(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1687/2010
Sub Post Master & others
Versus
Ashwani Kumar Son of Sri Subhash Chandra & others
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित: डॉ0 उदय वीर सिंह के कनिष्ठ
अधिवक्ता श्री श्रीकृष्ण पाठक
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :09.01.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-43/2006, अश्वनी कुमार बनाम सब पोस्ट मास्टर व अन्य में विद्वान जिला आयोग, गाजियाबाद द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 27.08.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर अपीलार्थीगण के विद्धान अधिवक्ता डा0 उदय वीर सिंह के कनिष्ठ अधिवक्ता श्री श्रीकृष्ण पाठक को सुना गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता मंच द्वारा अंकन 100/-रू0 डाक विभाग के माध्यम से प्राप्तकर्ता को प्राप्त न होने पर अंकन 25,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश परिवादी के पक्ष में पारित किया है।
3. अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि अंकन 100/-रू0 की राशि परिवादी को वापस लौटा दी गयी और देरी से पोस्टर आर्डर/मनी आर्डर प्राप्त न होने के आधार पर विभाग के विरूद्ध क्षतिपूर्ति का आदेश तब तक पारित नहीं किया जा सकता जब तक यह साबित न किया जाये कि आशयपूर्वक ऐसा किया गया है। पोस्ट आफिस अधिनियम 1998 की धारा 6 में भी यह व्यवस्था दी गयी है। परिवादी ने परिवाद पत्र में कहीं पर भी यह उल्लेख नहीं किया गया है कि विपक्षी के कर्मचारियों द्वारा आशयपूर्वक मनी आर्डर को समय पर नहीं पहुंचाया है। इस व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए केवल संबंधित धनराशि एवं डाक खर्च को वापस लौटाने का आदेश दिया जाना चाहिए था। अत: जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश तदनुसार परिवर्तित होने योग्य है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि परिवादी को केवल मनी आर्डर की राशि एवं डाक में खर्च होने वाली राशि वापस लौटायी जाये। शेष निर्णय/आदेश पुष्ट किया जाता है और यदि धनराशि परिवादी को वापस प्राप्त करा दी गयी है तो वह समायोजित की जाए।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3