जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्री मनोहर लाल षर्मा, मकान नं. 36/392-ए, प्रेमभवन, षास्त्रीनगर, बगीचे के सामने, जवाहर नगर, लोहागल रोड, अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
श्री अविनाष जैन, मालिक, मैसर्स जैन टा्रली सेन्टर, आर्यसमाज रोड, केसरगंज बाजार, अजमेर ।
- अप्रार्थी
परिवाद संख्या 297/2015
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री मनोहर लाल षर्मा, प्रार्थी
2.श्री अषोक कुमार जैन, अधिवक्ता अप्रार्थी
मंच द्वारा :ः- निर्णय :ः- दिनांकः-12.05.2016
1. प्रार्थी ( जो इस परिवाद में आगे चलकर उपभोक्ता कहलाएगा) ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम , 1986 की धारा - 12 के अन्तर्गत अप्रार्थी के विरूद्व संक्षेप में इस आषय का पेष किया है कि वह 86 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक है और उसने अप्रार्थी से दिनांक 20.4.2015 को एक कूलर रू. 4500/- में क्रय किया, जिसकी दिनांक 31.12.2015 तक की गारण्टी दी गई । कूलर क्रए किए जाने के 40 दिन बाद ही दिनांक 31.5.2015 की रात्रि को तेज आवाज के साथ बन्द हो गया । उसने अप्रार्थी से षिकायत करने की कोषिष की । किन्तु अप्रार्थी ने मोबाईल नहीं उठाया तो उसने मजबूरन सुबह बिजली मिस्त्री को कूलर दिखाया । जिसने कूलर की पंखुडी टूटना बताया । इसकी षिकायत अप्रार्थी को किए जाने पर उन्होने पंखुडी ैचंतम होना नहीं बताया और बाजार से क्रय कर लगवाने की सलाह दी । उसने बाजार से पंखुडी खरीद कर कूलर में लगवा ली, जिसमें उसके रू. 606/- खर्च हुए और इस राषि के भुगतान के लिए उसने अप्रार्थी को रजिस्टर्ड पत्र भेजते हुए निवेदन किया ।किन्तु अप्रार्थी ने राषि अदा नहीं कर सेवा में कमी की है। परिवाद प्रस्तुत कर उपभोक्ता ने उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की हैं । परिवाद के समर्थन में उपभोक्ता ने अपना षपथपत्र पेष किया है ।
2. अप्रार्थी ने जवाब प्रस्तुत करते हुए कथन किया है कि उपभोक्ता उसे मैसर्स जैन ट्राली सेन्टर का मालिक होना सिद्व करे । अप्रार्थी ने आगे यह कथन किया है कि किसी भी कूलर अथवा पम्प में खराबी होने के संबंध में उपभोक्ता ने उससे कोई सम्पर्क नहीं किया और पंखुडी से संबंधित कोई गारण्टी नहींं दी गई थी । उपभोक्ता द्वारा भेजा कोई भी रजिस्टर्ड पत्र प्राप्त नहीं हुआ। झूठा परिवाद पेष किया ह,ै जो सव्यय निरस्त होने योग्य है । जवाब परिवाद के समर्थन में श्री अविनष जैन ने अपना षपथपत्र पेष किया ।
3. उपभोक्ता का स्वयं का तर्क है कि प्रष्नगत कूलर खरीद करने के 40 दिन बाद ही अचानक बन्द हो गया व पंखे में लगी पंखुडी़ टूट कर निकल गई । कूलर वारण्टी अवधि में था । यह विक्रेता द्वारा बदल कर नहीं दी गई जो सेवा में कमी का परिचायक है । स्वयं को 86 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक होने का व मानसिक संताप तथा वाद व्यय की राषि प्राप्त करने का अधिकारी बताया है।
4. अप्रार्थी ने इन समस्त तथ्यों का खण्डन करते हुए बहस में स्वयं का अप्रार्थी फर्म का मालिक होने का तथ्य उपभोक्ता को सिद्व करने व पंखे की पंखुड़ी गारण्टी / वारण्टी सीमा में नहीं आना बताते हुए परिवाद खारिज किए जाने योग्य बताया है ।
5. हमने परस्पर तर्क सुने हैं तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का अवलोकन कर लिया है ।
6. पत्रावली में उपलब्ध कूलर के क्रय बिल दिनांक 20.4.2015 के अनुसार उक्त कूलर रू. 4500/- में क्रय किया गया व संलग्न गारण्टी कार्ड के अनुसार दिनांक 31.12.2015 तक कूलर की मोटर, पम्प के संबंध में सीमित प्रयोजन हेतु गारण्टीयुक्त होना सामने आया है । कूलर की पंखुडी नए सिरे से क्रय किए जाने बाबत् मुरली एण्टरप्राईजेज, अजमेर के बिल दिनांक 1.6.2015 के अनुसार इसकी कीमत रू. 206.10 पै. होना प्रकट होता है । इस तथ्यात्मक स्थिति का अप्रार्थी की ओर से मात्र मौखिक खण्डन किया गया है । इन हालात में उपभोक्ता का दिनांक 20.4.2015 को कूलर क्रय किया जाना व दिनांक 31.12.2015 तक मोटर व पम्प के संबंध में गारण्टीयुक्त होना तथा पंखुडी के खराब होने पर इसे बदलने की सीमा तक की गई गुहार के, ये तथ्य सिद्व पाए जाते हैं ।
7. अब प्रष्न यह है कि क्या अप्रार्थी जैन ट्राली सेन्टर का मालिक है अथवा नहीं ? क्या पंखे की पंखुडी का टूटना गारण्टी की सीमा में आता था ? ये सभी तथ्य विचारणीय है ।
8. यहां यह उल्लेखनीय है कि अप्रार्थी का फर्म जैन ट्राली का मालिक होना अथवा नहीं होना मुख्य नहीं है, अपितु उनके अभिवचन में बहस से यह तथ्य सामने आया है कि प्रष्नगत कूलर इनके ही संस्थान से क्रय किया गया है । कूलर में उसके खरीद की तिथि दिनांक 20.5.2015 के पष्चात् 40 दिन बाद ही पंखे की पंखुड़ी टूट कर अलग हुई है, यह भी अभिवचनों व प्रस्तुत बिलों से स्पष्ट हैं ।
9. मंच की राय में यदि कूलर की बॉडी के अलावा मोटर व पम्प तथा इससे संलग्न पंखे में किसी प्रकार की कोई यान्त्रि़क खराबी तथा सीमावधि में आती है तो वह गारण्टी की परिधि में षामिल हैं । चूंकि कूलर के पंखे की पंखुड़ी उपभोक्ता की किसी गलती/ लापरवाही का सीधा परिणाम नहीं रहा है व बिजली की सप्लाई अथवा ऐसी किसी दैवीय आपदा का भी प्रभाव सामने नहीं आया हैं। ऐसी स्थिति में पंखुड़ी के टूट कर गिर जाने का सीधा संबंध निर्माणीय त्रुटि मानते हुए उपभोक्ता का परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है । अतः आदेष है कि
:ः- आदेष :ः-
10. (1) उपभोक्ता अप्रार्थी से पंखुडी की कीमत व लेबर चार्जेज की राषि रू. 606/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) उपभोक्ता अप्रार्थी से मानसिक क्षतिपूर्ति के पेटे रू. 1000/- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू.1000/- भी प्राप्त करने का भी अधिकारी होगा ।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी उपभोक्ता को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से उपभोक्ता के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 12.05.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष