै । परिवाद स्वीकार की जानी चाहिए । 
4.    अप्रार्थी  बीमा कम्पनी ने इन तर्को का खण्डन किया  व बताया कि पाॅलिसी लिए जाने के बाद जांच करने पर पाया गया कि बीमा प्राप्त करने की दिनांक  को बीमित की आयु 65 वर्ष थी उसके द्वारा सही तथ्यों को छिपा कर पाॅलिसी प्राप्त की गई है । अतः बाद जांच उचित आधारों पर क्लेम निरस्त किया गया है ।  उनका यह भी तर्क है कि बीमित मृतक  द्वारा बीमा प्रस्ताव प्रपत्र में  भीलवाडा का पता  अंकित किया गया है , क्लेम  खारिज करने का पत्र भी  भीलवाड़ा भेजा गया है  । इसलिए  प्रार्थिया  को इस मंच के समक्ष परिवाद प्रस्तुत करने का अधिकार  नहीं है ।  विनिष्चय त्मअपेपवद च्मजपजपवद छवण् 1840ध्2014;छब्द्ध स्ंाइीपत  ज्ञंनत - व्ते टे स्प्ब् - व्तेए    त्मअपेपवद च्मजपजपवद छवण् 634ध्2015;छब्द्ध स्प्ब्  टे त्ंजजंद स्ंस  व्तकमत क्ंजमक30.3.2015ए   ैण्ठण् ब्पअपस ।चचमंस छवण् 1814ध्2000 ैउज ैनउपजतं क्मअप ंदक व्जीमते टे ज्ञंद ैपदही ंदक व्जे  व्तकमत क्ंजमक 11ण्11ण्2009  पर अवलम्ब लिया है । 
5.    हमने परस्पर तर्क सुन लिए हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों के साथ साथ प्रस्तुत नजीरों का भी आदरपूर्वक अवलोकन कर लिया है । 
6.    क्षेत्राधिकार के संदर्भ में इतना ही उल्लेख करना पर्याप्त होगा कि मृतक बीमाधारक द्वारा बीमा पाॅलिसी ब्यावर, जिला-अजमेर  में बीमा प्रस्ताव प्रपत्र भरते हुए प्राप्त की गई है । अतः  इस मंच को परिवाद सुनने का क्षेत्राधिकार प्राप्त है । 
7.    इस बिन्दु पर अब कोई विवाद नहीं है कि मृतक बीमाधारक द्वारा अप्रार्थी बीमा कम्पनी से पाॅलिसी  प्राप्त की गई व उसकी दिनंाक 20.1.2013 को मृत्यु हो जाने के बाद क्लेम प्राप्त करने हेतु आवेदन किए जाने के बाद अप्रार्थी द्वारा क्लेम दिनंाक 14.3.2013 के पत्र द्वारा इस आधार पर खारिज किया गया है कि बीमाधारक ने बीमा प्रस्ताव भरते समय अपनी  जन्म तिथि दिनंाक  25.12.1962  उम्र-49 बताई  थी जबकि तत्सयम उसकी उम्र 60 वर्ष थी । प्रष्न यह है कि क्या बीमा प्रस्ताव भरते समय  बीमित ने अपनी आयु को छिपाते हुए गलत तथ्य  अंकित करते हुए  पाॅलिसी प्राप्त कर ली ? एक ओर जहां बीमित ने जन्म तिथि का आधार  पैन कार्ड बताया है वहीं दूसरी ओर अप्रार्थी ने जांच करने पर  जन्म तिथि का आधार  वोटर आईडी कार्ड व पंचायत की मतदाता सूची को बताया है ।  पंचायत मतदाता सूची  के अनुसार दिनंाक 1.1.2009 को बीमित की उम्र 62 वर्ष बताई गई है । यदि इस जन्म तिथि को आधार माना  जावे तो बीमित द्वारा बीमा प्रस्ताव भरते समय दिनंाक 1.11.2011 को उसकी उम्र- 64 वर्ष  10 माह के लगभग होती है। यदि निर्वाचन आयेाग द्वारा जारी पहचान पत्र को आधार बनाया जाए तो दिनंाक 1.1.2002 को बीमित की उम्र 55 वर्ष  उस समय  होती है  । तदनुसार बीमा प्रस्ताव भरते समय उसकी उम्र- 64 वर्ष  10 माह होती है । सामान्यतया मतदाता सूची अथवा पहचान पत्र में  अंकित विवरण के संबंध में अक्सर षिकायतें होती रहती है ।  हस्तगत प्रकरण में मृतक  द्वारा बीमा प्रस्ताव भरते समय जिस प्रलेख को आधार बनाया गया है वह पेनकार्ड है, जो भारत सरकार द्वारा समस्त जांच पड़ताल करने के बाद जारी किया जाता है ।   इसके  अनुसार मृतक बीमित की जन्मतिथि  25.12.1962  अंकित की गई है व ऐसे अंकन के बाद उक्त बीमा प्रस्ताव प्रपत्र के काॅलम संख्या 10 में क्मबसंतंजपवद  ।नजीवतप्रंजपवद  के बाद सभी प्रविष्ठियों को सही मानते हुए बीमा पाॅलिसी जारी की गई है जो कि  सर्वमान्य हैै और इसमें कोई सन्देह नहीं  हो सकता ।  अप्रार्थी का यह तर्क भी स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है कि बीमित ने अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देष्य  से अपनी जन्म तिथि का  विवरण गलत अंकित किया  है । क्या बीमा प्रस्ताव प्रपत्र भरते समय बीमित को निकट भविष्य में अपनी मृत्यु होने का आभास हो गया था ?  क्या इस तथ्य की जानकारी  बीमा विभाग को हो चुकी थी ? से तथ्य भी विचारणीय है एवं  यह प्रतिवाद भी बीमा कम्पनी सिद्व करने में असफल रही है । उनकी ओर से जो विनिष्चय प्रस्तुत किए गए है वे तथ्यों की भिन्नता के कारण उनके लिए  सहायक   नहीं है । उपरोक्त रतन लाल वाले मामले में बीमित ने प्रपोजल फार्म में वोटर आईडी कार्ड में कांट छांट कर उम्र की तिथि में परिवर्तन किया था जबकि  इसे  इलेक्ट्रोल रोल  से मिलान करने पर  सहीं तिथि का बीमित द्वारा  की गई उक्त कांट छांट  का मामला सामने आ गया था तथा माननीय राष्ट्रीय आयोग  ने इलेक्ट्रोल रोल को वरीयता देते हुए जन्म तिथि  का  प्रमुख आधार माना था । श्रीमति सुुमित्रा देवी  वाले मामले  में पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट  में अंकित की गई उम्र के मुकाबले इलेक्ट्रोल रोल  में अंकित उम्र को तरजीह दी गई थी । लखबीर सिंह  वाले मामले में प्रपोजल फार्म एजेण्ट द्वारा भरा जाने व इसमें अंकन के संबंध में विवाद था । 
9.    कुल मिलाकर उपरोक्त  परिस्थितियों के प्रकाष में जिस प्रकार अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने बीमाधारक  द्वारा बीमा करते समय महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाकर बीमा पाॅलिसी प्राप्त करने से  बीमा पालिसी की ष्षर्तो के उल्लंघन होने  के कारण क्लेम देय नहीं होना पाया है , वह उचित नहीं है  व उनकी सेवाओं में कमी का परिचायक है । मंच की राय में परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य  है एवं आदेष है कि 
                         :ः- आदेष:ः-
   10.         (1)    प्रार्थिया अप्रार्थी बीमा कम्पनी से बीमा पाॅलिसी लाईफ सील्ड संख्या  ज्स्ै -0016576 रू.  पेटे बीमा क्लेम राषि रू. 11,50,000/- ( अक्षरे रू. ग्यारह लाख पचास हजार मा़त्र) क्लेम खारिज करने की दिनांक से तदायगी 9 प्रतिषत वार्षिक ब्याज दर सहित प्राप्त करने की अधिकारिणी होगी । 
            (2)   प्रार्थिया अप्रार्थी बीमा कम्पनी से ं परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/- प्राप्त करने के  अधिकारिणी होगी ।               
            (3)    क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी     प्रार्थिया को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें   अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।  
          आदेष दिनांक 01.09.2016 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

                
(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    

 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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