Rajasthan

Ajmer

CC/401/2013

RAMNATH JAT - Complainant(s)

Versus

AVIVA LIFE INS - Opp.Party(s)

ADV S.P GANDHI

16 Dec 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/401/2013
 
1. RAMNATH JAT
MUSADA
...........Complainant(s)
Versus
1. AVIVA LIFE INS
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 16 Dec 2016
Final Order / Judgement

जिला    मंच,     उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

श्री रामनाथ जाट पुत्र श्री ब्रह्माराम जाट, निवासी- हनुतिया , पोस्ट हनुतिया, तहसील- मसूदा, जिला-अजमेर । 

                                                -         प्रार्थी
                            बनाम

1. अवीवा लाईफ इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड जरिए षाखा प्रबन्धक,षाखा कार्यालय- विषाल मेगा मार्ट के उपर, मीरषाहअली,जयपुर रोड़, अजमेर-305001
2. अवीवा लाईफ इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, हैड आॅफिस अवीवा टाॅवर, सैक्टर रोड़ जीएलएफ गोल्फ कोर्स के सामने, डीएलएफ फेज , 5 सैक्टर 43, गुड़गांव(हरियाणा)-122003
                                                -       अप्रार्थीगण
                 परिवाद संख्या  401/2013  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
2. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री सूर्यप्रकाष गांधी,श्री लक्ष्मण सिंह एवं श्री अमित गांधी,
                   अधिवक्तागण, प्रार्थी
                  2.श्री तेजभान भगतानी,अधिवक्ता अप्रार्थी बीमा कम्पनी  

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः-06.01.2017
 
1.             संक्षिप्त तथ्यानुसार प्रार्थी की दादी श्रीमति बरजी देवी जाट द्वारा अप्रार्थी बीमा कम्पनी से  दिनंाक 28.3.2012 को रू. 5,00,000/- की बीमा पाॅलिसी संख्या  ज्स्ै. 0038763 प्राप्त  किए जाने के उपरान्त बीमाधारक श्रीमति बरजी देवी का दिनंाक 13.1.2013 को निधन हो जाने के फलस्वरूप उक्त बीमा पाॅलिसी के तहत  उसके नामिनी होने के नाते समस्त औपचारिकतांए पूर्ण करते हुए पेष किए गए बीमा क्लेम को अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने अपने पत्र दिनांक 
31.3.2013 के द्वारा इस आधार पर खारिज कर दिया कि बीमाधारक श्रीमति बरजी देवी ने बीमा पाॅलिसी प्राप्त करते समय अपनी  जन्मतिथि जनवरी, 1959 बताते हुए अपनी आयु 54 वर्ष बताई थी । जबकि बीमाधारक की उम्र  बरवक्त 63 वर्ष थी साथ ही प्रार्थी को बीमा पाॅलिसी में बीमाधारक का पुत्र बताना व बीमा पाॅलिसी के प्रस्ताव पत्र में  बीमाधारक की फोटो न होकर किसी अन्य की फोटो लगाई

