जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद।
उपस्थित - (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-204/2012
अषोक कुमार सिंह पुत्र विक्रमाजीत सिंह निवासी ग्राम मयाभीखी परगना अमसिन तहसील सदर जिला फैजाबाद। .............. प्रार्थी
बनाम
अवध बिहारी प्रोपराइटर अवध इलेक्ट्रानिक्स जनाना अस्पताल के सामने कटरा गोषाईगंज जिला फैजाबाद। ........... विपक्षी
निर्णय दिनाॅंक 01.01.2016
उद्घोशित द्वारा: श्री विश्णु उपाध्याय, सदस्य।
निर्णय
परिवादी के परिवाद का संक्षेप इस प्रकार है कि परिवादी ने दिनांक 14.05.2011 को विपक्षी से एक इन्वर्टर व एक बैट्री रुपये 12,900/- में खरीदी थी। विपक्षी ने परिवादी को इन्वर्टर व बैट्री की वारंटी 18 माह दी थी। विपक्षी ने कहा था कि यदि कोई खराबी आयेगी तो वह उसे ठीक कर के देंगे और खराबी ठीक नहीं हुई तो खराब सामान बदल कर दूसरा देंगे। विपक्षी के आष्वासन पर परिवादी वारंटी कार्ड ले कर चला आया। इन्वर्टर व बैट्री कुछ माह तो ठीक चले लेकिन 6 माह मंे ही खराबी आ गयी और बैट्री 1 व 2 घंटे में ही डिस्चार्ज होने लगी। जिसकी षिकायत परिवादी ने विपक्षी से फरवरी 2012 में की तो विपक्षी ने कहा कि सर्विस करवा लीजिए तो परिवादी बैट्री को विपक्षी की दुकान पर ले गया और सर्विस कराने के बाद वापस अपने घर पर इन्वर्टर से लगाया तो बैट्री में कोई सुधार नहीं आया और बैट्री 1 या 2 घंटे से ज्यादा नहीं चली। परिवादी पुनः विपक्षी की दुकान पर गया और बैट्री बदल कर दूसरी देने को कहा तो विपक्षी ने कहा कि बैट्री कम्पनी भेजनी पडे़गी तो परिवादी बैट्री दुकान पर छोड़ कर चला आया। 15-20 दिन बाद विपक्षी ने दूसरी पुरानी बैट्री दी और कहा अभी नई बैट्री कम्पनी से आयी नहीं है तब तक इसे लगाओ आने पर बदल देंगे। परिवादी ने उस बैट्री को भी ले जा कर अपने घर लगाया मगर यह बैट्री भी एक पंखा चलाने पर एक या दो घंटे में डिस्चार्ज हो जाती थी। परिवादी विपक्षी से नई बैट्री की मंाग करता रहा मगर विपक्षी ने नई बैट्री परिवादी को नहीं दी। अंत में विपक्षी ने कहा हो सकता है कि परिवादी के यहां लो वोल्टेज हो इसलिये बैट्री चार्ज नहीं हो रही है। एक स्टेबलाइजर खरीद लो तो ठीक हो जायेगा। परिवादी ने एक हजार वाट का एक स्टेबलाइजर रुपये 2,100/- में खरीद लिया परन्तु उसके लगाने पर भी कोई सुधार नहीं हुआ जिसके बारे में विपक्षी को बताया, मगर विपक्षी ने कोई संतोशजनक उत्तर नहीं दिया। तब परिवादी ने विपक्षी को बैट्री बदलने या उसकी कीमत वापस करने के लिये नोटिस दिया जिसका विपक्षी ने कोई उत्तर नहीं दिया। इसलिये परिवादी को अपना परिवाद दाखिल करना पड़ा। परिवादी को विपक्षी से दूसरी नई बैट्री अथवा उसकी कीमत रुपये 8,700/-, ब्याज, क्षतिपूर्ति रुपये 20,000/- तथा परिवाद व्यय दिलाया जाय।
