जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्री मुन्ना लाल लोढ़ा पुत्र श्री तेजमल लोढ़ा, निवासी- आजाद मौहल्ला, भिनाय, जिला-अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
1. आत्मिका इंडेन,बांदनवाड़ा रोड़, भिनाय, जिला-अजमेर ।
2. इंडियन आॅयल काॅरपोरेषन, 6-9 अलीयावर जंग मार्ग, ब्रान्द्रा (ई), मुम्बई
3. यूनाईटेड इण्डिया इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड़, महावीर बाजार, सब्जीमंडी चैराहा, विजयनगर, जिला-अजमेर ।
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 487/2013
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री सूर्यप्रकाष गांधी, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री एस.एन. हावा, अधिवक्ता अप्रार्थी सं.1
3.श्री एस.के.सेठी, अधिवक्ता अप्रार्थी सं.2
4.श्री जी.एल.अग्रवाल, अधिवक्ता अप्रार्थी सं.3
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 20.09.2016
1. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि उसके द्वारा अप्रार्थी संख्या 2 इंडेन कम्पनी का डीबीसी गैस कनेक्षन जो अप्रार्थी संख्या 1 से जरिए उपभोक्ता क्रमांक ए-138 के लिए हुआ था, जिसका एक गैस सिलेण्डर नं. 298833 दिनंाक 4.9.2012 को सप्लाई किया गया , दिनंाक
23.9.2012 की रात को गैस लीकेज होने के कारण उसमें आग लग गई और देखते ही देखते जोरदार धमाकेे के साथ सिलेण्डर फट गया । जिससे उसके मकान व दुकान में रखा सभी सामान जल कर नष्ट हो गया और मकान की छत की पट्टियां टूटकर बिखर गई । इसकी सूचना उसने दूसरे दिन दिनंाक
24.9.2012 को प्रात 8.15 पर पुलिस थाना भिनाय पर दी तथा अप्रार्थी संख्या 1 को घटना की सूचना देते हुए जिला कलेक्टर व उपखण्ड अधिकारी को भी सूचित किया और घटना की जांच कराकर हुए नुकसान का मुआवजा दिलवाने की मांग की । यहीं मांग उसने अप्रार्थी संख्या 1 से की तो उसने आग से होने वाली क्षति का अप्रार्थी संख्या 3 बीमा कम्पनी से बीमा होने की बात कहते हुए क्लेम अप्रार्थी संख्या 3 के समक्ष पेष करने की सलाह दी । तत्पष्चात् उसने अपा्रर्थी संख्या 3 के समक्ष आवष्यक औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए राषि रू. 3,99,000/- का क्लेम पेष किया । बावजूद नोटिस दिनांक 11.3.2013 के भी क्लेम राषि का भुगतान नहीं कर अप्रार्थीगण ने सेवादोष कारित किया है । प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।
2. अप्रार्थी संख्या 1 ने जवाब प्रस्तुत करते हुए दर्षाया है कि तथाकथित घटना दिनंाक 23.9.2012 की उसे कोई जानकारी नही ंहै । अन्य स्त्रोतों से सूचना प्राप्त होने पर उसके द्वारा यूनाईटेड इण्डिया इंष्योरेंस कम्पनी से दिनंाक 7.12.2011 से 6.12.2012 तक ली गई एलपीजी डीलर्स पैकेज पाॅलिसी के तहत अप्रार्थी बीमा कम्पनी व इण्डियन अॅायल कम्पनी को इसकी सूचना दे दी गई थी । प्रार्थी को क्लेम प्रस्तुत करवाने में पूर्ण सहयोग दिया गया ।
