राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
अपील संख्या-४८२/२०१९
(जिला मंच, मेरठ द्वारा परिवाद सं0-२६७/२१५ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १३-०६-२०१८ के विरूद्ध)
रजिस्ट्रार डॉ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम टेक्नीकल यूनीवर्सिटी, उत्तर प्रदेश, सैक्टर-११, जानकीपुरम विस्तार योजना, लखनऊ-२२६०३१(Previously known as Uttar Pradesh Technical University & wrongly mentioned as Registrar Technical University, Uttar Prades, Lucknow in the Memo of Complaint)
...............अपीलार्थी/विपक्षी सं0-२.
बनाम
१. अशोक कुमार पुत्र श्री जिलक्टर सिंह निवासी ग्राम बफावत, पोस्ट दौराला, तहसील सरधना, थाना दौराला, जिला मेरठ। .................... प्रत्यर्थी/परिवादी।
२. रजिस्ट्रार/कन्सर्न्ड आफीसर, नीलकण्ठ इन्स्टीट्यूट आफ टेक्लानॉलॉजी, मोदीपुरम, मेरठ।
.................... प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-१.
समक्ष:-
१.मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य ।
२.मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :- श्री राम गोपाल एवं श्री तेज सिंह विद्वान अधिवक्तागण।
प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित :- प्रत्यर्थी श्री अशोक कुमार स्वयं।
प्रत्यर्थी सं0-२ की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।
दिनांक : १९-११-२०१९.
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला मंच, मेरठ द्वारा परिवाद सं0-२६७/२१५ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १३-०६-२०१८ के विरूद्ध योजित की गई है।
संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि प्रत्यर्थी/परिवादी के कथनानुसार परिवादी एक कृषक है तथा उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। परिवादी ने अपनी पुत्री सोनिया वर्मा के एम0बी0ए0 कोर्स सत्र २०१४-१५ में प्रवेश हेतु अपीलार्थी संस्थान में आवेदन किया था। परिवादी ने दिनांक १७-०७-२०१४ को १५,०००/- रू० बजरिए बैंक ड्राफ्ट प्रवेश हेतु यू0पी0टी0यू0 लखनऊ में जमा किया। परिवादी की पुत्री सोनिया वर्मा ने १,०००/- रू० पंजीकरण हेतु दिनांक ०४-०३-२०१४ को जमा
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किया। परिवादी की पुत्री सोनिया वर्मा के प्रवेश हेतु अपीलार्थी संस्थान द्वारा रोल नं0-३११०२०९० आबंटित किया गया किन्तु परिवादी की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण परिवादी की पुत्री सोनिया वर्मा अपीलार्थी संस्थान में प्रवेश नहीं ले सकी। ऐसी स्थिति में परिवादी द्वारा अपनी पुत्र सोनिया वर्मा के एम0बी0ए0 कोर्स हेतु जमा फीस १५,०००/- रू० की वापसी हेतु प्रार्थना की गई किन्तु अपीलार्थी द्वारा यह धनराशि वापस नहीं की गई। अत: सेवा में कमी अभिकथित करते हुए परिवाद योजित किया गया।
परिवाद के विपक्षी सं0-१/प्रत्यर्थी सं0-२ द्वारा प्रतिवाद पत्र जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत किया गया। परिवाद के विपक्षी सं0-१ के कथनानुसार परिवादी ने कथित धनराशि यू0पी0टी0यू0 लखनऊ में जमा की थी, प्रत्यर्थी शिक्षण संस्थान में नहीं। परिवादी की पुत्री ने संस्थान में प्रवेश नहीं लिया केवल पंजीकरण कराया। परिवादी को प्रथमवार आने पर ही अवगत करा दिया गया था कि यू0पी0टी0यू0 लखनऊ में कम्पटीशन के माध्यम से काउन्सिलिंग द्वारा जमा कराई गई धनराशि यू0पी0टी0यू0 लखनऊ के पास जमा है। यू0पी0टी0यू0 लखनऊ अपने स्तर पर ही जमा धनराशि की वापसी के सन्दर्भ में नियमानुसार निर्णय ले सकता है।
परिवाद के विपक्षी सं0-२/अपीलार्थी द्वारा कोई प्रतिवाद पत्र जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया।
जिला मंच ने प्रश्नगत निर्णय द्वारा परिवाद अपीलार्थी के विरूद्ध आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए अपीलार्थी को निर्देशित किया कि वह परिवादी को १३,०००/- रू० मय ०९ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज दिनांक १७-०७-२०१४ से भुगतान की तिथि तक अदा करे। इसके अतिरिक्त यह भी निर्देशित किया गया कि मानसिक व आर्थिक कष्ट के सम्बन्ध में ५,०००/- रू० क्षति धनराशि एवं २,०००/- रू० परिवाद व्यय के रूप में निर्णय की दिनांक से एक माह के अन्दर अदा करे।
इस निर्णय से क्षुब्ध होकर यह अपील योजित की गई।