विपक्षी ने अपना उत्तर पत्र प्रस्तुत किया है तथा परिवादी के परिवाद के तथ्यों से इन्कार किया है और अपने विषेश कथन में कहा है कि उत्तरदाता ने परिवादी को इन्वर्टर व बैट्री सही दषा में दी थी। परिवादी ने वारंटी के अन्दर बैट्री की खराबी की कोई सूचना उत्तरदाता को नहीं दी थी। परिवादी वारंटी के अन्दर कोई सामान उत्तरदाता की दुकान पर सुधार कराने के लिये नहीं लाया था। परिवादी ने बैट्री की खराबी के लिये कम्पनी को भी सूचित नहीं किया था और कम्पनी को भी पक्ष मुकदमा नहीं बनाया है, ऐसी दषा में परिवादी का परिवाद पक्षकार के कुसंयोजन के दोश से ग्रस्त है, इस आधार पर परिवादी का परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है। उत्तरदाता किसी भी सामान की वारंटी अपनी ओर से नहीं देता है, वारंटी कम्पनी देती है, जिसे उत्तरदाता कम्पनी के अनुसार ग्राहक को देता है, जिसकी जिम्मेदारी कम्पनी की होती है। उत्तरदाता ने परिवादी को समस्त तथ्यों से अवगत कराया था मगर परिवादी गुण्डई के बल पर बैट्री बदलवाना चाहता था, जिसे देने का उत्तरदाता को कोई अधिकार नहीं था। उत्तरदाता के इन्कार कर देने पर परिवादी ने उत्तरदाता को हैरान व परेषान करने के लिये यह परिवाद दाखिल किया है जो कि मय हर्जे खर्चे के निरस्त किये जाने योग्य है।
पत्रावली का भली भांति परिषीलन किया। परिवादी एवं विपक्षी द्वारा दाखिल साक्ष्यों व प्रपत्रों का अवलोकन किया। परिवादी ने अपने परिवाद के समर्थन मंे षपथ पत्र, विपक्षी को भेजे गये नोटिस दिनांक 19.06.2012 की छाया प्रति रजिस्ट्री रसीद की छाया प्रति के साथ, इन्वर्टर व बैट्री खरीदे जाने की रसीद व वारंटी कार्ड की छाया प्रति व मूल रसीद व वारंटी कार्ड तथा साक्ष्य में अपना षपथ पत्र दाखिल किया है। विपक्षी ने अपने पक्ष के समर्थन मंे अपना लिखित कथन तथा अपनी लिखित बहस दाखिल की है जो षामिल पत्रावली है। परिवादी ने वारंटी समय के अन्दर विपक्षी से बैट्री की षिकायत की थी और समय के अन्दर बैट्री में सुधार न होने पर परिवादी ने विपक्षी को नोटिस दिनांक 19.06.2012 को दिया है जिसका उत्तर विपक्षी ने परिवादी को नहीं दिया है। परिवादी ने वारंटी के समाप्त होने के एक माह चार दिन के अन्दर ही विपक्षी को नोटिस दे दिया है क्यों कि विपक्षी ने परिवादी की बैट्री वारंटी के अन्दर न तो ठीक करायी और न ही बदल कर दूसरी बैट्री दी। परिवादी अपना परिवाद प्रमाणित करने में सफल रहा है। विपक्षी ने परिवादी की बैट्री बदल कर न देने से अपनी सेवा में कमी की है। विपक्षी यदि किसी कम्पनी का सामान बेचता है और वह उसका अधिकृत डीलर नहीं है तो वारंटी अवधि में सामान को ठीक कराने या बदलने की जिम्मेदारी विपक्षी की है। परिवादी अनुतोश पाने का अधिकारी है। परिवादी का परिवाद अंाषिक रुप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षी के विरुद्ध अंाषिक रुप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेषित किया जाता है कि वह परिवादी को बैट्री की कीमत रुपये 8,700/- भुगतान करें। विपक्षी परिवादी को रुपये 8,700/- पर परिवाद दाखिल करने की दिनांक से तारोज वसूली की दिनांक तक 9 प्रतिषत साधारण वार्शिक ब्याज का भी भुगतान करें। विपक्षी परिवादी को क्षतिपूर्ति के मद में रुपये 1,000/- तथा परिवाद व्यय के मद में रुपये 1,000/- का भी भुगतान करे।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 01.01.2016 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष