Uttar Pradesh

StateCommission

A/1626/2015

Cholamandalam MS General Insurance Co. Ltd - Complainant(s)

Versus

Ausan Singh - Opp.Party(s)

Tarun Kumar Misra

30 Nov 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1626/2015
( Date of Filing : 12 Aug 2015 )
(Arisen out of Order Dated 23/06/2015 in Case No. C/115/2015 of District Auraiya)
 
1. Cholamandalam MS General Insurance Co. Ltd
R/O 2nd Floor 4 Marry Cold Shah Najaf Road Sapru Marg Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Ausan Singh
Vill. and Post Sahayal Distt. Auraiya
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 30 Nov 2022
Final Order / Judgement

(सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

अपील सं0 :- 1626/2015

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, औरैया द्वारा परिवाद सं0- 115/2015 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 23/06/2015 के विरूद्ध)

Cholamandalam MS General Insurance Company Ltd, Regional Office, 2nd Floor, 4 Marry Gold, Shah Najaf Road, Sapru Marg, Lucknow through its Assistant General Manager.  

  1.                                                                                     Appellant    

Versus

  1. Ausan Singh Son of Sri Hukum Singh resident of village and post Sahayal district  Auraiya
  2. M/S V.M. Tractors through Manager, Old Etawa Road, Auraiya                                 

                         …………Respondents   

  •  
  1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य  
  2. मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य

उपस्थिति:

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:- श्री तरूण कुमार मिश्रा  

प्रत्‍यर्थी सं0 1 की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:-श्री आलोक रंजन

प्रत्‍यर्थी सं0 2 की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:-कोई नहीं

दिनांक:-

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.           जिला उपभोक्‍ता आयोग, औरैया द्वारा परिवाद सं0 115/2015 औसान सिंह बनाम चोला मण्‍डल एम0एस0 जनरल इं0कं0लि0 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 23.06.2015 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गयी है। जिला उपभोक्‍ता मंच ने परिवादी का ट्रैक्‍टर चोरी होने पर बीमित राशि के साथ साथ 15,000/- रूपये मानसिक प्रताड़ना के मद में एवं 5,000/- रू0 वाद व्‍यय के रूप में अदा करने का आदेश पारित किया है।
  2.           इस निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गयी है कि जिला उपभोक्‍ता मंच ने पॉलिसी की शर्तों के बिन्‍दु पर कोई विचार नहीं किया। प्रत्‍यर्थी सं0 1/परिवादी ने ट्रैक्‍टर की चाबी इंजन में लगी छोड़ दी और इस प्रकार लापरवाही बरती गयी। प्रथम सूचना रिपोर्ट 06 दिन बाद दर्ज करायी गयी और बीमा कम्‍पनी को 07 दिन बाद सूचना दी गयी, इसलिए बीमा क्‍लेम देय नहीं है।
  3.           दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्‍ताओं को सुना तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं पत्रावली का अवलोकन किया।
  4.           अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता द्वारा प्रथम बहस यह की गयी है कि ट्रैक्‍टर चोरी होने की प्रथम सूचना रिपोर्ट 06 दिन बाद दर्ज हुई है। परिवाद पत्र में यह उल्‍लेख है कि ट्रैक्‍टर चोरी होने की सूचना थाने में उसी दिन दी थी, परंतु चोरी एफआईआर की प्रति जो दस्‍तावेज सं0 23 पर उपलब्‍ध है, के अवलोकन से ज्ञात होता है कि यथार्थ में 16.09.2014 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हुई है। नकल तहरीर के अवलोकन से भी ज्ञात होता है कि दिनांक 16.09.2014 को ही प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है न कि ट्रैक्‍टर चोरी होने की तिथि को। इसी प्रकार ट्रैक्‍टर के ड्राइवर औसान सिंह ने बयान दिया है कि ट्रैक्‍टर ट्राली को खड़ा कर रात्रि लगभग 9:30 बजे लाइट जलाकर 50 मीटर की दूरी पर पेशाब के लिए गया था। ट्रैक्‍टर की लाइट जलने का तात्‍पर्य यह है कि ड्राइवर द्वारा ट्रैक्‍टर के इंजन में चाभी छोड़ी गयी, इसलिए ट्रैक्‍टर की लाइट जलती रही। अत: ड्राइवर द्वारा घोर लापरवाही बरती गयी। इस लापरवाही को स्‍वयं प्रत्‍यर्थी सं0 1/परिवादी बीमाधारक की लापरवाही माना जायेगा, इसलिए बीमाधारक केवल कुल बीमित मूल्‍य का 50 प्रतिशत राशि के बराबर बीमित धन प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है। अत: जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश तदनुसार परिवर्तित होने योग्‍य है।     

     आदेश

              अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा द्वारा पारित निर्णय व आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि कुल बीमित राशि में से 50 प्रतिशत की कटौती करने के पश्‍चात शेष 50 प्रतिशत   राशि ही बतौर बीमा क्‍लेम प्रत्‍यर्थी सं0 1/परिवादी को देय होगी। निर्णय का शेष भाग पु‍ष्‍ट किया जाता है।

              अपील में उभय पक्ष अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

             आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

        (विकास सक्‍सेना)                         (सुशील कुमार)

            सदस्‍य                                सदस्‍य

 

 

         संदीप, आशु0 कोर्ट नं0-2

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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