मौखिक
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या : 2588/2014
(जिला उपभोक्ता फोरम, औरैया द्वारा परिवाद संख्या-182/2013 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 05-09-2014 के विरूद्ध)
Shriram General Insurance Company Limited.
E-8, EPIP RIICO Industrial Area, Sitapura, Jaipur (Rajasthan)-302022 Branch office 16, Chintal House, Station Road, Lucknow-through its Manager. ......अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम्
Atul Kumar Mishra, S/o Shri Ram Krishna Misra resident of Mohalla Bramhnagar, Kaswa, Pargana and Distt. Auriya.
.....प्रत्यर्थी/परिवादी
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- श्री दिनेश कुमार।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित- श्री राम गोपाल।
समक्ष :-
- मा0 श्री राज कमल गुप्ता, पीठासीन सदस्य।
- मा0 श्री महेश चन्द, सदस्य।
दिनांक : 20-09-2018
मा0 श्री महेश चन्द, सदस्य द्वारा उद्घोषित निर्णय
परिवाद संख्या-182/2013 अतुल कुमार मिश्रा बनाम् श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लि0 में जिला उपभोक्ता फोरम, औरैया द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय एवं आदेश दिनांक 05-09-2014 के विरूद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गई है।
जिला फोरम ने आक्षेपित निर्णय के द्वारा परिवाद स्वीकार करते हुए निम्नलिखित आदेश पारित किया है :-
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‘’ परिवाद विपक्षी के विरूद्ध रू0 44,057/- की वसूली हेतु स्वीकार किया जाता है। इस धनराशि पर वाद योजना की तिथि दिनांक 01-11-2013 से वास्तविक भुगतान की तिथि तक 7 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज भी देय होगा। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि उपरोक्तानुसार धनराशि निर्णय के एक माह में परिवादी को अदा करें।’’
इस प्रकरण में विवाद के संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार है कि वह हीरो होण्डा स्प्लेन्डर प्लस मोटर साईकिल पंजीकरण संख्या-यू0पी0-79-बी-1014 का स्वामी है जिसका बीमा दिनांक 19-10-2012 से दिनांक 19-10-2013 तक के लिए सभी जोखिमों हेतु विपक्षी के यहॉं से कराया गया था और उसका रू0 738/- प्रीमियम जमा हुआ था। बीमा पालिसी में बीमित कीमत रू0 19,057/- अंकित की गयी थी दिनांक 15-08-2013 को परिवादी के घर के सामने से यह बाहन चोरी हो गया, जिसकी प्रथम सूचना थाना औरैया में अपराध संख्या-483/2013 धारा-379 आई0पी0सी0 के अन्तर्गत दर्ज करायी गयी। विपक्षी को सूचना दी गयी किन्तु विपक्षी ने बीमा दावे का भुगतान नहीं दिया। बीमा कम्पनी को एक नोटिस दिनांक 18-10-2013 को दिया गया फिर भी बीमा दावे का भुगतान नहीं दिया गया। अत: क्षुब्ध होकर परिवाद संख्या-182/2013 जिला फोरम, औरैया के समक्ष प्रस्तुत किया गया है।
विपक्षी बीमा कम्पनी को नोटिस भेजा गया। विपक्षी को रजिस्ट्री से भेजा गया नोटिस बिना तामील वापस नहीं आया अत: जिला फोरम द्वारा विपक्षी पर नोटिस का तामीला पर्याप्त मानते हुए परिवाद की कार्यवाही उसके विरूद्ध एकपक्षीय रूप से की गयी। जिला फोरम द्वारा परिवादी को सुनकर उपरोक्त उल्लिखित प्रश्नगत आदेश पारित किया गया।
जिला फोरम के निर्णय से क्षुब्ध होकर परिवाद के अपीलार्थी/विपक्षी Shriram General Insurance Company Limited. ने यह अपील प्रस्तुत की है।
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री दिनेश कुमार उपस्थित हुए। प्रत्यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री राम गोपाल उपस्थित हुए।
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पीठ द्वारा उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्ताओं के तर्क को सुना गया और आक्षेपित निर्णय, आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का अवलोकन किया गया।
अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित आदेश साक्ष्य और विधि के विरूद्ध है तथा उसे सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया है अत: अपील स्वीकार करते हुए जिला फोरम का निर्णय और आदेश अपास्त किया जाए।
प्रत्यर्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय साक्ष्य और विधि के अनुसार सही है। इसलिए अपील निरस्त करते हुए जिला फोरम द्वारा पारित आदेश की पुष्टि की जाए।
पत्रावली के अवलोकन से यह विदित होता है कि प्रत्यर्थी/अपीलार्थी द्वारा रू0 738/- प्रीमियम अदा करके रू0 19,057/- का बीमा कराया गया था जो दिनांक 19-10-2012 से दिनांक 10-10-2013 तक के लिए वैघ था और बीमा अवधि में ही वाहन चोरी हो गया। अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा बीमित धनराशि प्रत्यर्थी/परिवादी को अदा नहीं की गयी जिसे सेवा में कमी मानते हुए जिला फोरम ने रू0 44,057/- अदा करने का आदेश विपक्षी को दिया है। विद्धान जिला फोरम द्वारा इस तथ्य का संज्ञान नहीं लिया गया कि बीमित धनराशि रू0 19,057/- ही थी परन्तु जिला फोरम ने रू0 44,057/- का अनुतोष स्वीकार कर त्रुटि की है। साक्ष्यों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि वाहन का बीमित मूल्य रू0 19,057/- है। चोरी की दशा में परिवादी बीमित राशि पाने का अधिकारी है। इसके साथ ही जिला फोरम द्वारा जो 07 प्रतिशत ब्याज दिलाया गया है उसे संशोधित करते हुए 06 प्रतिशत किया जाना न्यायोचित है। तद्नुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी से प्रत्यर्थी/परिवादी को रू0 19,057/- मय 06 प्रतिशत ब्याज सहित वाद योजन की तिथि दिनांक 01-11-2013 से वास्तविक भुगतान की तिथि तक दिलाया जाना न्यायोचित है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश को संशोधित करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी को आदेशित
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किया जाता है कि वह प्रत्यर्थी/परिवादी को बीमित धनराशि रू0 19,057/- दिनांक 01-11-2013 से वास्तविक भुगतान की तिथि तक मय 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित निर्णय से दो माह के अदंर अदा करें।
निर्णय की प्रति उभयपक्ष को नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
(राज कमल गुप्ता) (महेश चन्द)
पीठासीन सदस्य सदस्य
कोर्ट नं0-3 प्रदीप मिश्रा, आशु0