हमने अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्तागण श्री राम गोपाल तथा श्री तेज सिंह एवं प्रत्यर्थी/परिवादी श्री अशोक कुमार जो व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए के तर्क सुने तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त अभिलेखों का अवलोकन किया। प्रत्यर्थी सं0-२ की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।
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अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रत्यर्थी/परिवादी की पुत्री सोनिया वर्मा यू0पी0एस0ई0ई0 की वर्ष २०१४ की परीक्षा में एम0बी0ए0 कोर्स के सत्र २०१४-१५ में प्रवेश हेतु सम्मिलित हुई थी। ५००/- रू० काउन्सिलिंग फीस के भुगतान के उपरान्त उसे नीलकंठ इन्स्टीट्यूट आफ टेक्नोलोजी, मोदीपुरम, मेरठ में प्रवेश हेतु सटी आबंटित हुई तथा उसे १५,०००/- रू० डिमाण्ड ड्राफ्ट के माध्यम से अपीलार्थी विश्वविद्यालय में ०३ दिन में जमा करने हेतु निर्देशित किया गया जिसे उसके द्वारा जमा किया गया। परिवादी की पुत्री द्वारा जमा की गई यह धनराशि उपरोक्त संस्थान में प्रवेश के उपरान्त ट्यूशन फीस में समायोजित की जानी थी किन्तु परिवादी की पुत्र द्वारा स्वेच्छा से प्रवेश नहीं लिया गया। परिवादी की पुत्री द्वारा जमा की गई धनराशि १५,०००/- रू० वापस किए जाने योग्य नहीं थी तथा इस धनराशि को ऐसी परिस्थिति में नियमानुसार स्वत: अपीलार्थी द्वारा जब्त किया जाना था। इस सन्दर्भ में अपीलार्थी द्वारा यू0पी0एस0ई0ई0 २०१४ के इन्फोर्मेशन ब्रोशर की प्रति दाखिल की गई जिसके पैरा-१५(९) में यह प्राविधान उल्लिखित है – ‘’ After allotment of seat, the candidates are required to deposit a ‘part of college/institute fee’ in form of Bank Draft of Rs. 15,000=00 at respective document verifaction centres/counseling centers within three days from the date of issue of allotment/admission letter (inclusive the date of issue of allotment letter), failing which the alloted seat will automatically be cancelled. This part of college/institute fee (Rs. 15,000) is adjustable against total fee payable at institution if candidate takis admission at allo9tted institute/university. This amount (Rs. 15,000) will be forfeited if the candidate does not take admission in allotted institution and requests for return of this fee in such case will not be entertained. ‘’
अपीलार्थी की ओर से यह तर्क भी प्रस्तुत किया गया कि जिला मंच ने प्रश्नगत निर्णय यू0पी0एस0ई0ई0 २०१६ के प्राविधानों के अनुसार पारित किया है जबकि निर्विवाद रूप से परिवादी की पुत्री द्वारा यू0पी0एस0ई0ई0 २०१४ की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की गई तथा सत्र २०१४-१५ के लिए नीलकंठ इन्स्टीट्यूट आफ टेक्नोलोजी, मोदीपुरम, मेरठ में प्रवेश हेतु उसे सीट आबंटित की गई।
यह तथ्य निर्विवाद है कि परिवादी की पुत्री द्वारा वर्ष २०१४ की यू0पी0एस0ई0ई0 की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की गई तथा नीलकंठ इन्स्टीट्यूट आफ टेक्नोलोजी, मोदीपुरम, मेरठ में उसे सत्र २०१४-१५ के लिए सीट आबंटित की गई। इसी सन्दर्भ में १५,०००/- रू० प्रत्यर्थी/परिवादी
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द्वारा अपीलार्थी के कार्यालय में जमा किया गया। ऐसी परिस्थिति में वर्ष २०१४ के प्राविधान ही प्रभावी होंगे न कि वर्ष २०१६ के। वर्ष २०१४ के प्राविधानों में फीस वापसी का प्राविधान नहीं है, बल्कि प्रवेश के उपरान्त जमा की गई धनराशि वापस न किए जाने का प्राविधान है। ऐसी परिस्थिति में अपीलार्थी द्वारा जमा की गई फीस वापस न करके सेवा में त्रुटि किया जाना नहीं माना जा सकता।
उपरोक्त तथ्यों के आलोक में हमारे विचार से जिला मंच द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय त्रुटिपूर्ण होने के कारण अपास्त करते हुए परिवाद निरस्त किए जाने योग्य है। अपील तद्नुसार स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। जिला मंच, मेरठ द्वारा परिवाद सं0-२६७/२१५ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १३-०६-२०१८ अपास्त करते हुए परिवाद निरस्त किया जाता है।
इस अपील का व्यय-भार उभय पक्ष अपना-अपना वहन करेंगे।
पक्षकारों को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
(उदय शंकर अवस्थी)
पीठासीन सदस्य
(गोवर्द्धन यादव)
सदस्य
प्रमोद कुमार,
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट-१.