अप्रार्थी का यह भी कथन है कि प्रार्थी ने गैस रीफिल वाउचर पर आपातकालीन मोबाईल नम्बरों पर इस संबंध में कोई सूचना नहीं देकर सहायता प्राप्त नहीं की । प्रार्थी ने गैस लीक होने की स्थिति में मैकेनिक को बुलाकर लीकेज को ठीक नहीं करवाया है । अप्रार्थी संख्या 1 का कार्य मात्र अप्रार्थी संख्या 2 द्वारा रीफिल कर दिए गए सिलैण्डर को मांग अनुसार निर्धारित प्रक्रिया में ग्राहकों को दिए जाने का कार्य किया जाता है । किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी अप्रार्थी संख्या 2 व 3 की है । अप्रार्थी संख्या 1 के स्तर पर कोई सेवा में कमी नहीं की गई। अन्त में परिवाद निरस्त किए जाने की प्रार्थना करते हुए आम्बिका जगधारी, प्रापराईटर का ष्षपथपत्र पेष किया है ।
3. अप्रार्थी संख्या 2 ने जवाब प्रस्तुत करते हुए दर्षाया है कि कम्पनी पाॅलिसी के तहत तथाकथित दुर्घटना की जानकारी अप्रार्थी संख्या 1 डीलर ने उत्तरदाता को नहीं दी और यदि सूचना प्राप्त होती तो उत्तरदाता अप्रार्थी कम्पनी की गाईड लाईन के अनुसार उक्त दुर्घटना की सम्पूर्ण जांच करवाता । पूर्ण जांच के बाद ही सिलेण्डर वितरक को दिया जाता है । उसके बाद वितरक भी उपभोक्ता को सप्लाई किए जाने से पूर्व अपने यहां सिलेण्डर की पूर्ण जांच करवाता है और जांच के बाद ही उपभोक्ता को सप्लाई करता है । अन्त में परिवाद निरस्त किए जाने की प्रार्थना की है । जवाब के समर्थन में वाई. सुभाष डिप्टी मैनेजर ने अपना ष्षपथपत्र पेष किया है ।
4. अप्रार्थी संख्या 3 ने जवाब प्रस्तुत कर दर्षाया है कि उनके समक्ष बीमा दावा प्रस्तुत होने पर श्री खुष कुमार उबाणा सर्वेयर द्वारा दी गई रिपोर्ट दिनंाक 23.12.2012 के अनुसार 77,340/- की क्षति कारित हुई थी एवं साल्वेज वेल्यू के रू. 2500/- थे किन्तु प्रार्थी के घर पर घटित हुई कथित घटना से क्षति की कोई रिस्क बीमा पाॅलिसी के तहत कवर नहीं होती है इसलिए प्रार्थी उक्त मुआवजा राषि प्राप्त करने का अधिकारी नही ंहै । अन्त में परिवाद निरस्त किए जाने की प्रार्थना करते हुए चन्द्रकला जिरोतिया, सहायक प्रबन्धक का ष्षपथपत्र पेष हुआ है ।
5. प्रार्थी पक्ष का तर्क रहा है कि उसके द्वारा अप्रार्थी संख्या 1 व 2 से नियमित इण्डेन गैस कनेक्षन लिए जाने व गैस सिलेण्डर की सप्लाई के बाद एक सिलेण्डर के खत्म होने पर दूसरा सिलेण्डर लगाए जाने पर गैस लीकेज होने के कारण लगी आग से हुए नुकसान बाबत् पाॅलिसी होने के बावजूद एंव अप्रार्थी संख्या 1 को सूचना दिए जाने के बावजूद क्लेम राषि अदा नहीं करते हुए सेवा में कमी की गई है ।
6. अप्रार्थी संख्या 1 की ओर से खण्डन में गैस लीकेज से हुए क्षति को प्रार्थी की लापरवाही बताया । प्रार्थी द्वारा उक्त तथाकथित घटना की सूचना नहीं दिए जाने व यह सूचना अन्य स्त्रोतों से प्राप्त होने पर इसकी सूचना बीमा कम्पनी को व इण्डियन आयल कारपोरेषन को दी गई थी । चूंूंकि अप्रार्थी संख्या 1 ने एलपीजी डीलर पैकेज पाॅलिसी ले रखी थी तथा इस बाबत् सूचना बीमा कम्पनी को भी दे दी गई थी । इन हालात में यदि किसी प्रकार का कोई मुआवजा प्राप्त करने का अधिकारी प्रार्थी है तो इसका उत्तरदायित्व अप्रार्थी संख्या 2 व 3 का है । यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि गैस सिलेण्डर अप्रार्थी संख्या 2 के प्लांट पर रिफील किया जाता है व इससे पूर्व प्रत्येक सिलेण्डर को भली भांति चैक किया जाता है । इसके बावजूद भी यदि किसी प्रकार षिकायत रहती है तो इसके लिए अप्रार्थी संख्या 2 जिम्मेदार है ।
7. अप्रार्थी संख्या 2 की ओर से तर्क प्रस्तुत किया गया कि तथाकथित दुर्घटना की जानकारी अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा अप्रार्थी संख्या 2 को नहीं दी गई । यदि उक्त सूचना दी गई होती तो इस दुर्घटना की सम्पूर्ण जांच करवाई जाकर कम्पनी के प्रोडेक्ट से यदि किसी प्रकार का कोई नुकसान हुआ होता तो उक्त नुकसान की भरपाई बीमा कम्पनी से करवाई जा सकती थी ।
8. अप्रार्थी संख्या 3 का तर्क रहा है कि जिस प्रकार की घटना घटित होना अभिकथित है व जो क्षति हुई है उसकी कोई रिस्क बीमा पाॅलिसी के तहत कवर नहीं होती है । अतः बीमा कम्पनी का कोई दायित्व नहीं बनता है । चूंकि प्रार्थी के घर पर घटित हुई कथित घटना से हुई क्षति की कोई राषि बीमा पाॅलिसी के तहत कवर नहीं होती है, अतः प्रार्थी मुआवजा रााषि प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है । सिलेण्डर के प्रयोग के संबंध में स्वयं प्रार्थी ने लापरवाही बरती है इसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार है और इस कारण से वह किसी प्रकार का मुआवजा प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है ।
9. हमने परस्पर तर्क सुने हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है ।
10. यह स्वीकृत तथ्य है कि प्रार्थी द्वारा अप्रार्थी संख्या 1 से अप्रार्थी संख्या 2 का इण्डेन एलपीजी डीबीसी गैस कनेक्षन प्राप्त किया गया व उसे दिनंाक 4.9.2012 को अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा गैस सिलेण्डर सप्लाई किया गया । दिनांक 23.9.2012 को प्रार्थी के निवास स्थान पर गैस सिलेण्डर के कारण दुर्घटना घटित हुई व उसके मकान व दुकान में आग लगने के कारण क्षति हुई । जहां तक दुर्घटना की सूचना नहीं दिए जाने बाबत् तर्क का प्रष्न है, अप्रार्थी संख्या 1 ने अपने जवाब में यह स्वीकार किया है कि दिनंाक 23.9.2012 की घटना की सूचना अन्य स्त्रोतों से प्राप्त होने पर उसके द्वारा घटना की सूचना यूनाईटेड इण्डिया इन्ष्योरेंस कम्पनी व इण्डियन आॅयल कारपोरेषन को दे दी गई थी । इसी क्रम में बीमा कम्पनी अप्रार्थी संख्या 3 ने यह स्वीकार किया है कि क्लेम प्रापत होने पर क्षति का आंकलन करने हेतु उनके द्वारा सर्वेयर एण्ड वेल्यूअर(लाॅस एसेसर) को नियुक्त किया गया था तथा उसने जांच कर अपनी रिपेार्ट दी थी । जिसके अनुसार कथित घटना से प्रार्थी को हानि हुई वह रू. 77,430/- थी । अतः इन तथ्यों से यह स्वीकृत स्थिति सामने आती है कि प्रार्थी के यहां उक्त घटना घटित होने पर अप्रार्थीगण को इसकी समय पर सूचना दी गई और यह सूचना उन्हें प्राप्त हो गई । इस संबंध में जो आपत्ति उठाई गई है कि प्रार्थी द्वारा घटना की सूचना नही ंदी गई स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है ।
11. अब प्रमुख प्रष्न घटना घटित होने के बाद हुई क्षति व क्षतिपूर्ति के लिए जिम्मेदारी से संबधित है । अप्रार्थी संख्या 1 डीलर की ओर से इस संबंध में एक बीमा पाॅलिसी एलपीजी डीलर पैकेज पाॅलिसी लेना बताया गया है व इसके तहत मुआवजा प्राप्त करने के लिए उत्तरदायित्व डीलर का बनता है तथा इसके लिए अप्रार्थी संख्या 2 व 3 को जिम्मेदार बताया गया है । पत्रावली में यह बीमा पाॅलिसी उपलब्ध है । इसके संबंध में अप्रार्थी संख्या 3 बीमा कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुत किया है कि इस पाॅलिसी की ष्षर्तो के तहत प्रार्थी पक्ष को हुए नुकसान का रिस्क कवर नहीं होता है । इस संबंध में उन्होने पाॅलिसी की च्नइसपब स्पंइपसपजपमे ज्ण्च् की ओर मंच का ध्यान आकर्षित किया है । हमने इस पर विचार किया । यह पाॅलिसी डीलर अप्रार्थी संख्या 1 के द्वारा ऐसी आकस्मिक घटना के घटित होने पर रिस्क से संबंधित है जिनका उल्लेख पालिसी में किया गया है । इसी पाॅलिसी की क्रम संख्या 8 में च्नइसपब स्पंइपसपजपमे ज्ण्च् को सम्मिलित किया गया है । जिसके तहत रू. 10 लाख की रिस्क कवर का समावेष किया गया है । हम इस संबंध में अप्रार्थी बीमा कम्पनी के इन तर्को से सहमत नहीं है कि इस च्नइसपब स्पंइपसपजपमे ज्ण्च् के अन्तर्गत प्रार्थी के यहां घटित घटना में हुए नुकसान की क्षति रिस्क के रूप में कवर नहीं होती है । जहां ’’च्नइसपब स्पंइपसपजपमेश् षब्द प्रयुक्त किया गया है वहां पर उपभोक्ता के कब्जे में वैधानिक रूप से इन्स्टाल किए गए गैस सिलेण्डर सें किसी प्रकार की कोई घटना घटित होती है तो इसके लिए उक्त रिस्क कवर मानते हुए बीमा कम्पनी की तदनुसार जिम्मेदार मानी जाएगी । प्रार्थी पक्ष की ओर से एक अन्य पाॅलिसी च्नइसपब स्पंइपसपजपमे च्वसपबल वित व्पस प्दकनेजतपमे की ओर मंच का ध्यान आकर्षित किया गया है । इसके तहत यदि उपभोक्ता के रजिस्टर्ड परिसर में कोई घटना घटित होती है तो इसके लिए हुए नुकसान का रिस्क कवर मानते हुए भी बीमा कम्पनी का दायित्व निर्धारित किया गया है ।
12. चूंकि बीमा कम्पनी द्वारा प्रार्थी के क्लेम प्रस्तुत किए जाने पर सर्वेयर नियुक्त किया जाकर उसकी रिपोर्ट के अनुसार रू. 77, 430/- एवं साल्वेज वेल्यू के रू. 2500/- लगभग रू. 80,000/- का नुकसान का आंकलन किया है । अतः मंच की राय में इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए एक मुष्त कुल राषि रू. 1,00,000/- की हद तक प्रार्थी का दावा स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
13. (1) प्रार्थी अप्रार्थीगण से संयुक्त रूप से अथवा पृथक पृथक रूप से हुई क्षति पेटे रू. 1,00,000/- आदेष की तिथि से तदायगी 9 प्रतिषत वार्षिक ब्याज सहित प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थीगण से संयुक्त रूप से अथवा पृथक पृथक रूप से ं परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/- भी प्राप्त करने के अधिकारी होगा ।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थीगण संयुक्त रूप से अथवा पृथक पृथक रूप से प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 20.09.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष