(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-116/2010
U.P. Power Corporation Ltd & other
Versus
Atiqur Rahman S/O Habibur Rahman
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री मोहन अग्रवाल, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित:- कोई नहीं
दिनांक :24.09.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- परिवाद संख्या-48/2004, अतिकुर्ररहमान बनाम उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लिमिटेड व अन्य में विद्वान जिला आयोग, बहराइच द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 14.12.2009 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
- जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए निम्नलिखित आदेश पारित किया है:-
- प्रश्नगत विद्युत कनेक्शन से संबंधित निर्गत बिलों को निरस्त कर दें और संशोधित बिल जारी करे, जिसमें अधिभार राशि अधिरोपित न की जाए तथा फिक्सड चार्ज दर से बिल राशि की वसूली की जाए।
- समाधान योजना के अंतर्गत जमा राशि 1,000/-रू0 अवशेष राशि में समायोजित की जाए और 2,000/-रू0 मानसिक प्रताड़ना के मद में अदा करें।
- पत्रावली के अवलोकन से ज्ञात होता है कि परिवादी द्वारा ओ0टी0एस0 योजना के अंतर्गतपंजीकरण कराया था और हजार रूपये जमा किया गया था। ओ0टी0एस0 योजना में परिवादी का बिल भी सुनिश्चित कर दिया गया था, परंतु परिवादी द्वारा ओ0टी0एस0 योजना के अंतर्गत संशोधित किये गये बिल को जमा नहीं किया गया, इसलिए स्वयं परिवादी द्वारा ओ0टी0एस0 योजना का लाभ नहीं उठाया गया। अत: इस योजना का लाभ लेने के लिए पंजीकरण राशि बिल राशि में समायोजित नहीं की जा सकती थी। इस संबंध में पारित किया गया आदेश विधि-विरूद्ध है। चूंकि परिवादी पर विद्युत कनेक्शन बकाया स्वयं जिला उपभोक्ता आयोग ने स्वीकार किया है इसलिए बकाया राशि पर अधिभार लगाना विद्युत विभाग का वैधानिक अधिकार है। जिला उपभोक्ता आयोग को यह अधिकार नहीं है कि अधिभार से संबंधित राशि को विद्युत बिल में समायोजित न करने का आदेश पारित करे। इस प्रकृति का आदेश विद्युत विभाग के विद्युत वसूली के अधिकार को प्रभावित करता है, जिसके कारण विद्युत विभाग पर आर्थिक भार पड़ता है। अत: यह सम्पूर्ण निर्णय/आदेश अपास्त होने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्त किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2