(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील सं0- 186/2018
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम कोर्ट नं0- 1, गाजियाबाद द्वारा परिवाद सं0- 185/2012 में पारित निर्णय और आदेश दि0 16.12.2013 के विरूद्ध)
Bajaj allianz general insurance company ltd. Moti nagar, New Delhi, Through Branch office Bajaj Allianz general insurance company ltd. 4th floor Halwasia commerce house, Habibullah estate 11, M.G., Marg Hazratganj Lucknow (U.P.) through its Officer In-charge.
……Appellant
Versus
Ashok kumar jain S/o Late Sikhar Chandra jain r/o-B-185, Ashok nagar, Ghaziabad.
……Respondent
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री दिनेश कुमार के सहयोगी
श्री आनंद भार्गव,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक:- 14.02.2020
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
आदेश
परिवाद सं0- 185/2012 अशोक कुमार जैन बनाम बजाज अलियांज जनरल इंश्योरेंस कं0लि0 में जिला फोरम कोर्ट नं0- 1, गाजियाबाद द्वारा पारित निर्णय और आदेश दि0 16.12.2013 के विरूद्ध यह अपील धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत परिवाद के विपक्षी की ओर से राज्य आयोग के समक्ष अपील हेतु निर्धारित समय-सीमा के बाद विलम्ब माफी प्रार्थना पत्र के साथ प्रस्तुत की गई है।
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विलम्ब माफी प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रस्तुत शपथ पत्र में अपील प्रस्तुत करने में विलम्ब का कारण यह बताया गया है कि आक्षेपित निर्णय की नि:शुल्क प्रमाणित प्रतिलिपि दि0 18.12.2013 को अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता ने प्राप्त करने के पश्चात इसे अपीलार्थी के दिल्ली ऑफिस को भेजा, परन्तु उस समय अपीलार्थी का दिल्ली ऑफिस शिफ्ट किया गया था। सभी केस फाइलें मिसप्लेस हो गई थीं। इस कारण दिल्ली ऑफिस मुख्यालय पूना को फाइलें प्रेषित नहीं कर सका। दिसम्बर 2018 में जब दिल्ली कार्यालय को पत्रावली मिली तब अपील हेतु अप्रूवल प्राप्त किया गया और ड्राफ्ट दि0 11.01.2017 को तैयार कराया गया तथा अपील प्रस्तुत की गई।
प्रत्यर्थी पर नोटिस का तामीला पर्याप्त माना गया है, फिर भी प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है और न ही विलम्ब माफी प्रार्थना पत्र के विरुद्ध कोई आपत्ति प्रस्तुत की गई है।
विलम्ब माफी प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री दिनेश कुमार के सहयोगी श्री आनंद भार्गव उपस्थित आये हैं।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि अपीलार्थी का दिल्ली कार्यालय शिफ्ट किये जाने के कारण पत्रावली मिसप्लेस हो गई थी। इस कारण अपील समय से प्रस्तुत नहीं की जा सकी है।
उल्लेखनीय है कि अपील में धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत जमा धनराशि हेतु जो ड्राफ्ट प्रस्तुत किया गया है वह दि0 11.01.2018 को एच0डी0एफ0सी0 बैंक द्वारा जारी किया गया है।
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अत: विलम्ब माफी प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रस्तुत शपथ पत्र में ड्राफ्ट दि0 11.01.2017 को तैयार कराये जाने की अंकित तिथि आकस्मिक त्रुटि प्रतीत होती है।
मैंने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के तर्क एवं विलम्ब माफी प्रार्थना पत्र तथा उसके समर्थन में प्रस्तुत श्री हरप्रीत के शपथ पत्र पर विचार किया है।
मैंने आक्षेपित निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का भी अवलोकन किया है।
परिवाद सं0- 185/2012 अशोक कुमार जैन बनाम बजाज अलियांज जनरल इंश्योरेंस कं0लि0 में दि0 16.12.2013 को निर्णय व आदेश पारित किया गया है। परिवाद में अपीलार्थी/विपक्षी की ओर से लिखित कथन व साक्ष्य प्रस्तुत किया गया है। परिवाद में आक्षेपित निर्णय व आदेश जिला फोरम ने उभय पक्ष को सुनकर पारित किया है और आक्षेपित निर्णय व आदेश की प्रति जिला फोरम ने अपीलार्थी/विपक्षी को दि0 18.12.2013 को ही उपलब्ध करा दिया है, परन्तु अपील दि0 30.01.2018 को करीब चार साल से भी अधिक समय के बाद प्रस्तुत की गई है। अपील प्रस्तुत करने में विलम्ब का अपीलार्थी की ओर से बताया गया कारण विश्वसनीय प्रतीत नहीं होता है। जब वर्ष 2013 में ऑफिस शिफ्ट होने के कारण पत्रावली मिसप्लेस हो गई थी तो चार साल बाद पत्रावली कैसे मिली यह अपीलार्थी ने स्पष्ट नहीं किया है। अपील प्रस्तुत करने में विलम्ब का कथित कारण बनावटी प्रतीत होता है।
सम्पूर्ण तथ्यों व परिस्थितियों पर विचार करने के उपरांत मैं
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इस मत का हूँ कि अपील प्रस्तुत करने में इतने लम्बे विलम्ब को क्षमा कर अपील ग्रहण किये जाने हेतु उचित और युक्तिसंगत आधार नहीं है। अत: विलम्ब माफी प्रार्थना पत्र अस्वीकार किया जाता है और अपील कालबाधा के आधार पर निरस्त की जाती है।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 1