Rajasthan

Kota

CC/157/2008

Anita prajapati - Complainant(s)

Versus

Assitance Engineer, JVVNL - Opp.Party(s)

Dayaram sen

23 Jul 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, मंच, झालावाड केम्प कोटा ( राजस्थान )

पीठासीनः- 

01.    नंदलाल शर्मा    ः    अध्यक्ष  
02.    महावीर तंवर    ः    सदस्य

परिवाद संख्या:-157/08

 श्रीमती अनिता पत्नी रामस्वरूप प्रजापति  निवासी रंगबाडी कच्ची बस्ती,  कोटा, राजस्थान।                                         परिवादिया

                    बनाम

01.    सहायक अभियन्ता, (अ. प्रथम) जयपुर विद्युत वितरण निगम लि0 कोटा राजस्थान।  
02.    अधीक्षण अभियन्ता, जयपुर विद्युत वितरण निगम लि0, जयपुर, राजस्थान।                                                                                             अप्रार्थीगण

    प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986

उपस्थिति:-

01.    श्री दया राम सेन, अधिवक्ता,परिवादिया की ओर से ं।
02.    श्री एस0बी0 भार्गव, अधिवक्ता, अप्रार्थीगण की ओर से।

            निर्णय             दिनांक 23.07.2015

    परिवादिया का यह परिवाद जिला मंच कोटा से स्थानान्तरण होकर वास्ते निस्तारण जिला मंच, झालावाड, केम्प कोटा को प्राप्त हुआ, जिसमें अंकित किया कि  उसने अपने रंगबाडी, कोटा स्थित मकान के विद्युत कनेक्शन हेतु दिनांक 09.03.07 को अप्रार्थी सं. 1 के यहाॅ आवेदन किया तथा समस्त डिमांड राशि 2,350/- रूपये, जमा कराई। अप्रार्थीगण के द्वारा परिवादिया को डिमांड राशि जमा कराने के तीन माह के अंदर उक्त कनेक्शन विद्युत नियमों के अनुसार दे देना चाहिये था। लेकिन अप्रार्थीगण ने उक्त विद्युत कनेक्शन नही देकर विद्युत नियमों का उल्लधंन किया है। दिनांक 04.10.07 को परिवादिया को अप्रार्थी सं. 1 के कार्यालय से नोटिस भेजा, जिसमें उल्लेख किया गया कि परिवादिया के द्वारा आर्मड केबिल  (सर्विस लाईन)की फिटिंग नहीं करवा रखी है। एवं नोटिस की मद सं. 4 जोडकर पूर्व कनेक्शन खाता सं. 39/30 की बकाया रकम 28,207/- रूपये मय ब्याज जमा करवाने की हिदायत दी गई। जबकि परिवादिया उक्त राशि को जमा कराने की जिम्मेदार नहीं है। परिवादिया ने दिनांक 07.12.06 को मकान खरीद किया था। परिवादिया उस समय अप्रार्थीगण की उपभोक्ता ही नही थी। परिवादिया ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कानूनी नोटिस दिलवाया, जिसमें अंकित किया कि आप पूर्व उपभेाक्ता अंकुश पुत्र भवानीशंकर निवासी रंगबाडी कोटा से उक्त बकाया राशि वसूल कर सकते है। अप्रार्थी सं. 1 ने दिनांक 04.10.07 को परिवादिया को नोटिस भेजा उसमें अप्रार्थी सं. 1 के हस्ताक्षर नहीं है और ना ही क्रमांक नम्बर है। अप्रार्थीगण ने परिवादिया के द्वारा डिमांड राशि जमा कराने के बाद भी आज तक विद्युत कनेक्शन न देकर उसकी सेवा में कमी की है, इसलिये अप्रार्थीगण से परिवादिया को उसके निवास पर विद्युत कनेक्शन दिलवाया जावे तथा मानसिक क्षति, परिवाद खर्च तथा पूर्व उपभोक्ता की राशि को निरस्त की जावे।  

     अप्रार्थीगण ने परिवादिया के परिवाद का विरोध करते हुये जवाब पेश किया उसमें अंकित किया कि परिवादिया, अप्रार्थी की उपभोक्ता नहीं है। उपभोक्ता द्वारा 28,207/- रूपये जमा नहीं करवाये गये है और अभी भी बकाया है। परिवादिया ने दिनांक 07.12.06 को उक्त मकान खरीद किया तथा दिनांक 09.03.07 को आवेदन प्रस्तुत किया। इस दौरान मालिकाना कब्जा आवेदक के पास था। परिवादिया बकाया राशि जमा कराये बिना कोई लाभ प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। परिवादिया का परिवाद सव्यय खारिज किया जावे।  

    उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-

01.    आया परिवादिया अप्रार्थीगण की उपभोक्ता है ?

    उभय पक्षों को सुनने, पत्रावली में उपलब्ध रेकार्ड का अध्य्यन अवलोकन करने से यह स्पष्ट होता है कि परिवादिया ने दिनांक 07.12.06 को कच्ची बस्ती रंगबाडी कोटा में कन्हैयालाल पुत्र रामबिलास से मकान खरीद किया और दिनांक 09.03.07 को उसी मकान के लिये विद्युत कनेक्शन लेने के लिये अप्रार्थीगण के यहाॅ आवेदन किया और डिमांड राशि 2,350/- रूपये अप्रार्थी सं. 1 के यहाॅ जमा कराये, इसलिये परिवादिया, अप्रार्थीगण की उपभोक्ता है।  

02.    आया अप्रार्थीगण ने सेवा दोष किया है ?

    उभय पक्षों को सुना गया। पत्रावली में उपलब्ध दस्तावेजी रेकार्ड का अवलोकन किया गया तो स्पष्ट हुआ कि अप्रार्थीगण ने परिवादिया को अप्रार्थी सं. 1 नोटिस दिनांकित 04.10.07 को भेजा उसमें मद सं. 4 के समाप्त होने पर उसके नीचे हाथ से अंकित किया कि पूर्व कनेक्शन खाता सं. 39/30 की बकाया रकम रूपये 28,207/- रूपये व ब्याज जमा होने पर ही कनेक्शन होगा। परिवादिया  ने अपने परिवाद व अप्रार्थीगण को जो कानूनी नोटिस भेजा उसमें अंकित किया कि अप्रार्थीगण द्वारा बकाया निकाली गई राशि पूर्व उपभोक्ता अंकुश पुत्र भवानीशंकर निवासी रंगबाडी कोटा से वसूल कर सकते है क्योकि वह उस समय अप्रार्थीगण की उपभोक्ता नही थी। अप्रार्थीगण ने उक्त तर्क का खंडन करते हुये निवेदन किया कि परिवादिया ने उक्त आवास दिनांक 07.12.06 को खरीदा है और दिनांक 09.03.07 को उक्त आवास में विद्युत कनेक्शन के लिये आवेदन किया है इस प्रकार अप्रार्थीगण द्वारा मांगी गई उक्त राशि उक्त अवधि की है, जिसे जमा कराने के लिये परिवादिया जिम्मेदार है। परिवादिया ने अपने परिवाद में यह भी अंकित नहीं किया कि उसने जो आवास दिनांक 07.12.06 को खरीदा उसमें उस समय विद्युत कनेक्शन नही था या विद्युत संबंध विच्छेद था, इसका मतलब है कि परिवादिया ने मकान खरीदा उस समय उस मकान में अप्रार्थीगण के द्वारा दिया गया विद्युत कनेक्शन चालू हालत में था और परिवादिया ने दिनांक 07.12.06 से दिनांक 09.03.07 तक जिस दिन उसने उक्त आवास में विद्युत कनेक्शन के लिये आवेदन किया उस समय तक उसका उपयोग उपभोग किया और उसका ही बिल अप्रार्थीगण ने परिवादिया को भेजा। परिवादिया ने अपने परिवाद में यह भी अंकित नहीं किया उसने जो आवास खरीदा उसमें विद्युत कनेक्शन था और उसने उसकी विद्युत का उपयोग उपभोग नहीं किया। परिवादिया ने पहले वाले विद्युत कनेक्शन का उपयोग उपभोग किया तथा जब उक्त बकाया राशि  के बारे में ज्ञान हुआ तब नये विद्युत कनेक्शन के लिये आवेदन कर दिया। परिवादिया को उक्त आवास खरीदने से पहले चाहिये था कि उक्त आवास के विद्युत कनेक्शन के संबंध में अप्रार्थीगण से जानकारी करनी चाहिये थी कि उक्त आवास के कनेक्शन के पेटे कोई राशि बकाया तो नहीं है जो मकान के बेचने वाले के नाम पर निकल रही हो और उसने वह राशि जमा नहीं कराई जो मकान खरीदने के बाद खरीददार को जमा करनी पड सकती है और बिना उक्त राशि जमा कराये उसे अन्य या नया विद्युत कनेक्शन नहीं मिल पाये। परिवादिया ने अपने तर्को की पुष्टि के लिये न्यायिक दृष्टान्त भाग 3 (1995)सी पी जे 157 पेश किया , उक्त न्यायिक दृष्टान्त में उपभोक्ता ने पावर प्रेस को इंस्टाल कर रखा था और अप्रार्थीगण ने अतिरिक्त राशि की मांग की थी, वर्तमान प्रकरण में आवास के पूर्व विद्युत कनेक्शन की बकाया राशि का मामला है, इस लिये वर्तमान प्रकरण में कोई प्रकाश प्राप्त नहीं होता। उपरोक्त विवेचन, विश्लेषण को दृष्टिगत रखते हुये परिवादिया अप्रार्थीगण का सेवा दोष साबित नहीं कर सकी।      
03.    अनुतोष ?

    परिवादिया का परिवाद, अप्रार्थीगण के खिलाफ खारिज किये जाने योग्य है। 
 
                     आदेश 

     परिवादिया श्रीमती अनिता का परिवाद, अप्रार्थीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है।  परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे। 


     (महावीर तंवर)                (नंदलाल शर्मा)
        सदस्य                       अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा           मंच, झालावाड, केम्प कोटा।
    निर्णय आज दिनांक 23.07.2015 को खुले मंच में लिखाया जाकर सुनाया गया।

   सदस्य                              अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा            मंच, झालावाड, केम्प कोटा।

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