राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
पुनरीक्षण संख्या-46/2024
अर्पित कुमार जायसवाल पुत्र श्री कन्हैया लाल जायसवाल
बनाम
अवर अभियन्ता, (जूनियर इंजीनियर), विद्युत वितरण उपखण्ड व दो अन्य
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री पवन कुमार सिंह,
विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 04.06.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री पवन कुमार सिंह उपस्थित हैं। पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता को सुना।
प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, देवरिया द्वारा परिवाद संख्या-85/2022 अर्पित कुमार जायसवाल बनाम अवर अभियन्ता विद्युत वितरण उपखण्ड व दो अन्य में पारित आदेश दिनांक 23.11.2023 एवं आदेश दिनांक 15.04.2024 के विरूद्ध योजित की गयी है।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा न्यायालय का ध्यान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित आदेश दिनांक 20.12.2022, दिनांक 10.10.2023, दिनांक 21.11.2023 एवं दिनांक 15.04.2024 की ओर आकर्षित किया।
जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पूर्व आदेशों में W.S. प्रस्तुत न किये जाने के कारण व विपक्षी की गैर हाजिरी को उल्लिखित करते हुए विपक्षी को अवसर प्रदान किये जाने से मना किया गया, परन्तु दिनांक 15.04.2024 को विपक्षी को साक्ष्य प्रस्तुत किये जाने हेतु पुन: समय प्रदान किया गया। पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता
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द्वारा कथन किया गया कि जब W.S. प्रस्तुत न किये जाने व विपक्षी की अनुपस्थिति को पूर्व में अनेकों तिथियों पर उल्लिखित किया गया, तदोपरान्त W.S. का अवसर समाप्त किये जाने के उपरान्त साक्ष्य प्रस्तुत किये जाने का समय दिया जाना अविधिक है।
प्रथम दृष्ट्या पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता के कथन में बल है। तदनुसार लिखित कथन/साक्ष्य की प्रस्तुति से विपक्षी को वंचित किया जाता है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद को पक्षकारों को सुनने के उपरान्त गुणदोष के आधार पर अंतिम रूप से यथाशीघ्र निस्तारित किया जाये।
तदनुसार प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका अंतिम रूप से निस्तारित की जाती है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1