(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1879/2010
Sahara India & other Versus Sri Awdesh Singh
दिनांक : 27.09.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-165/1999, अवधेश सिंह बनाम शाखा प्रबंधक सहारा इंडिया लि0 व अन्य में विद्वान जिला आयोग, मऊ द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 19.08.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री आलोक कुमार श्रीवास्तव के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थी को उसी पते पर डाक प्रेषित की गयी थी, जो पता परिवाद पत्र में अंकित है। अत: तामील की उपधारणा की जाती है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि परिवादी द्वारा 30,000/-रू0 जमा किये गये हैं और यह राशि उसके द्वारा ब्याज सहित प्राप्त कर ली गयी है, इसलिए अतिरिक्त 10,000/-रू0 अदा करने का आदेश देने का कोई औचित्य नहीं था। दस्तावेज सं0 14 पर यह अंकित है कि परिवादी द्वारा 30,000/-रू0 जमा किये गये हैं। दस्तावेज सं0 15 पर 30,000/-रू0 एवं 9,965/-रू0 ब्याज कुल 39,965/-रू0 प्राप्त किये गये हैं। इसी प्रकार दस्तावेज सं0 16 पर भी अंकन 39,965/-रू0 की स्वीकृति प्रदान की गयी है। अत: इन दस्तावेजों से साबित है कि देय अवधि से पूर्व जो राशि बनती थी, वह परिवादी द्वारा प्राप्त कर ली गयी है। तदनुसार अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्त किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2