 गई थी ।  जबकि अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने प्रार्थी की दादी का पैनकार्ड बतौर साक्ष्य प्राप्त किया था,  जिसमें उसकी दादी की जन्मतिथि दिनंाक 10.1.1959 अंकित थी । इस प्रकार अप्रार्थी  बीमा कम्पनी ने बीमा क्लेम खारिज कर सेवा में कमी कारित की है । प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में स्वयं का ष्षपथपत्र पेष किया है । 
2.    अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जवाब प्रस्तुत करते हुए प्रपोजल फार्म में भरे गए विवरण के आधार पर  प्रार्थी की माता के पक्ष में प्रष्नगत बीमा पाॅलिसी जारी किए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए आगे दर्षाया है कि  वरवक्त बीमा प्रस्ताव प्रपत्र भरते समय पैन कार्ड  जन्मतिथि के संबंध में पेष किया गया  व बीमा प्रस्ताव प्रपत्र में  प्रार्थी ने अपनी दादी के स्थान पर अपनी माता का फोटो लगाया गया । इस प्रकार बीमा पाॅलिसी प्राप्त करते के लिए तथ्यों का डपेतमचतमेमदज किया गया ।  गलत तथ्यों का अंकन कर प्राप्त की गई बीमा पाॅलिसी के अन्तर्गत पेष किए गए क्लेम को उत्तरदाता ने सही आधारों पर खारिज कर कोई सेवा में कमी नहीं की गई ।  अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना करते हुए जवाब केे समर्थन में  भुवन भास्कर, प्रबन्धक विधि का ष्षपथपत्र पेष किया है ।  
3.    उभय पक्षकारान ने अपने अपने पक्ष कथन को बहस में तर्क के रूप में दोहराया है । हमने सुना, रिकार्ड देखा
4.    मुख्य विवाद का बिन्दु यह है कि क्या बीमित ने प्रष्नगत पाॅलिसी लेते समय अपनी आयु के संबंध में गलत तथ्य अंकित किए ?क्या तत्समय पाॅलिसी प्राप्त करते समय स्वयं के स्थान पर किसी अन्य का फोटो लगाया व संलग्न किए गए पेैन कार्ड में बीमाधारक के स्थान पर किसी अन्य का फोटो था ? क्या नाॅमिनी तत्समय पुत्र था जबकि बीमा कम्पनी द्वारा प्रस्तुत किए गए रिकार्ड में वह पौत्र पाया गया हैं ?
5.    प्रार्थी पक्ष का तर्क रहा है कि प्रष्नगत पाॅलिसी लिए जाते समय  उम्र का आधार  पैन कार्ड था । प्रपोजल  में सहीं तथ्य अंकित किए गए व इसमें लगाए गए फोटो व पैन कार्ड में फोटो बीमित के ही थे, किसी अन्य के नहीं । नाॅमिनी के रूप मंे सहीं तथ्य अंकित किए गए हंै । खण्डन में अप्रार्थी बीमा कम्पनी का तर्क रहा है कि पाॅलिसी प्राप्त किए जाते समयस उम्र का  आधार मतदाता सूची वर्ष 2000 के अनुसार तत्समय बीमित की आयु 64 वर्ष थी । इस प्रकार उसने गलत तथ्य अंकित करते हुए पाॅलिसी प्राप्त की  है। प्रार्थी ने अपने पक्ष कथन के समर्थन में  अपने ष्षपथपत्र से समर्थित   कथनों को बीमित के मृत्यु प्रमाण पत्र,  उसके द्वारा प्रस्ताव पत्र भरते समय जन्मतिथि के संदर्भ में  पैन कार्ड की फोटोप्रति प्रस्तुत की है जिसके अनुसार उसकी जन्मतिथि दिनांक 10.1.1959  सामने आई है । खण्डन में जिस मतदाता सूची एवं प्रस्ताव पत्र का अप्रार्थी ने प्रतिवाद लिया है , को उसने परिवाद के जवाब में बतौर प्रदर्ष आर-1 अवष्य अंकित किया है किन्तु यह प्रमाण उसके द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है । यदि किसी तथ्य को कोई पक्षकार विषिष्ठ  तथ्य अथवा साक्ष्य से खण्डित करना चाहता है तो उसके लिए यह अपेक्षित है कि वह ऐसे विषिष्ठ तथ्य अथवा साक्ष्य प्रस्तुत कर अपने पक्ष कथन को समर्थित करते हुए प्रमाणित करें । विधि का यह सुस्थापित  सिद्वान्त   भी है । किन्तु स्वयं अप्रार्थी की ओर से ऐसे विषिष्ठ कथन  अथवा तथ्य को साबित नहीं किया गया है । अप्रार्थी बीमा कम्पनी की ओर से प्रस्ताव प्रपत्र में  स्वयं के स्थान पर किसी अन्य का फोटो लगाना बताया है ।  किन्तु यहां यह उल्लेखनीय है  कि  प्रस्ताव प्रपत्र भरते समय समस्त तथ्यों का  स्वीकृत रूप से बीमित पक्ष की ओर से सही उल्लेख करना अपेक्षित है । किन्तु ऐसे प्रपत्र को स्वीकृत करने से पूर्व एवं पाॅलिसी जारी करने से पूर्व बीमा कम्पनी के लिए  भी यह आज्ञापक है कि वह बीमित द्वारा  भरे  प्रस्ताव प्रपत्र में अंकित तथ्यों को भली भांति देख  ले व यह सुनिष्चित कर ले कि जो फोटो ऐसे  प्रपत्र पर लगाया गया है, वह प्रस्ताव प्रपत्र भरने वाले की ही है ।  चूंकि तत्समय  ऐसा कोई आक्षेप सामने नहीं आया है, अतः अब ऐसा आक्षेप आफ्टर थाॅट की संज्ञा में माना जाएगा  व यह तर्क स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है । इसी प्रकार की स्थिति नाॅमिनी के संदर्भ में है । 
6.    कुल मिलाकर अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने अपने पक्ष कथन को खण्डनीय साक्ष्य  से सिद्व नहीं कर मात्र खानापूर्ति  करते हुए जो प्रार्थी का क्लेम खारिज किया है, वह उचित नहीं है । उनके द्वारा ऐसा किया जाना अनुचित व्यपाार व्यवाहार व सेवाओं में कमी का उदाहरण है ।  क्लेम गलत रूप से खारिज किया गया है । मंच की राय में परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि 
                           :ः- आदेष:ः-
7.    (1)    प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से बीमा पाॅलिसी संख्या ज्स्ै. 0038763 पेटे बीमा क्लेम राषि रू. 5,00,000/- बीमा क्लेम खारिज करने की दिनांक से तदायगी 9 प्रतिषत वार्षिक ब्याज दर सहित प्राप्त करने का अधिकारी होगा । 
            (2)       प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से ं मानसिक संताप पेटे  रू.    10,000/- एवं  परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/-भी  प्राप्त करने के  अधिकारी होगा ।               
           (3)    क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी    प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें   अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।  
          आदेष दिनांक 06.01.2017 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

                
(नवीन कुमार )                                (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                                                अध्यक्ष    

 

                    

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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